Hardik Patel : BJP में जाने का इशारा, पर साफ़ कुछ नहीं कहा!

हार्दिक ने कहा 'गुजरात के लोग कांग्रेस को स्वीकार करने को तैयार नहीं

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Gandhinagar : गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें चल रही है। उन्होंने 10 दिनों में बड़ी घोषणा के संकेत दिए। उन्होंने पार्टी के साथी रहे जिग्नेश मेवाणी की टिप्पणियों पर भी जवाब दिया। गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे हार्दिक पटेल ने ट्वीट के जरिए कांग्रेस की सदस्यता छोड़ने का ऐलान किया था। वह लंबे समय से पार्टी की गतिविधियों को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे थे।

हार्दिक पटेल ने अगली पार्टी को लेकर कहा कि रास्ता तय हो चुका है और सभी को जल्दी पता लग जाएगा। हर व्यक्ति समाज का हित, राष्ट्र का हित, राज्य के हित समेत चार मुद्दों के साथ अपने राजनीतिक जीवन में आगे बढ़ता है। आगे जाकर मैं सब कुछ हासिल करूंगा जो कांग्रेस के साथ रहते नहीं कर सका। मैं गुजरात के लोगों के रास्ते पर चलूंगा और उनकी भलाई के लिए काम करूंगा।

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि जिन मुद्दों का मैंने जिक्र किया, उन पर काम करने के लिए कांग्रेस तैयार है। भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह अगले 10 दिनों में फैसले का ऐलान करेंगे। पटेल ने कहा कि मैं गुजरात में राजनीति में बीते कई सालों से हूं। कांग्रेस कई सालों से सत्ता में नहीं है। गुजरात के लोग कांग्रेस पार्टी को नहीं चाहते और उसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।

गुजरात के लोगों का झुकाव भारतीय जनता पार्टी को स्वीकार करने की ओर ज्यादा है। मैंने जिन 4 मुद्दों पर बात की वह सत्तारूढ़ पार्टी के साथ ज्यादा मेल खाते हैं। मेरा फैसला अगले 10 दिनों में सभी के सामने होगा।

कांग्रेस छोड़ने से परिवार खुश

पटेल ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने के उनके फैसले से परिवार काफी खुश है। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी और उसका परिवार कांग्रेस से इस्तीफा देने के मेरे फैसले से काफी खुश है। वे सालों से भाजपा की विचारधारा के साथ जुड़े रहे। जब मैं कांग्रेस में शामिल हुआ था, तब मेरी पत्नी के घरवालों ने कई बार मेरे फैसले पर सवाल उठाए। यहां तक कि जब पिता जीवित थे, तो वह कहा करते थे कि मैंने गलत पार्टी ज्वाइन कर ली है। अब मेरे परिवार में सब खुश हैं।’

मेवाणी पर कहने से इंकार

मेवाणी के आरोपों को लेकर पाटीदार नेता ने कहा कि इस तरह की बातें पार्टी के भीतर काफी होती हैं, जिसकी विचारधारा के साथ समझौता किया गया है। मेरी विचारधारा केवल जनहित है। कांग्रेस किसके लिए काम करती है? अगर आप यह कह रहे हैं कि जनहित के लिए काम करने से अगर मेरी विचारधारा बदल गई है, तो मैं कहूंगा हां मैंने विचारधारा बदल ली है। चाहे बात सामाजिक हित, राज्य के हित या राष्ट्र हित की हो, मैंने विचारधारा बदली है। उन्होंने मेवाणी को लेकर कुछ भी कहने से इनकार किया।