MPPSC की परीक्षा पास कर हर्ष बने DSP

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MPPSC की परीक्षा पास कर हर्ष बने DSP

उज्जैन से अजेंद्र त्रिवेदी की रिपोर्ट

उज्जैन के एक मिडिल क्लास फैमिली के छात्र ने निरंतर बिना किसी कोचिंग के तैयारी करके मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग (MPPSC)की राज्यसेवा परीक्षा क्रेक कर डीएसपी का पद हासिल कर लिया है । इसके पहले वह सहायक संचालक जनसंपर्क के पद पर भी चयनित हो चुके हैं । कोविड के दौरान उन्होंने घर पर रहकर पढ़ाई की और बिना कोचिंग के सफल हुए ।
अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने माता-पिता के द्वारा निरंतर पढ़ाई के लिए प्रेरित करना और गुरुओं के आशीर्वाद को दिया है। अत्यंत ही विनम्र स्वभाव के हर्ष राठौर ने दृढ़ता के साथ अपनी तैयारी जारी रखी। जहां से भी ज्ञान उपलब्ध हुआ लिया , वरिष्ठ जनों की सलाह ली और अपना रास्ता सफलतापूर्वक तय करते हुए मंजिल पर पहुंचे ।
उज्जैन के अब्दालपुरा क्षेत्र में रहने वाले व्यावसायिक परिवार के हर्ष राठौर बताते हैं कि उनके परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं था । उन्होंने जी एस आई टी एस इंदौर से बीटेक किया । बीटेक के दौरान ही तय कर लिया कि उन्हें प्रशासनिक सेवाओं में जाना है। टेक्निकल नॉलेज के साथ प्रशासनिक सेवा में जाने से तकनीक का उपयोग प्रशासन के कार्यों में अच्छी तरह से कर सकेंगे ।उन्होंने कहा कि उनके पिता सामाजिक कार्यों में लगे रहते थे और सामाजिक सेवा से उनको संतोष मिलता था । उसी संतोष को देखकर वह प्रशासनिक सेवाओं में जाने के लिए तत्पर हुए।
लोक सेवा आयोग के वर्तमान पैटर्न की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि इस पैटर्न से सभी को समान रूप से अवसर मिल रहे हैं । चाहे वह साइंस पढ़ा हो या आर्ट। उन्होंने कहा वर्तमान पद्धत्ति से ग्रामीण पृष्ठभूमि के कई छात्र चयनित हो रहे हैं । मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली राज्य सेवा परीक्षा में वे पिछले 2018 से बैठ रहे हैं व हर साल प्रिलिमनरी और मेंस आदि क्लियर कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि यदि अभ्यर्थी ईमानदारी से 2 वर्ष तक पढ़ाई करें तो निश्चित रूप से वह सफल हो सकता है।
हर्ष राठौर ने कहा की लोकसेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी करते समय प्राप्त होने वाले ज्ञान का लाभ जीवन में हर कदम पर मिलता है। चाहे परीक्षा में सफल हो या ना हो। चयनित न हो पाने वाले अभ्यर्थियों को निराश नहीं होना चाहिए। परीक्षा की तैयारी दौरान अर्जित ज्ञान उनके जीवन को सफल बनाने में सहायक सिद्ध होगा। हर्ष बताते हैं की सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। ना ही सफलता को किसी परीक्षा में पास होने से आकलन करना चाहिए। लोकसेवा आयोग की परीक्षा के फाइनल राउंड तक पहुंचने वाले छात्रों में 3 में से एक व्यक्ति का ही अंतिम चयन होता है । दो लोगों को एलिमिनेशन का सामना करना पड़ता है ।
उन्होंने कहा कि इस एलिमिनेशन राउंड से बाहर होने वाले छात्र निराश ना हो जीवन में उन्हें कहीं ना कहीं अवसर अवश्य मिलेगा। साथ ही उनका मानना है कि केंद्र व राज्य सरकारों को इस दिशा में सोचना चाहिए कि यू पी एस सी व पी एस सी की परीक्षा के अंतिम राउंड में पहुंचने वाले सभी लोग एक समान योग्यता रखते हैं और इन लोगों के लिए अन्य अवसर उपलब्ध हो इसके प्रयास किया जाये तो अच्छा हो ।
तैयारी के विभिन्न स्तरों पर उनका कहना है कि व्यक्ति को प्री, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के लिए अलग-अलग तैयारी के बजाय समग्र रूप से अध्ययन कर तैयारी करना चाहिए। 12वीं पास करने बाद ही छात्र यदि प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना देखते हैं तो उन्हें एनसीईआरटी की विभिन्न किताबों को बार-बार पढ़ना चाहिए ।12वीं के स्तर का ज्ञान ही ऊपर तक उन्हें सफलता दिलवाने में सहायता करेगा। उनका मानना है कि कान्वेंट स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को हिंदी पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग (MPPSC)की मुख्य परीक्षा में एक प्रश्न पत्र हिंदी का होता है जिसके 200 अंक होते हैं जो चयन में निर्णायक सिद्ध होते हैं । अतः अपनी मातृभाषा को भूलकर भी नहीं छोड़े ।