हजारीप्रसाद द्विवेदी की नातिन Apala Mishra ने UPSC क्रेक किया, IFS के जरिए भारत को विश्वगुरु बनाएंगी

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साहिबाबाद की Apala मिश्र (अपाला मिश्रा) ने UPSC में नौवीं रैंक हासिल की। नतीजे के बाद उनके घर बधाइयों का तांता लग गया। Apala Mishra का कहना है कि वे IFS (भारतीय विदेश सेवा) में जाकर बेहतर विदेश नीति बनाने के लिए काम करना चाहती हैं। उनका लक्ष्य इसी दिशा में काम कर भारत को विश्वगुरु बनाना है।

अपाला मिश्रा साहित्यकार आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की नातिन हैं। वे बस्ती के सिविल लाइन के कर्नल अमिताभ मिश्रा की बेटी हैं। उनकी मां अल्पना दिल्ली विश्वविद्यालय में हिदी की प्रोफेसर व प्रसिद्ध साहित्यकार हजारी प्रसाद प्रसाद द्विवेदी की भतीजी हैं। अल्पना भी देश की जानी मानी साहित्यकार हैं। उनके भाई अभिलेख आर्मी में मेजर हैं।

हैदराबाद के आर्मी कालेज आफ डेंटल साइंसेज से बीडीएस करने के बाद Apala ने UPSC की तैयारी शुरु की। उनका लक्ष्य देश सेवा था, इसके चलते उन्होंने BDS किया। हालांकि, बाद में अहसास हुआ कि वैश्विक स्तर पर देश सेवा करने के लिए सिविल सेवा में जाना होगा। इसके बाद उन्होंने IFS को लक्ष्य बनाते हुए तैयारी की। तीसरे प्रयास में उन्होंने 9वीं रैंक हासिल की है।

आईआईएमसी के प्रमुख संजय द्विवेदी के साथ मिश्रा परिवार

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तीसरे प्रयास में सफलता
अपाला ने बताया कि 2018 व 19 के प्रयास में असफल रहीं थीं। लेकिन, असफलता कभी रुकावट नहीं बनीं। अक्टूबर 2020 में तीसरी बार परीक्षा दी, जनवरी 2021 में Mens दिया, अगस्त में साक्षात्कार हुआ। जब शुक्रवार को UPSC का रिजल्ट आया तो पता चला कि अपाला ने देश में 9वीं रैंक हासिल की। अपाला का कहना है कि उन्होंने IFS का विकल्प चुना है। वे अन्य देशों के साथ भारत के रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहती हैं। साथ ही भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए भारतीय सभ्यता को अन्य देशों तक पहुंचाना चाहती हैं। कोरोना जैसी महामारी में तमाम देश भारत के साथ खड़े हुए। लेकिन, अभी और बेहतर किया जा सकता है।

आत्मविश्वास ने सफलता दिलाई
अपाला का कहना है कि तैयारी के दौरान जो खुद को ठीक लगे वह करें। मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के साथ निरंतर पढ़ाई करें। मानसिक तनाव न लें। जब भी पढ़ाई करें मन लगाकर करें। उन्होंने नियमित सात घंटे तक की पढ़ाई की और मुकाम हासिल किया।