Health Secretary Letter : कोरोना के केस कम हो गए तो गैर जरूरी प्रतिबंध भी हटाएं

स्वास्थ्य सचिव ने लिखा 'राज्य प्रतिबंधों की समीक्षा करने के साथ इनमें संशोधन करें

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New Delhi : केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि कोरोना के घटते मामलों के बीच प्रतिबंधों की समीक्षा (Review of Sanctions) करें। जरूरत हो, तो लगाए प्रतिबंधों में छूट दे और सख्ती कम करें। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Union Health Secretary Rajesh Bhushan) ने सभी राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी (Letter to all States and Union Territories) लिखकर कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लगाए गए प्रतिबंधों की फिर से समीक्षा करने के लिए कहा है।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि देशभर में कोरोना के मामलों में कमी देखी जा रही है। ऐसे में राज्यों को प्रतिबंधों की समीक्षा करने के साथ इनमें संशोधन करना चाहिए। अगर जरूरत पड़े तो वे अतिरिक्त प्रतिबंधों को हटा भी सकते हैं। अपनी चिट्ठी में लिखा है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस की बदली स्थिति के बीच कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए जो नियम लागू किए गए थे, उनकी समीक्षा हुई है।

इसी हिसाब से स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए 10 फरवरी से नए नियम लागू कर दिए हैं। गौरतलब है कि सरकार की नई गाइडलाइंस में विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए अनिवार्य क्वारंटाइन के नियम को भी खत्म कर दिया (Quarantine Rule was also Abolished) गया है। उन्होंने कहा कि साल के शुरुआती महीनों में कोरोना की रफ्तार को देखते हुए कई राज्यों ने एयरपोर्ट्स और राज्य की सीमाओं पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए थे। हालांकि, जहां कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य प्रबंध चुस्त रखना जरूरी है। वहीं राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही और आर्थिक गतिविधियों में कोई रुकावट न आए ये सुनिश्चित करना भी जरूरी है।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मौजूदा समय में भारत में कोरोना केसों में कमी देखी जा रही है। इसलिए राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ये बेहतर होगा कि वे अतिरिक्त प्रतिबंधों की समीक्षा करें (Review Additional Restrictions) और इनमें बदलाव करें या फिर इन्हें हटा दें। हालांकि, राज्यों को अपने यहां आने वाले केसों की निगरानी भी जारी रखनी चाहिए। वे चाहें तो कोरोना को रोकने के लिए पांच चरण की नीति अपना सकते हैं। इसके तहत राज्य टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-वैक्सीनेशन और कोरोना अनुरूप व्यवहार का नियम लागू कर सकते हैं।