Heart Ruffled : दो मासूमों सहित चार शव यात्राएं, जिसने भी देखा वो रो पड़ा
Indore : मंगलवार को बाणगंगा थाना क्षेत्र में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें जिंदगी से हारे एक युवक ने पत्नी और दो मासूम बच्चों को जहर देकर मारने के बाद खुद भी आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के बाद सनसनी फैल गई! जब दंपत्ति और दो मासूमों की शव यात्रा एक साथ निकली तो हर आंख नम हो गई। चारों को अंतिम विदाई देते समय सभी रो पड़े। मामले की जांच के लिए पुलिस कमिश्नर द्वारा एसआईटी गठित की गई है।
भागीरथपुरा इलाके में एक साथ चार अर्थी उठी तो जिसने भी यह देखा उसकी आंख नम हो गई। बेटी याना को नई फ्रॉक तो बेटे दिव्यांश को नई ड्रेस पहनाई गई। लाठी के सहारे चलने की उम्र में अपने नाती, पोते के शव गोद में उठाए जब नाना और दादा चलते दिखे, तो उस बोझ का अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा था। हर आंख नम थी। भाई हाथ में मटकी थामे रोता रहा।
मुक्तिधाम में पति अमित यादव और पत्नी टीना का अंतिम संस्कार किया गया। बच्चे याना और दिव्यांश के शवों को दफनाया गया। सागर के अमित यादव ने बच्चों व पत्नी को मारने और खुद आत्महत्या करने से एक दिन पहले ही दो पेज का सुसाइड नोट लिखा था। जिसमें उसने बताया कि वह अपनी मां और छोटे भाई से बहुत प्यार करता था। उसने लिखा ‘जीने की आरजू है मेरी … लेकिन अब हालात ऐसे नहीं। मैं वापस आऊंगा भाई, तू बहुत बड़ा आदमी बनेगा’, वहीं मां के लिए लिखा ‘मम्मी मैं जा रहा हूं।
तीन लाख का कर्ज
अमित ने ऑनलाइन एप से लोन लिया था, किश्तें नहीं चुका पाने के कारण उसने आत्मघाती कदम उठाया। सागर से इंदौर आकर टेलीकॉम कंपनी में काम कर रहे अमित यादव ने मंगलवार को पहले अपनी तीन साल की बेटी, डेढ़ साल के बेटे और पत्नी को जहर देकर उनकी जान ले ली, उनकी मौत की पुष्टि होते ही वह खुद भी मुंह पर कपड़ा बांधकर फंदे पर झूल गया। अमित पर करीब तीन लाख रुपए का कर्ज था। सुसाइड नोट में उसने यह भी लिखा कि मरने के बाद लोन चुकाने की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए मेरे परिवार का कोई भी सदस्य लोन की किश्तें जमा न करें।
नए कपड़े पहनाए
बुधवार को वाले अमित यादव, उनकी पत्नी टीना, बेटी याना और बेटे दिव्यांश के शव जैसे ही उनके नाना रमेश यादव के घर पहुंचे, तो महिलाएं फूट-फूट कर रोने लगी। वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम थीं। यहां याना को नई फ्रॉक तो बेटे दिव्यांश को नई ड्रेस पहनाई गई। इसके बाद याना के शव को उसके दादा आजाद यादव और दिव्यांश के शव को नाना रमेश यादव ने अपने हाथों में लिया हुआ था। पूरी कॉलोनी में महिलाएं और बच्चे शवयात्रा को घरों की छत और खिड़कियों से झांक कर देख रहे थे।
अमित यादव और टीना का शव लेकर परिवार के लोग पीछे चल रहे थे। अंतिम यात्रा शुरू होते ही हाथ में मटकी उठाए अमित का छोटा भाई शक्ति रो पड़ा। वह चीखकर बोला कि भाई एक बार बात तो कर लेता। इस दौरान आसपास के लोगों ने उसे संभाला। बाद में शव वाहन में शवों को रखकर परिवार के लोग पंचकुइयां मुक्तिधाम लेकर पहुंचे।
भाई ने मुखाग्नि दी
मुक्तिधाम पर पहुंचने के बाद यहां भाई शक्ति यादव ने अमित और भाभी टीना के शव को मुखाग्नि दी। यहां परिवार और समाज के लोग भी इकट्ठा हुए। बच्चों के शवों को सीने से लगाए दादा आजाद यादव और नाना रमेश यादव काफी देर तक रोते रहे।
गृहमंत्री की घोषणा
इस मामले में प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी दुख जताते हुए इंदौर पुलिस कमिश्नर को इस एप लोन के तरीके की जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, यदि एप लोन के तरीके आपत्तिजनक मिले तो कार्रवाई की जाएगी। गृहमंत्री के आदेश के बाद पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने एसआईटी गठित करने के आदेश दिए। धेर्यशील येवले को इसका प्रभारी बनाया है। वे जल्द ही टीम गठित कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। गृहमंत्री के आदेश के बाद पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने एसआईटी गठित करने के आदेश दिए।