
शीतलता और स्थिरता का प्रतीक ‘हेमंत’ अब भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
आखिरकार भाजपा को नया अध्यक्ष मिल ही गया। संगठन में बदलाव को लेकर भाजपा ने जो स्क्रिप्ट लिखी थी, अंत तक उस पर ही आगे बढ़ती गई और अंततः मध्यप्रदेश भाजपा को नया अध्यक्ष ‘हेमंत’ खंडेलवाल के रूप में मिल ही गया। भाजपा में अपवादों को छोड़कर निर्विरोध निर्वाचन की ही लंबी परंपरा रही है। और इसका प्रमाण ही हेमंत खंडेलवाल के निर्वाचन के रूप में सामने आया है। इससे पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि जैसा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों में मुख्यमंत्री पद पर निर्वाचन में भाजपा के नवाचार सामने आते रहे हैं, वैसा संगठन के मुखिया के चयन में भाजपा की लाइन नहीं है। संघ के चेहरे के रूप में हेमंत खंडेलवाल का नाम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के उत्तराधिकारी के लिए पहले दिन से लिया जा रहा था और वही रुझान अंत तक सर्वमान्य रहा। और हेमंत के नाम में ही वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा सहित पूरी भाजपा शामिल हो गई। अब यही कहा जा सकता है कि बस औपचारिक घोषणा बाकी है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बन रहे बैतूल विधायक हेमन्त खंडेलवाल सत्ता और संगठन के बीच समन्वय के कुशल संगठक हैं। उनके पिता और दिग्गज भाजपा नेता विजय कुमार खंडेलवाल 1996 से 2004 तक लगातार चार बार बैतूल सांसद रहे। 2007 में विजय कुमार खंडेलवाल के निधन के बाद हुए लोकसभा उपचुनाव में पहली बार हेमन्त खंडेलवाल ने चुनाव लड़ा और कांग्रेस के सुखदेव पांसे को हराकर सीधे सांसद बनकर राजनीति में एंट्री ली। 2008 में हुए परिसीमन में बैतूल लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हो गई, तब पार्टी ने हेमन्त खंडेलवाल की योग्यता देखते हुए उन्हें 2010 में बैतूल बीजेपी का जिला अध्यक्ष बनाया। 2013 में हेमन्त खंडेलवाल ने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज करते हुए विधानसभा पहुंचे। हेमन्त खण्डेलवाल भाजपा की कुशाभाऊ ठाकरे भवन निर्माण समिति के प्रमुख भी रहे और उनके निर्देशन में पूरे प्रदेश के कई जिलों में भाजपा के भव्य भवन बनकर तैयार हुए। 2018 के विधानसभा चुनाव में हेमन्त खंडेलवाल को हार का सामना करना पड़ा लेकिन संगठन में उनका सफर लगातार आगे बढ़ता रहा। 2023 के विधानसभा चुनाव में हेमन्त खंडेलवाल ने कांग्रेस के निलय डागा को बड़े अंतर से मात दी और दूसरी बार विधानसभा सदस्य बने। हेमन्त खंडेलवाल सत्ता और संगठन के बीच समन्वय बनाने के लिए जाने जाते हैं। देश के कई राज्यों में हुए चुनावों में मिली जिम्मेदारियों को उन्होंने बखूबी निभाया। यही वजह है कि भोपाल से दिल्ली तक उनका चेहरा सर्वमान्य है और अध्यक्ष पद के लिए विष्णु दत्त शर्मा के उत्तराधिकारी के तौर पर अंत तक सर्वमान्य बना रहा।
हेमंत नाम के अर्थ पर गौर करें तो यह सर्दियों के मौसम के लिए एक नाम है।यह शीतलता और स्थिरता का प्रतीक है।
अंग्रेजी में हेमंत के हर अक्षर के अनुसार नाम का प्रत्येक अक्षर एक विशिष्ट अर्थ रखता है, जो नाम की समग्र प्रकृति का वर्णन करता है। एच बड़े सपने देखने की क्षमता और वित्तीय सूझबूझ से मेल खाता है। यह जोखिम उठा सकते हैं, और इनकी रचनात्मकता दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करती है। इ का मतलब यह लोग स्वतंत्रता और उत्साह से भरे रहते हैं, जीवन के रोमांच को उत्साह के साथ अपनाते हैं। अलग-अलग दृष्टिकोणों को देखने की इनकी क्षमता इनको एक बेहतरीन संचारक बनाती है। एम यानि ऊर्जावान और समर्पित यह मेहनती व्यक्ति हैं जो स्थिरता को महत्व देते हैं और घरेलू जीवन के आराम का आनंद लेते हैं।ए यानि यह एक जन्मजात नेता हैं, इनकी मानसिकता स्वतंत्र है, यह अपने कार्यों में महत्वाकांक्षी हैं और सदैव उत्कृष्टता के लिए प्रयासरत रहते हैं। एन यानि समस्या समाधान के प्रति इनका दृष्टिकोण रचनात्मक और अपरंपरागत है, यह हमेशा लीक से हटकर सोचते हैं और अपने विश्वासों पर अडिग रहते हैं।टी यानि यह गतिशील वातावरण में पनपते हैं, निडरता से नई चुनौतियों का सामना करते हैं। इनका साहसी स्वभाव इनको रिश्तों और काम में दृढ़ निश्चयी बनाता है।
खंडेलवाल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले हैं। हेमंत खंडेलवाल का जन्म 3 सितंबर 1964 को मथुरा में हुआ था। खंडेलवाल को राजनीति और समाजसेवा के संस्कार अपने पिता स्वर्गीय विजय कुमार खंडेलवाल से विरासत में मिले हैं। हेमंत खंडेलवाल ने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दी है। क्षेत्र के विकास, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और किसानों के मुद्दों पर वे हमेशा मुखर और सक्रिय रहे हैं। उनके प्रयासों से बैतूल में कई विकास योजनाएं क्रियान्वित की गईं, जिनका आमजन को सीधा लाभ मिला है। तो जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी बतौर उन्होंने बैतूल के आम पार्टी कार्यकर्ताओं को खास बनाया है। और संगठन की प्रादेशिक जिम्मेदारी के निर्वहन में पार्टी को सशक्त और संसाधनों से समृद्ध बनाया है। अब प्रदेश में संगठन के शीर्ष पद पर रहते भी वह हर कठिन परीक्षा में सफल होंगे, इसमें कोई संशय नजर नहीं आता। और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में विष्णु दत्त शर्मा ने 5 साल 4 माह 15 दिन की और पार्टी के मानकों पर परिणामोन्मुखी उपलब्धियों से भरी जो लंबी लकीर खींची है, उसको हेमंत खंडेलवाल स्थायित्व के साथ आगे बढ़ाएंगे…।





