“चेतना को झकझोरती  हैं हेमंत की कविताएं” राजेश जोशी

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“चेतना को झकझोरती  हैं हेमंत की कविताएं” राजेश जोशी

हेमंत स्मृति कविता सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि राजेश जोशी ने पूनम भार्गव ज़ाकिर को उनके कविता संग्रह “नाच” (बोधी प्रकाशन) के लिए अपने करकमलों द्वारा २३वां हेमंत स्मृति कविता सम्मान प्रदान करते हुए अपने उद्बोधन में कहा – हेमंत की कविताएं चेतना को झकझोरती हैं । लगता है हेमंत  ने मुंबई की सड़कों पर घूमते हुए सुख-दुख की कविताओं में जीवन के संघर्षों को लिखा है । उन्होंने आगे कहा किसी लेखक में संभावनाओं की पदचाप बहुत पहले ही सुनाई दे जाती है।
24 फरवरी 2024 भोपाल के पलाश रेजिडेंसी होटल के विमर्श सभागार में हेमंत फाउंडेशन द्वारा “हेमंत स्मृति कविता सम्मान”कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन एवं अर्चना पंड्या द्वारा गाई सरस्वती वंदना से हुआ।
हेमंत फाउंडेशन की संस्थापक/ अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने अपने स्वागत भाषण में सभी का स्वागत करते हुए अध्यक्ष राजेश जोशी को साहित्य जगत का चमकता सितारा कहते हुए बताया कि उन्हें साहित्य जगत का देवानंद भी कहा जाता है।”
विशिष्ट अतिथि हरीश पाठक ने हेमंत से जुड़ी यादों का स्मरण करते हुए उनकी कविताओं की विवेचना की। फाउंडेशन की संस्थापक/ सचिव प्रमिला वर्मा ने हेमंत के कविता संग्रह ‘मेरे रहते’ से कुछ कविताओं को पढ़कर उनके जीवन से संबंधित यादों को सुनाया तो माहौल मार्मिक हो गया। सभी की आंखें नम हो गईं।

तीसरे
विशिष्ट अतिथि राजेश श्रीवास्तव ने कहा “संवेदनाओं की कोई विधा नहीं होती उनकी अभिव्यक्ति किसी भी विधा में की जा सकती है।”
प्रयागराज से आई सरस दरबारी ने हेमंत फाउंडेशन एवं संलग्न अंतरराष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच की स्थापना के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए उसके विजन- मिशन और मूल्यों को स्पष्ट किया।
पूनम ज़ाकिर ने अपनी लम्बी कविता ‘नाच’ का पाठ किया।
समारोह का संचालन करते हुए मुजफ्फर सिद्दीकी ने हेमंत का स्मरण करते हुए कहा कि उसकी कविताएं कालजयी हैं।
महिमा श्रीवास्तव वर्मा ने आभार व्यक्त किया। आगरा से आए मशहूर शायर जा़किर सरदार की आवाज़ में पूनम भार्गव ज़ाकिर की कविता ‘नाच’ का वीडियो डिस्प्ले किया गया।

इस अवसर पर काव्य पाठ का आयोजन हुआ जिसमें विभिन्न प्रदेशों से आए कवियों ने अपनी कविताओं और ग़ज़लों का सस्वर पाठ किया।इस सत्र  को विशेष अतिथि डॉ .स्वाति तिवारी ने संबोधित करते हुए कहा कि एक ही मंच से इतनी विविधता भरी रचनाएँ सुनना एक अलग और अनूठा  अनुभव है.विश्व मैत्री मंच पर देश भर के रचनाकारों को अलग अलग विषयों पर सुना .डॉक्टर संजीव कुमार ( इंडिया नेट बुक्स प्रकाशन) सुषमा मुनींद्र (सतना) मल्लिका मुखर्जी, निवेदिता झा , डॉ सविता चड्ढा, डा. उपेंद्रनाथ रैना, प्रीति मिश्रा, डॉक्टर शुभ्रा, शकुंतला मित्तल ( सभी दिल्ली से ) कमलेश पाठक (मुंबई) अलका अग्रवाल, साधना वैद , सुषमा सिंह (आगरा) साकेत सुमन चतुर्वेदी (झांसी) ,अर्चना मिश्र, सुप्रसिद्ध कथाकार हरि भटनागर
कवयित्री क्षमा पांडेय, जया केतकी शर्मा,रानी सुमीता, साहित्यकार मुकेश वर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार हीरालाल नागर, एवं भोपाल से आए हुए अनेक गणमान्य साहित्यकार एवं पत्रकार टीवी चैनल के पत्रकार आदि से समारोह की गरिमा महत्वपूर्ण रही।

विलुप्त हो रही साहित्य की विधा पहेलियों पर केन्द्रित पुस्तक “मन का पिटारा”