Indore : शहर की ऐतिहासिक इमारतों को देखने के लिए अब पर्यटकों को उसका शुल्क देना होगा। इसकी शुरुआत हरिराव होलकर छतरी से कर दी गई। ऐतिहासिक छतरी को देखने का शुल्क 10 रुपए वसूला जा रहा है। आने वाले समय में राजवाड़ा और गोपाल मंदिर सहित अन्य ऐतिहासिक धरोहर के लिए भी शुल्क लिए जाने की योजना है।
स्मार्ट सिटी कंपनी (Smart City Company) द्वारा शहर की ऐतिहासिक धरोहरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। धरोहर के जीर्णोद्धार करने के साथ ही इन्हें संवारने के अलावा पुराने स्वरूप में भी लौटाया जा रहा है। इन पर स्मार्ट सिटी कंपनी करोड़ो रुपये खर्च कर रही है। जिन ऐतिहासिक इमारतों के कायाकल्प का काम चल रहा, उनमें राजवाड़ा, गोपाल मंदिर, गांधी हॉल, हरिराव होलकर छतरी और बोलिया छतरी शरीक है। इनमें हरिराव होलकर और गांधी हॉल के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो गया है। बोलिया छतरी का काम अंतिम चरण में है।
करोड़ों रुपए खर्च करके संवारे जा रहे इन ऐतिहासिक धरोहरों के रखरखाव के लिए आने वाले समय में फंड की व्यवस्था अभी से की जा रही है। फंड की व्यवस्था पर्यटकों से की जाएगी। यहाँ आने वाले पर्यटकों को ऐतिहासिक इमारतों को देखने और घूमने के लिए शुल्क देना होगा। स्मार्ट सिटी कंपनी ने इसकी शुरुआत कर दी।
पर्यटकों से हरिराव होलकर छतरी को देखने का शुल्क 10 रुपए प्रति पर्यटक वसूला जा रहा है। वही प्रोफेशनल वीडियो शूटिंग व फोटो शूट करने के लिए 5 हजार रुपए लिए जा रहे है। इसी प्रकार गाँधी हॉल में कार्यक्रम करने के लिए भी शुल्क लिया जा रहा है। आने वाले समय में राजवाड़ा और गोपाल मंदिर को देखने का भी शुल्क वसूले जाने की योजना है।
स्मार्ट सिटी कंपनी (Smart City Company) के सीईओ ऋषभ गुप्ता (CEO Rishabh Gupta) ने बताया कि ऐतिहासिक धरोहरों के जीर्णोद्धार पर करोड़ों खर्च किए जा रहे है। इन इमारतों की देखभाल बेहतर तरीके से हो सके, इसके लिए अतिरिक्त फंड की जरूरत पड़ेगी। लिहाजा इसकी व्यवस्था करना जरूरी है। सीईओ गुप्ता के अनुसार अभी हरिराव होलकर छतरी देखने के लिए शुल्क लिया जा रहा है। राजवाड़ा और गोपाल मंदिर को लेकर ट्रस्टी और स्मार्ट सिटी बोर्ड में चर्चा की जाएगी।