

High Court Instructions : जिस पुलिस अफसर ने डकैतों को मारा उसे 15 अगस्त को वीरता पुरस्कार दें, हाई कोर्ट के निर्देश!
Indore : केंद्र सरकार को एक अवमानना याचिका पर हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने आदेश दिया कि जिस पुलिस अफसर ने डकैतों को मुठभेड़ में मारा, उसे 15 अगस्त को वीरता पुरस्कार दिया जाए। हाई कोर्ट ने गत दिसंबर में पुरस्कार देने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार ने इसका पालन नहीं किया। इस पर यह अवमानना दायर की गई थी।
24 जून 2003 को 22 साल पहले ग्वालियर जिले में पुलिस अफसर विवेक सिंह ने डकैतों का एनकाउंटर किया था। इस बहादुरी पर उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक ‘वीरता पुरस्कार’ देने की अनुशंसा की गई थी। लेकिन, मामला केंद्र सरकार के पास अटक गया। कई सालों तक निराकरण नहीं होने पर उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
इसमें केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा गृह मंत्रालय की गाइड लाइन के मुताबिक तय समय में यह प्रस्ताव नहीं भेजा था, इसलिए मामला लंबित है। राज्य सरकार द्वारा पेश जवाब में कहा गया था कि नियम के अनुसार घटना के एक वर्ष के भीतर 18 दिसंबर 2003 को ही प्रदेश सरकार केंद्र सरकार को अनुशंसा भेज चुकी थी।
केंद्र और राज्य सरकार के तर्क सुनने के बाद हाई कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए भारत सरकार को निर्देशित किया कि वह यह सुनिश्चित करे कि याचिकाकर्ता को एक महीने के भीतर वीरता पुरस्कार मिले।
याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट मृगेंद्र सिंह ने तर्क रखे थे। चार माह बीतने के बाद भी आदेश का पालन नहीं हुआ, तो अवमानना दायर की गई थी। मंगलवार को हाई कोर्ट ने 15 अगस्त के आयोजन में पुरस्कार देने के आदेश दिए।