
राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49(6) को चुनौती देने वाली याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी करने के आदेश
जबलपुर: राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49(6) को चुनौती देने वाली एक याचिका में उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी करने के आदेश दिए गए हैं।
इस संबंध में मध्यप्रदेश पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आमोद सक्सेना द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वित्त विभाग ने दिनांक 30 अक्टूबर 2000 को परिपत्र जारी कर एकीकृत मध्य प्रदेश के पेंशनरी दायित्वों का निर्धारण जनसंख्या अनुपात में करते हुए मध्यप्रदेश से 73.38 एवं छत्तीसगढ़ से 26.62 निर्धारित कर दोनों राज्यों से पेंशनरी दायित्वों की वसूली हेतु महालेखाकार मध्यप्रदेश एवं छग को अधिकृत किया गया। वर्ष 2001 से दोनों राज्यों के महालेखाकार द्वारा एकीकृत मध्यप्रदेश के पेंशनरी दायित्वों की वसूली तालिका में महंगाई राहत राशि वसूली का उल्लेख नहीं है, इसी को लेकर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष आमोद सक्सेना एवं नर्मदापुरम के अध्यक्ष दिनेश चतुर्वेदी
ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक WP 31443/2024 दायर की थी ।
मध्य प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के अंतर्गत उत्तरवर्ती मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को महंगाई राहत देने से पूर्व आपस में ली जा रही सहमति को पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा चुनौती देने वाली याचिका में 23 जुलाई को सुनवाई के बाद मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के जस्टिस माननीय श्री विवेक जैन ने गृह मंत्रालय, भारत सरकार, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के सामान्य प्रशासन एवं वित्त विभाग को नोटिस जारी कर आगामी सुनवाई 8 सितंबर 2025 नियत की है । प्रकरण की पैरवी अधिवक्ता कपिल शर्मा ने की ।
संगठन के संरक्षक गणेश दत्त जोशी एवं भोपाल के अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने प्रदेश के पेंशनरों को महंगाई राहत देने में भेदभाव करने एवं अपने ही आदेश का पालन नहीं करने का आरोप मध्यप्रदेश वित्त विभाग पर लगाते हुए केंद्र के समान पूर्व के सभी बकाया महंगाई राहत देने के आदेश शीघ्र जारी करने की मांग की है।





