High Court’s Strictness : TI समेत 6 पुलिसकर्मियों पर FIR के निर्देश, थाने के स्टॉफ का जिले से 900किमी दूर तबादले का हाईकोर्ट का आदेश!  

जानिए, क्या था मामला जिसमें हाईकोर्ट ने इतने सख्त निर्देश दिए!

875

High Court’s Strictness : TI समेत 6 पुलिसकर्मियों पर FIR के निर्देश, थाने के स्टॉफ का जिले से 900किमी दूर तबादले का हाईकोर्ट का आदेश!

 

Anuppur : जिले में एक युवक के साथ थाने में पिटाई के बाद फर्जी केस बनाने के मामले में सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने टीआई सहित 6 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। घटना के दौरान भालूमाड़ा थाने में पदस्थ पूरे स्टॉफ का तबादला अनूपपुर जिले से 900 किमी दूर करने का आदेश मध्यप्रदेश के डीजीपी को दिया है।

यह मामला 17 सितंबर 2023 का अनूपपुर जिले के भालूमाड़ा थाने का है। जिले के जैतहरी में मोजरबेयर कंपनी में याचिकाकर्ता अखिलेश पाण्डेय सुपरवाइजर के पद पर काम करते थे। उनकी कंपनी के ट्रक राख लेकर जा रहे थे। कुछ ग्रामीणों ने राख के ट्रकों को रोक लिया। जिसकी सूचना अखिलेश पाण्डेय ने भालूमाड़ा थाने में दी। विवाद को सुलझाने भालूमाड़ा थाने से आरक्षक मकसूदन सिंह मौके पर पहुंचा। और उसने ट्रक निकलवाने के एवज में 5 हजार की रिश्वत मांगी।

इसी बात को लेकर उसमें और अखिलेश पाण्डेय में विवाद होने लगा। विवाद के बीच आरक्षक ने थाने में फोन कर दिया। जिसके बाद टीआई आरके धारिया स्टॉफ के साथ मौके पर पहुंचे और अखिलेश पाण्डेय को अपने साथ थाने ले आए। थाने में अखिलेश के साथ जमकर मारपीट की गई और एक पुलिसकर्मी द्वारा अपनी वर्दी फाड़कर झूठा केस बनाते हुए उनके ऊपर कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया। अखिलेश पाण्डेय ने इसकी शिकायत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से की, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।

कुछ महीनों बाद टीआई का भालूमाड़ा थाने से ट्रांसफर हो गया। अखिलेश पाण्डेय ने सूचना के अधिकार के अंतर्गत आवेदन लगाकर घटना दिनांक के सीसीटीवी फुटेज हासिल कर लिए। एसपी अनूपपुर ने भी मामले में कोई कार्यवाही नहीं की, तो पीड़ित अखिलेश ने हाईकोर्ट में अपने वकील अभिषेक पांडे द्वारा अर्जी लगाई।

पूरे सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने 41 पृष्ठ का आदेश सुनाया। आदेश में हाइकोर्ट ने टीआई सहित 6 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। साथ ही प्रदेश के डीजीपी को 18 फरवरी 2025 तक प्रदेश के समस्त थानों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। साथ हे मामले में गलत जांच करने पर तत्कालीन एसडीओपी सहित गलत मेडिकल रिपोर्ट देने वाले डॉक्टर के ऊपर भी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।