Hike in Stamp Duty : एफिडेविट, रजिस्ट्री, लाइसेंस और एग्रीमेंट महंगे होंगे, स्टांप ड्यूटी में 100% से 400% तक बढ़ोतरी!

इसे जनविरोधी कदम बताते हुए कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया!

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Hike in Stamp Duty : एफिडेविट, रजिस्ट्री, लाइसेंस और एग्रीमेंट महंगे होंगे, स्टांप ड्यूटी में 100% से 400% तक बढ़ोतरी!

Bhopal : आम लोगों के लिए एफिडेविट, रजिस्ट्री, लाइसेंस और एग्रीमेंट जैसे जरूरी दस्तावेज बनवाना अब पहले से महंगा हो जाएगा। मध्य प्रदेश विधानसभा में पास हुए एक नए कानून से सरकार ने भारतीय स्टांप (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक 2025 के तहत कई कागजी प्रक्रियाओं पर लगने वाला शुल्क 100% से लेकर 400% तक बढ़ा दिया। बुधवार को कांग्रेस ने इस फैसले का विरोध करते हुए और इसे जनता पर आर्थिक बोझ बताया और विधानसभा से वॉकआउट किया। सरकार का कहना है कि यह शुल्क विकास के लिए जरूरी है और कुछ वर्गों को राहत भी दी गई।

विधानसभा में बुधवार को भारतीय स्टांप (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक 2025 को लेकर विपक्षी कांग्रेस ने जोरदार विरोध किया। कांग्रेस विधायकों ने इस विधेयक को आम जनता की जेब पर सीधा बोझ बताते हुए जनविरोधी करार देते हुए सदन से वॉकआउट किया और नारेबाजी की। उनका कहना था कि सरकार इस संशोधन के जरिए जनता से जबरन पैसे वसूलने की तैयारी में है। इस बीच सदन में भारतीय स्टांप (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक 2025 समेत सभी 8 विधेयक पारित कर दिए गए।

मध्य प्रदेश विधानसभा में एक दिन में आठ विधेयक पारित होने का रिकॉर्ड बताते हुए संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अध्यक्ष की प्रशंसा करते हुए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे पहले ईश्वर दास रोहाणी के कार्यकाल में भी एक बार एक दिन में आठ विधायक पारित हुए थे। इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सदस्यों ने इसे ‘जनविरोधी’ करार देते हुए कहा कि सरकार टैक्स न बढ़ाने की बात कहती है, लेकिन स्टांप ड्यूटी के रूप में आमजन पर आर्थिक भार थोप रही है। उन्होंने कहा कि एफिडेविट से लेकर प्रॉपर्टी एग्रीमेंट तक, सभी जरूरी कागजी प्रक्रियाएं महंगी कर दी गई हैं।

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कर्ज ले रहे तो शुल्क क्यों बढ़ा रहे 

कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि आपको मर्जी करनी है प्रदेश की बात को नहीं सुनना है तो हम क्यों सुनेंगे। इसके साथ ही कांग्रेस ने सदन से वॉक आउट किया। कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में नारेबाजी कर इस विधेयक को वापस लेने की मांग की। सिंघार ने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है कि हम टैक्स नहीं बढ़ा रहे और दूसरी तरफ से इस तरह से शुल्क बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार कर्ज लेने पर कहती है कि हम विकास के लिए कर्ज ले रहे है तो फिर यह शुल्क क्यों बढ़ाया जा रहा है। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि विधेयक पारदर्शिता और सुगमता की बात तो करता है, लेकिन वास्तविकता में कागजी कार्रवाई और महंगी होगी। उन्होंने लगाया कि कमजोर वर्गों को राहत देने की बात करने वाली सरकार एफिडेविट जैसे आवश्यक दस्तावेजों को भी महंगा कर रही है।

सरकार की सफाई, सोच-समझकर बढ़ाया शुल्क

उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि यह संशोधन 11 वर्षों बाद किया गया है और कुल 64 बिंदुओं में से सिर्फ 12 बिंदुओं पर शुल्क वृद्धि लागू की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के लिए एफिडेविट निशुल्क रहेगा। देवड़ा ने कहा कि राज्य के विकास के लिए संसाधनों की जरूरत है। टैक्स के माध्यम से ही इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होता है। स्टांप शुल्क में वृद्धि एक संतुलित कदम है।

50 रुपए वाला स्टांप 200 रुपए में 

कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि अब 50 रुपए वाला स्टांप 200 रुपए में मिलेगा। वहीं, अचल संपत्ति के एग्रीमेंट पर स्टांप शुल्क 1000 से 5000 कर दिया गया है। कुछ मामलों में 5000 से बढ़ाकर 10000 किया जा रहा है। इस संशोधन के लागू होने के बाद प्रदेश में क्या-क्या महंगा होगा? सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी में 100% से लेकर 400% तक की भारी-भरकम बढ़ोतरी कर दी है। यह आम जनता, छोटे व्यापारियों, किसानों और ट्रस्ट संस्थाओं पर सीधा आर्थिक बोझ है, जबकि महंगाई पहले से ही चरम पर है। कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने सदन में कहा जनता की जेब चारों तरफ कटे जा रही है। एक भी जनप्रतिनिधि जनता के पक्ष में बोलने को तैयार नहीं है। कम से कम जिसने वोट दिया उसकी बात तो रखें।