Historic Buildings on Contract : गांधी हॉल और नेहरू पार्क शर्तों के साथ ठेके पर!
Indore : नेहरू पार्क और गांधी हॉल को अब निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। इसके लिए नगर निगम ने पूरी तैयारी कर ली हैं। पीपीपी मॉडल पर इसके रखरखाव व संधारण के लिए टेंडर बुलाए गए हैं। माना जा रहा है कि इससे नगर निगम को 60 लाख रुपए साल का राजस्व मिलेगा। इसके अलावा इन स्मारकों के रखरखाव पर होने वाला खर्च भी बचेगा।
शर्तों के साथ निजी कंपनी को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। नगर निगम की प्लानिंग के अनुसार, जो भी कंपनी नेहरू पार्क को लेगी उसे 60 से 70 लाख रुपए साल खर्च करना होंगे। जबकि, गांधी हाल का सालाना किराया 45 लाख रुपए तय किया गया है। ठेके पर लेने वाली कंपनियों को रेस्टोरेंट या फूड कोर्ट शुरू करने की अनुमति रहेगी। वे यहां इवेंट भी करवा सकेंगी।
गांधी हॉल परिसर में ऑपरेशन व मेंटेनेंस के लिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया जा रहा है। इसमें तीन कंपोनेंट लिए गए हैं। पहला सीपीडब्ल्यूडी के नियमों के अनुसार हेरिटेज बिल्डिंग का मेंटेनेंस करना होगा। दूसरा गार्डन व लॉन एरिया का मेंटेनेंस करना होगा। कंपनी को परिसर में इवेंट्स आयोजित करने की अनुमति रहेगी। शुल्क निगम ने तय कर दिया है। 5 हजार स्क्वेयर फीट की कमर्शियल जगह है, जहां वह रेस्टोरेंट या फूड कोर्ट शुरू कर सकेगी। अल्कोहल व नॉनवेज प्रतिबंधित रहेगा। कंपनी को 45 लाख सालाना किराया निगम को देना होगा।
पार्क की एंट्री फीस कंपनी लेगी
नेहरू पार्क में एंट्री फीस 10 रुपए ही होगी, जो टेंडर लेने वाली कंपनी को दी जाएगी। एजेंसी को लैंड स्केपिंग का काम करना होगा। उस पर 60 से 70 लाख का खर्च आएगा। फ्रंट के लॉन एरिया में एजेंसी को इंवेट्स आयोजित करने की अनुमति रहेगी। जैसे ईको फ्रेंडली पार्टी, योग के लिए जगह किराए पर दे सकेगी। पार्क का मेंटेनेंस कंपनी को ही करना होगा। निगम उम्मीद कर रहा है कि इससे 12 से 15 लाख का राजस्व उनके खाते में आएगा साथ ही उसे इनका मेंटेनन्स करने से भी मुक्ति मिलेगी।