Historic Reservation Policy in Supreme Court: अब SC/ST के साथ OBC, दिव्यांग, पूर्व सैनिक और स्वतंत्रता सेनानी आश्रितों को भी मिलेगा आरक्षण

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Historic Reservation Policy in Supreme Court: अब SC/ST के साथ OBC, दिव्यांग, पूर्व सैनिक और स्वतंत्रता सेनानी आश्रितों को भी मिलेगा आरक्षण

New Delhi; भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने सुप्रीम कोर्ट के स्टाफ की नियुक्ति और प्रमोशन प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव किया है। अब सुप्रीम कोर्ट में कर्मचारियों की सीधी भर्ती और पदोन्नति में SC (15%), ST (7.5%) के साथ-साथ OBC, शारीरिक रूप से दिव्यांग, पूर्व सैनिक और स्वतंत्रता सेनानी के आश्रितों को भी आरक्षण मिलेगा। यह फैसला 23 जून 2025 से लागू है और रजिस्ट्रार, कोर्ट असिस्टेंट, कोर्ट अटेंडेंट, लाइब्रेरियन जैसे सभी गैर-न्यायिक पदों पर लागू होगा.

क्या है नया नियम?

1. सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार कर्मचारियों के लिए औपचारिक आरक्षण नीति लागू की।
2. SC को 15% और ST को 7.5% आरक्षण मिलेगा; OBC, दिव्यांग, पूर्व सैनिक, स्वतंत्रता सेनानी आश्रितों को भी केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार आरक्षण मिलेगा।
3. यह नीति सिर्फ कर्मचारियों पर लागू है, जजों की नियुक्ति इससे प्रभावित नहीं होगी।
4. सुप्रीम कोर्ट ऑफिसर्स एंड सर्वेंट्स (सेवा शर्तें और आचरण) नियम, 1961 में संशोधन कर Rule 4A जोड़ा गया है, जिसमें केंद्र सरकार के आरक्षण नियमों को अपनाया गया है.
5. कर्मचारियों को आरक्षण रोस्टर और रजिस्टर में गलती लगे तो वे शिकायत कर सकते हैं।

क्यों है यह फैसला खास?

– सुप्रीम कोर्ट के 75 साल के इतिहास में पहली बार संविधान सम्मत आरक्षण लागू हुआ।
– CJI गवई ने कहा, “जब सभी सरकारी संस्थानों में आरक्षण है, तो सुप्रीम कोर्ट अपवाद क्यों रहे?”
– इससे सुप्रीम कोर्ट की भर्ती प्रक्रिया में सामाजिक समावेशिता, समानता और पारदर्शिता बढ़ेगी।
– यह फैसला केंद्र सरकार के 2 जुलाई 1997 के सर्क्युलर को 28 साल बाद लागू करने जैसा है.
नया संशोधन और प्रक्रिया:
– 3 जुलाई 2025 को जारी गजट नोटिफिकेशन के तहत सुप्रीम कोर्ट सेवा नियमों में बदलाव किया गया।
– सीधी भर्ती में आरक्षण भारत सरकार के नियमों के अनुसार लागू होगा, और CJI समय-समय पर संशोधन कर सकते हैं.

विशेष बातें:

– यह व्यवस्था रजिस्ट्रार, कोर्ट असिस्टेंट, कोर्ट अटेंडेंट, लाइब्रेरियन जैसे पदों के लिए है।
– सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में यह सबसे बड़ा प्रशासनिक बदलाव माना जा रहा है.

अब सुप्रीम कोर्ट में SC, ST, OBC, दिव्यांग, पूर्व सैनिक और स्वतंत्रता सेनानी आश्रितों को भी सरकारी नियमों के अनुसार आरक्षण मिलेगा। यह फैसला सामाजिक न्याय और समावेशिता की दिशा में ऐतिहासिक कदम है, जिससे सुप्रीम कोर्ट की छवि और प्रशासन दोनों में बड़ा बदलाव आएगा।