Aarti Dayal’s Blackmailing Story : नाम बदले, पति बदले फिर हनीट्रैप से 15 करोड़ कमाए
भंडाफोड़ होने से पहले कई बड़े लोगों, नेताओं और अफसरों को चंगुल में फांसा
Indore : बहुचर्चित हनी ट्रैप मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप गर्ल आरती दयाल को जमानत दे दी। आरती दयाल इस कांड की मुख्य आरोपियों में से एक है। देखा जाए तो उसकी कहानी किसी फिल्म के कथानक से कम नहीं है। उसकी कहानी में इतने मोड़ हैं, कि सुनने वाला चकरा जाए।
वो एक द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी की बेटी और एक अच्छे व्यक्ति की पत्नी है। लेकिन, वह इस गंदे दलदल में फंसती चली गई और किसी को पता भी नहीं चला। उसने कपड़ों की तरह पति बदले और नेताओं से लेकर बड़े-बड़े अफसरों को अपने जाल में फंसाकर मोटी रकम वसूली।
आरती दयाल मूल रूप से छतरपुर की रहने वाली है। 2017 में वह छतरपुर के ही पंकज दयाल के संपर्क में आई। दोनों में पहले दोस्ती हुई, फिर दोनों लिव इन में रहने लगे। इसके बाद उन्होंने शादी कर ली। इसी दौरान उसकी मुलाकात श्वेता जैन से हुई, जो देह व्यापार से जुड़ी थी।
श्वेता और आरती दोनों मिलकर अमीर लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनसे पैसा कमाने लगीं। इसके बाद वह सेक्स रैकेट से जुड़ी अन्य लड़कियों के संपर्क में आई और हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप गर्ल बन गई।
असली पति को मामले में फंसाया-
आरती दयाल अपने कागजातों में पति का नाम पंकज दयाल लिखती है। लेकिन, पुलिस पूछताछ के दौरान पंकज ने बताया कि वह उसका पति नहीं है।
आरती की शादी 2011-12 में फरीदाबाद के रहने वाले अनिल वर्मा से हुई थी। शादी के बाद उसका नाम आरती वर्मा हो गया था। लेकिन, शादी के एक साल बाद ही वो अपने ससुराल से भाग गई और छतरपुर आकर थाने में अपने पति समेत पूरे ससुराल पर मार्च 2014 में दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करवाया।
कई नाम से मशहूर हुई-
आरती ने अपने पति के खिलाफ केस दर्ज कराने के बाद हनी ट्रैप में फंसाकर लोगों को ब्लैकमेल करने का धंधा शुरु कर दिया। इसके बाद वह छतरपुर छोड़कर भोपाल आ गई और यहां बड़े बिजनेसमैन, नेता और सरकारी अफसरों के संबंध बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने लगी।
भोपाल आकर वो पूरी तरह से ब्लैकमेलिंग के काले कारोबार में उतर गई। वह जिस ब्लैकमेलर गिरोह से जुड़ी थी, वह गिरोह करोड़ों रुपए वसूलता था। आरती इस धंधे में आकर कई नाम से मशहूर हो गई। कभी उनका सरनेम अहिरवार तो कभी वर्मा रखने लगी।
हरभजन ने रिपोर्ट दर्ज कराई-
आरती ने अपनी साथी रूपा अहिरवार के साथ इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन को अपने जाल में फंसाया। इसके बाद उससे पैसा कमाने की प्लानिंग की। उसके फोटो और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने लगी। हरभजन आरती की चाल समझ गया और 17 सितंबर 2019 को उसने मामला दर्ज कराया। फिर एक-एक करके आरती के खिलाफ कई मामले दर्ज हुए। अब उसकी सुप्रीम कोर्ट से जमानत हो गई है।
ब्लैकमेलिंग से 15 करोड़ कमाए-
जब 2019 में इन तीनों महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तो इनके बारे में खुलासा हुआ कि इन्होंने नेताओं-अफसरों के पास लड़कियां भेजकर और उनका आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर करोड़ों की कमाई की थी। इन शातिर महिलाओं के मोबाइल से पुलिस को करीब 90 अश्लील वीडियो मिले थे।
जानकारी के मुताबिक इन महिलाओं ने 25 से 30 नेता और IPS को अपने जाल में फंसाकर उनके 90 आपत्तिजनक वीडियो बनाए थे। फिर वीडियो के जरिए करीब 15 करोड़ रुपए भी कमाए।