मन को आनंद से भर देता है प्रतिभाओं का सम्मान…

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मन को आनंद से भर देता है प्रतिभाओं का सम्मान…

प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती। दूरदराज, छोटे-छोटे स्थानों पर निवासरत हों या बड़े शहरों में…प्रतिभाशाली युवा अपनी मंजिल पर पहुंच ही जाते हैं। चाहे हाल ही में यूपीएससी की परीक्षा में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले प्रदेश के युवा हों या फिर दसवीं-बारहवीं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपनी मंजिल पर पहुंचने का हौसला जताने वाले छात्र-छात्राएं…सभी एक ही संदेश देते नजर आते हैं कि लक्ष्य‌ पाने के लिए कठोर परिश्रम और पूर्ण समर्पण के सिवाय और किसी साधन की जरूरत नहीं है। एक कहावत है कि कुल सपूत जान्यो परै, लखि शुभ लच्छन गात, होनहार बिरवान के, होत चीकने पात अर्थात अच्छे वृक्ष के पत्ते प्रारम्भ में बड़े ही चिकने होते हैं। जिस वृक्ष के पत्ते प्रारम्भ में चिकने होते हैं वही वृक्ष कालान्तर में भली-भाँति पल्लवित एवं पुष्पित होता है। उसी प्रकार जो बालक बचपन में अच्छे व्यवहार करता है वह एक दिन महान् व्यक्ति बनता है और अपनी प्रतिभा की सुगंध पूरे जग में बिखेरता है। कहा भी गया है कि पूत के पाँव पालने में ही दिखाई दे जाते हैं। और हमें गर्व है कि हमारा मध्यप्रदेश प्रतिभाओं का भंडार है। मध्यप्रदेश में ऐसी ही प्रतिभाओं का सम्मान 30 मई 2023 को हुआ है और प्रतिभाओं का यह सम्मान मन को आनंद से भर देता है। सम्मान की यह सुगंध उन सभी युवाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का हौसला बढ़ाती है, जो अपने लक्ष्य के लिए दिन-रात परिश्रम में लीन रहते हैं।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल के रवीन्द्र भवन में अखिल भारतीय सिविल सेवा (यूपीएससी) में चयनित प्रदेश के युवाओं एवं 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में प्रावीण्य सूची के विद्यार्थियों के संवाद एवं सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के विद्यार्थी निरंतर प्रतिभा प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रतिभा को आगे बढ़ने में कोई बंधन आड़े नहीं आते। चाहे बेटा हो या बेटी, सामान्य बच्चे हों या दिव्यांग, अमीर हों या गरीब, प्रतिभाशाली बच्चों ने सभी बंधनों को तोड़ कर सफलता अर्जित कर दिखाई है। निश्चित ही मध्यप्रदेश इन विद्यार्थियों पर गर्व कर सकता है। यह हौसला अफजाई भी बहुत बड़ी है कि बेटियों की तरह अब हायर सेकेंडरी में टॉपर रहे बेटों को भी ई-स्कूटी दी जाएगी। कक्षा 10वीं और 12वीं के मेरिट लिस्ट के विद्यार्थियों के साथ ही यूपीएससी में चयनित प्रदेश के 53 विद्यार्थियों के सम्मान के क्षणों में वाकई पूरा मध्यप्रदेश ही सम्मानित हो रहा था। वर्ष 2020 में जहाँ सिर्फ 38 विद्यार्थी यूपीएससी में चयनित हुए, वहीं वर्ष 2021 में 39 और इस वर्ष 53 विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब मध्यप्रदेश पीछे नहीं रहने वाला है। वास्तव में यूपीएससी में चयनित छात्रों का मध्यप्रदेश में सम्मान होने का जो सिलसिला मध्यप्रदेश में जारी है, उसके साथ ही चयनित होने वाली प्रतिभाओं की संख्या में बढ़ोतरी भी लगातार जारी है। यह संयोग हो या प्रतिभाओं को प्रेरणा से भरता सम्मान, जो भी है वह प्रदेश को आनंद और गर्व से भरने वाला है। यह सिलसिला जारी रहे और युवा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते रहें।

मुख्यमंत्री ने जो कहा वह शब्दशः मन-मस्तिष्क में अंकित करने वाला है। विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सफलता किसी की मोहताज नहीं होती। यदि लक्ष्य निर्धारित है और संकल्प मजबूत है तो विद्यार्थी रोडमेप बना लेते हैं और परिश्रम से ऊँचाइयों को छू लेते हैं। यूपीएससी में चयन नौकरी नहीं, जीवन का यज्ञ है। अपने मन की बात कही कि मेरे लिए यह सर्वाधिक आनंद का क्षण है और मैं चाहता हूँ कि अधिक संख्या में विद्यार्थी सफल हों, जिससे मुझे विद्यार्थियों को निरंतर पुरस्कृत करने का अवसर मिले। गुरुओं की कृपा, भगवान की अनुकंपा और विद्यार्थियों के परिश्रम से उन्हें यह सफलता मिली है। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चयनित विद्यार्थी देश के लोगों की जिंदगी बदलने के लिए आगे आए हैं। यह सिर्फ नौकरी न होकर जीवन का यज्ञ है। मेरी कामना है कि वे विद्यार्थी बेहतर सेवा देकर नायक बनें। तो लक्ष्य‌ की तरफ बढ़ने में तप कर रहे युवाओं को भी मंत्र दिया कि असफलता से कभी घबराना नहीं चाहिए। सफलता और असफलता को समान भाव से स्वीकार करें। और असफलता को सफलता में बदलें।

सफल विद्यार्थियों शिवम यादव दतिया, संस्कृति सोमानी धार, गुंजिता अग्रवाल भोपाल, स्नेहा लोधी नरसिंहपुर, अनुज ठाकुर नर्मदापुरम और अनामिका ओझा भोपाल से संवाद भी किया। उन्होंने दो दिव्यांग विद्यार्थी जतिन और अर्पिता को भी सम्मानित किया। यूपीएससी में चयनित गुंजिता (ऑल इंडिया रैंक 26) ने कहा कि वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भोपाल को इंटेलेक्चुअल केपिटल बनाने की बात से बहुत प्रभावित हैं। संस्कृति सोमानी ने कहा कि वे धार जिले के बदनावर में अपनी तैयारी करते हुए ऑल इंडिया रैंक 49 प्राप्त कर पाई हैं। उन्हें कभी भी बिजली की समस्या या इंटरनेट की दिक्कत से जूझना नहीं पड़ा। शिवम यादव (ऑल इंडिया रैंक 21) ने कहा कि उन्होंने किसी इंस्टीट्यूट से नहीं, बल्कि स्वयं ही यूपीएससी की तैयारी की है। बोर्ड परीक्षा में मेरिट लिस्ट में आए पवारखेड़ा के अनुज ठाकुर ने कहा कि वे सीएम राइज विद्यालय में मिली सुविधाओं और मुख्यमंत्री से मिली प्रेरणा को सफलता का श्रेय देते हैं। कृषि संकाय का चयन कृषि क्षेत्र में कार्य करने की मंशा से किया है। भोपाल की अनामिका ओझा ने कहा कि उन्हें शिवराज मामा से लेपटॉप मिलने की आशा और शिक्षकों के मार्गदर्शन ने सफलता दिलवाई है।

एक सरकारी आयोजन में प्रतिभाओं के यह मन के उद्गार करोड़ों युवाओं का जीवन बदलने की ताकत रखते हैं। और इनके हर शब्द की ताकत का प्रमाण इनकी सफलता है, जो इनकी कठिन तपस्या से संभव हो पाई है। सफलता यूपीएससी की हो या दसवीं-बारहवीं की, हर उपलब्धि अमूल्य होती है और करोड़ों युवाओं की प्रेरणा बनती है। तो प्रतिभाएं हम सभी को और पूरे प्रदेश को यूं ही आनंद से भरती रहें, बस यही चाह है…।