How Will Bonfire Burn : मंत्री के निर्देश, पर इंदौर में सरकारी अलाव कैसे जलेंगे! 

निराश्रित लोगों के लिए के लिए अलाव जलाएं, पर निगम ने रोक लगा रखी!

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How Will Bonfire Burn

How Will Bonfire Burn : मंत्री के निर्देश, पर इंदौर में सरकारी अलाव कैसे जलेंगे! 

Indore : शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए नगरीय निकाय में सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने की व्यवस्था करने के निर्देश नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने जारी किए हैं। लेकिन, इंदौर नगर निगम ने 19 नवंबर से वायु प्रदूषण कम करने के लिए अलाव और तंदूर जलाने पर रोक लगा दी।

शहर में होटलों को तंदूर फ्री करने के बाद नगर निगम ने तय किया है कि सरकारी अलाव में लकड़ी का इस्तेमाल नहीं होगा। अब तक शहर में शीतलहर के समय नगर निगम 100 से ज्यादा स्थानों पर लकड़ी का अलाव जलता रहा है। अब यहां बिजली से सरकारी अलाव जलाए जाएंगे। शहर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए गठित कमेटी की बैठक में यह फैसला किया गया था। जबकि, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने सभी आश्रय स्थलों में रजाई एवं कंबल की व्यवस्था के साथ अलाव के भी इंतजाम के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि ऐसे नगरीय निकाय जहां स्थाई आश्रय स्थल नहीं हैं, वहां अस्थाई तौर पर किराए के भवन में अथवा खाली पड़े नगरीय निकाय के किसी भवन में आश्रय स्थल प्रारंभ कर शहरी बेघरों को आश्रय, आवास एवं अन्य राहत देना सुनिश्चित करें। आश्रय स्थलों में साफ-सफाई के विशेष प्रबंध करें।

आश्रय स्थलों का प्रचार-प्रसार करें, जिससे शहर में बेघरों को आश्रय स्थल की जानकारी मिल सके। रात में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन एवं अन्य ऐसे क्षेत्र जहाँ निराश्रित लोगों की संख्या ज्यादा होती है, वहां राजस्व निरीक्षक के माध्यम से प्रति दिन आश्रय स्थल में ठहरने वाले लोगों की जानकारी भेजना सुनिश्चित करें। इस संबंध में आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा सभी नगरीय निकायों को आदेश भी जारी कर दिए गए।

जबकि, इंदौर में लकड़ी से सरकारी अलाव जलाने पर रोक के बाद कैसे मंत्री के निर्देशों का पालन होगा, ये तय नहीं है। इंदौर नगर निगम ने शहर के सराफा और मेघदूत मार्केट को भट्टी फ्री कर दिया। इसके अलावा 448 रेस्टोरेंट में तंदूर का इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई। नगर निगम भी इस साल सरकारी अलाव में लकड़ी का इस्तेमाल नहीं करेगा। अभी तक शहर में शीतलहर के समय नगर निगम 100 से ज्यादा स्थानों पर लकड़ी के अलाव जलाता रहा है। तय किया गया था कि अब यहां बिजली से सरकारी अलाव जलाए जाएंगे। यह फैसला वायु प्रदूषण रोकने के लिए गठित कमेटी की बैठक में किया गया था।

बैठक में कलेक्टर इलैया राजा टी, निगम आयुक्त प्रतिभा पाल सहित अन्य अफसर मौजूद थे। एनजीटी के निर्देश पर शहर में वायु प्रदूषण कम करने के लिए इस कमेटी का गठन किया गया है। लेकिन, फिर भी शहर में प्रदूषण के हालात पांच साल पहले जैसे ही हैं। शहर सफाई में देश में पहले स्थान पर है, लेकिन वायु प्रदूषित है।

वायु प्रदूषण रोकने की कोशिश 

शहर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए स्कूल बसों और कमर्शियल वाहनों के प्रदूषण स्तर की नियमित जांच का निर्णय लिया गया। तेल कंपनियां भी दो-दो प्रदूषण केंद्र उपलब्ध कराएगी। शहरी सीमा के आसपास के ढाबों संचालकों को भी कहा जाएगा कि वे तंदूरी रोटी के लिए भट्टी का इस्तेमाल न करे। शहर की सीमा पर पीयूसी केंद्र स्थापित होंगे। पेट्रोल पंपों पर भी वाहनों के प्रदूषण की नियमित जांच होगी। मुक्तिधामों में भी गोकाष्ट के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि लकड़ियों का जलाने में कम से कम इस्तेमाल हो सके।

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