
Hyderabad University Land Dispute: सोशल मीडिया पोस्ट से विवाद में आई IAS अधिकारी स्मिता सभरवाल महत्वपूर्ण दायित्व से मुक्त!
वे World Beauty Pageant 2025 के प्रतिष्ठा प्रसंग की व्यवस्थाओं को देख रही थी!
हैदराबाद से रुचि बागड़देव की खास रिपोर्ट
हैदराबाद: भारतीय प्रशासनिक सेवा में 2001 बैच की चर्चित अधिकारी स्मिता सभरवाल को राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण दायित्व से मुक्त कर दिया गया है। सभरवाल, जो वर्तमान में युवा उन्नति, पर्यटन और संस्कृति (YAT&C) की विशेष मुख्य सचिव और पुरातत्व की निदेशक हैं, को स्थानांतरित कर तेलंगाना वित्त आयोग की सदस्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। सभरवाल पर्यटन और संस्कृति सचिव होने के नाते World Beauty Pageant 2025 के प्रतिष्ठा प्रसंग की व्यवस्थाओं को देख रही थी लेकिन इस कार्यक्रम की तिथि के दो सप्ताह पहले ही उन्हें इस महत्वपूर्ण दायित्व से मुक्त कर दिया गया है।
स्मिता सभरवाल, जिन्हें हाल ही में हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के पास 400 एकड़ भूमि पर पेड़ों की कटाई के संबंध में सोशल मीडिया पर एआई-जनरेटेड घिबली छवि को फिर से पोस्ट करने के लिए पुलिस ने तलब किया था, रविवार को तेलंगाना सरकार द्वारा स्थानांतरित किए गए 20 अधिकारियों में से एक हैं। माना जा रहा है कि पेड़ों की कटाई को लेकर उनके द्वारा की गई पोस्ट को सरकार की आलोचना की तरह लिया है और शायद यही मुख्यतः उनके तबादले का कारण भी बताया जा रहा है।

एक सप्ताह पहले साइबराबाद पुलिस के सामने पेश होने वाली सभरवाल ने हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के पास 400 एकड़ भूमि पर पेड़ों की कटाई के संबंध में सोशल मीडिया पर सवाल उठाया था। 2001 बैच की IAS अधिकारी ने पूछा था कि क्या एक ही पोस्ट को फिर से साझा करने वाले 2,000 व्यक्तियों के खिलाफ भी यही कार्रवाई शुरू की गई थी।
बता दे कि मुख्यमंत्री की सचिव के रूप में, वह पिछली बीआरएस सरकार के तहत एक शक्तिशाली अधिकारी थीं। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद, उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) से स्थानांतरित कर दिया गया था।
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जानिए पूरा मामला क्या है, जो विवाद का कारण बना
तेलंगाना कैडर की आईएएस स्मिता सभरवाल ने 31 मार्च को एक्स पर कांची गचीबौली जमीन विवाद से जुड़ी एक घिबली स्टूडियो इमेज साझा की थी। एआई जनरेटेड इस तस्वीर में एक बड़ी भूमि पर कई सारे बुलडोजर खड़े दिख रहे हैं। उनको देखते हुए मोर और दो हिरण के चित्र बने हुए थे। इस पोस्ट के बाद साइबराबाद पुलिस ने आईएएस स्मिता सभरवाल को बीएनएस की धारा 179 के तहत नोटिस भेजा।
इसके बाद उनके बयान दर्ज किए गए। इसके बाद 19 अप्रैल को भी स्मिता सभरवाल ने एक्स पर पोस्ट में तेलंगाना सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा कि कांची गचीबौली पुलिस अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग किया है। कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में अपना विस्तृत बयान दिया है। इस पोस्ट को एक्स प्लेटफार्म पर 2000 लोगों ने दोबारा साझा किया है। मैंने जवाब मांगा है कि क्या सभी के लिए समान कार्रवाई शुरू की गई है! यदि नहीं तो चुनिंदा रूप से लक्षित कार्रवाई चिंतनीय है। जो बदले में प्राकृतिक न्याय और कानून की समानता के सिद्धांतों से समझौता करता है।
जानिए कौन हैं स्मिता सभरवाल
स्मिता सभरवाल 2001 बैच की तेलंगाना कैडर की IAS अधिकारी हैं। मौजूदा समय में वे तेलंगाना युवा विकास, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की प्रमुख सचिव हैं। इससे पहले वे तेलंगाना राज्य वित्त आयोग की सदस्य सचिव थीं। स्मिता सभरवाल साल 2000 में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर चौथी रैंक प्राप्त की थी। जब वह IAS बनीं तो वह मात्र 22 साल की थीं। उन्हें सबसे कम उम्र की पहली महिला IAS अधिकारी के रूप में जाना जाता है।
वे करीमनगर और मेडक जिले में कलेक्टर रह चुकी हैं।
72वें मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का किया था एलान
तेलंगाना में सात मई से 31 मई तक मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का 72वां संस्करण होगा। मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के बारे में आधिकारिक घोषणा मिस वर्ल्ड लिमिटेड की चेयरपर्सन और सीईओ जूलिया मोर्ले और तेलंगाना सरकार के पर्यटन, संस्कृति, विरासत और युवा मामलों के विभाग की प्रमुख सचिव स्मिता सभरवाल ने की थी। सभरवाल ने कहा था कि तेलंगाना को मिस वर्ल्ड 2025 की मेजबानी करने पर गर्व है।

अब सरकार ने किया तबादला
रविवार को तेलंगाना सरकार ने 20 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए। उनको युवा विकास, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की प्रमुख सचिव से तेलंगाना वित्त आयोग के सदस्य सचिव पर स्थानांतरित किया गया है।
क्या है कांची गचीबौली विवाद
कांची गचीबौली क्षेत्र में जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इसमें यूनिवर्सिटी, स्थानीय लोग, सिविल सोसायटी और अन्य पक्ष जुड़े हुए हैं। जिस 400 एकड़ जमीन से पेड़ों को काटा जा रहा है, वह राज्य सरकार की है और सरकार ने इसे तेलंगाना इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉपरेशन को आवंटित किया है। तेलंगाना इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉपरेशन ने इस जमीन पर विकास के लिए बीती 30 मार्च से पेड़ों की कटाई शुरू की। जिसका हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों और पर्यावरणविदों ने विरोध शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इससे वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है। हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि यह जमीन उसकी है न कि विश्वविद्यालय प्रशासन की। सरकार कानून के उल्लंघन से भी इनकार कर रही है।





