ज्ञान की घुट्टी पी गए, परिणाम की बेला बाकी है…

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ज्ञान की घुट्टी पी गए, परिणाम की बेला बाकी है…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

राजधानी भोपाल में आयोजित दो दिवसीय कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस 2025 का निष्कर्ष यही है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के दिखाए रास्ते पर चलकर कलेक्टर कानून-व्यवस्था बनाए रखने की पहली जिम्मेदारी निभाने में सफल होते हैं तो पूरे प्रदेश में खुशहाली दिवाली पूरे साल मनाई जा सकती है। पहली जिम्मेदारी में ही सब अपेक्षाएं समाहित हैं कि घटना हो या दुर्घटना, तत्काल मौके पर पहुंचें। जन सुरक्षा, सुशासन और सेवा भाव प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता हो। पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय कर ड्रग कारोबार को नेस्तनाबूत करें। कलेक्टर्स एवं एसपी खुद का सूचना तंत्र विकसित करें।मध्यप्रदेश को अगले 6 महीने में नक्सल मुक्त प्रदेश बनाएं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कलेक्टर्स जिले के प्रशासनिक मुखिया होने के साथ-साथ जिला दण्डाधिकारी भी हैं, इसीलिए जिले में कानून व्यवस्था की बहाली सुनिश्चित करने की पहली जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षक अपने-अपने जिलों में खुद का प्रभावी सूचना तंत्र विकसित करें, ताकि किसी भी घटना या दुर्घटना की सूचना तत्काल प्राप्त हो और समय पर नियंत्रण किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसी घटना या दुर्घटना की सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंचे। इससे घटना या दुर्घटना और अधिक बड़ा रूप नहीं लेंगी। जिला अधिकारियों के मौके पर पहुंचने से स्थिति नियंत्रण में बहुत मदद मिलती है। कलेक्टर एवं एसपी दोनों में उच्च कोटि का तालमेल होना चाहिए। दोनों संयुक्त रूप से कार्ययोजना बनाकर जिले की कानून व्यवस्था की निगरानी रखें। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के दृष्टिगत ऐसी संवेदनशील बस्तियां जहां सड़कें सकरी हैं, तथा फोर्स मूवमेंट में समस्या आती है, सभी कलेक्टर्स ऐसे स्पॉट्स, जगहों को चिन्हित कर वहां का जोनल प्लान स्थानीय नगरीय निकायों के सहयोग से अगले तीन माह में तैयार कर लें, ताकि आवागमन सुगम हो और आवश्यकता पड़ने पर फोर्स मूवमेंट में समस्या न आए। उन्होंने मार्च 2026 तक मध्यप्रदेश को पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त करने के लिए ठोस रणनीति बनाने के लिए कहा। उन्होंने सेंसिटिव पुलिसिंग पर जोर देते हुए कहा कि जनता में पुलिस के प्रति विश्वास भाव होना चाहिए। पुलिस अपनी साख बनाएं और अपराधों को रोकने में तत्परतापूर्वक कार्यवाही करें। प्रदेश के सभी कलेक्टर्स-एसपी की संयुक्त कॉन्फ्रेंस का विषय “कानून एवं व्यवस्था की सुनिश्चितता” था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों को बाहर करने के लिए पुलिस एवं अन्य एजेंसियां संयुक्त रूप से कार्य करें, इस काम में और सख्ती लाएं। उन्होंने बताया कि अब तक 19 बांग्लादेशियों को चिन्हित कर वापस भेजा गया है। अवैध घुसपैठियों के खिलाफ ऐसी कार्यवाही आगे भी जारी रखें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कानून व्यवस्था मजबूत रहने से विकास कार्यों को गति मिलती है। अतः सभी कलेक्टर्स एवं एसपी अपने अधीनस्थ अधिकारियों और मैदानी अमले के साथ समन्वय स्थापित कर कानून व्यवस्था बनाए रखें। अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए निरंतर समीक्षा करते रहें। मध्यप्रदेश निरंतर विकास की नई ऊचाइयों को छू रहा है। आप सभी राज्य शासन के प्रतिनिधि हैं। आपकी कार्यशैली ही शासन की छवि बनाती है। जनता के जीवन स्तर को बेहतर बनाना हम सभी का साझा लक्ष्य है। कलेक्टर और एसपी तथा सभी मैदानी अधिकारी राज्य शासन के प्रतिनिधि के रूप में ही जिलों में तैनात हैं। आप जैसा काम करेंगे, शासन की छवि भी वैसी ही निर्मित होगी। आम जनता के जीवन स्तर को बेहतर से बेहतर बनाना हमारा सामूहिक लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि शासन ने जो लक्ष्य तय किए हैं, वह मैदानी अधिकारियों की मेहनत एवं प्रतिबद्धता से हम अवश्य प्राप्त करेंगे।

तो जनसंपर्क आयुक्त दीपक सक्सेना ने जनसंपर्क विभाग द्वारा संचालित गतिविधियों का प्रेजेन्टेशन देते हुए कहा कि सकारात्मक जनमत तैयार करने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया के माध्यम से योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जा सकता है। नवीनतम तकनीकों के उपयोग से जनसंपर्क गतिविधियों को अधिक प्रभावी और सुलभ बनाना संभव हुआ है। मीडिया विश्लेषण और जन भावनाओं के अध्ययन से नीतियों में आवश्यक सुधार भी किया जा सकता है। उन्होंने आपदा या संवेदनशील स्थितियों में सटीक और संयमित सूचना का रीयल टाइम में प्रसार के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल और डिजिटल मीडिया पर प्रकाशित प्रसारित होने वाले समाचारो की नियमित मॉनिटरिंग कर संबंधित विभागों को प्रतिदिन रिपोर्ट भी दी जा रही है।

आयुक्त जनसंपर्क श्री सक्सेना ने कहा कि मैदानी स्तर पर शासन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी कलेक्टर है। कलेक्टर्स, मीडिया से सतत-समन्वय-संपर्क और संवाद में रहें। मीडिया प्रतिनिधियों के साथ नियमित ब्रीफिंग के लिए एक समय का निर्धारण किया जाए। नियमित अंतराल पर कलेक्टर्स मीडिया के साथ औपचारिक बैठक करें। राज्य शासन द्वारा पत्रकार कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का लाभ पत्रकारों को उपलब्ध कराने की दिशा में जिला कलेक्टर आवश्यक पहल करें। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रिंट इलेक्ट्रानिक सोशल और डिजिटल मीडिया में चल रहे संवेदनशील और नकारात्मक समाचारों पर कलेक्टर स्वयं संज्ञान लें। ऐसे समाचारों के खंडन या वास्तविक स्थिति रखने और गलत खबरें प्रसारित करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध यथोचित कार्रवाई करने की दिशा में भी त्वरित रूप से कार्रवाई की जाए।

लब्बोलुआब यही है कि मुख्यमंत्री सहित मुख्य सचिव, डीजीपी और वरिष्ठतम अफसरों ने जिले की महत्वपूर्ण इकाई कलेक्टर एसपी को ज्ञान की पूरी घुट्टी पिला दी है। परिणाम की बेला में सरकार के हिस्से में क्या आता है यह आने वाला समय बताएगा। कलेक्टर-एसपी सरकार की रीढ़ हैं, रीढ़ अगर सीधी रही तो जिला रूपी शरीर स्वस्थ रहेगा। और इन पर टिका पूरा प्रदेश खुशहाली से भरा रहेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी साफ किया है कि जिलों में कलेक्टर जनप्रतिनिधि रूपी धुरी के साथ मिलकर जिलों के विकास की इमारत तैयार करें और तब प्रदेश का निर्माण सरकार की मंशा पर खरा उतरेगा…।

 

लेखक के बारे में –

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।