
मुझे भी अपने मरने की खबर पर यकीन करना पड़ा!
मुकेश नेमा
अचानक पता चला मुझे कि मैं मर गया हूँ। मुझे अपने मर जाने को लेकर असमंजस था पर तमाम टीवी
चैनल,फेसबुक,ट्विटर सब एक राय से मेरे मर जाने की खबर चला रहे हैं। हमारी सरल भावुक और दिमाग का कम इस्तेमाल करने जनता भी मान चुकी कि मैं मर चुका हूँ। भीड़ को ग़लत ठहराना ठीक नही सो मैं भी सभी पंचों की राय सर माथे रखता हूँ। लिहाजा मेरी आगे की सारी लिखा पढ़ी यह मान कर मंजूर की जाए कि मैं मर चुका हूँ।
वैसे मेरा मरने का कोई इरादा था नहीं।शाम तक अच्छा भला था मैं।रोज़ की तरह डिनर के पहले दो पैग लगाकर खुश भी था।नींद भी ठीक ठीक आई थी।पर दिक़्क़त इतनी भर हुई की लगी नींद फिर खुली नही।मरने का इससे बेहतर तरीक़ा और क्या हो सकता है। हालाँकि ये बात भी सच है कि इस तरह फ़ौरन ,अचानक मर जाने का तमन्नाई था नहीं मैं।पर जैसा कि जैसा कि पैदा होने मे मेरी रज़ामंदी ली नहीं गई थी ,मरने के लिये भी मेरी सलाह नहीं ली गई। और जब अगली सुबह लोगों ने कहा कि मैं मर चुका हूँ तो आप सभी की तरह मुझे भी इस खबर पर यकीन करना पड़ा।
आपके मर जाने पर उन चार लोगों को भी इसकी खबर हो जाती है जिनसे आप कभी नहीं मिले। ऐसे लोग जो आपको थोड़ा बहुत या बिल्कुल नहीं जानते थे ,आपके बारे मे ऐसी भली भली सी राय ज़ाहिर करने लगते है ,जिसके बारे मे उनका अपना मन भी गवाही नहीं देता।बहुत से लोग खुश होने के बावजूद मुँह लटकाते हैं ,थोड़े से वाक़ई दुखी हो जाते है।किसी के मर जाने पर बतौर रस्म अदायगी अफ़सोस ज़ाहिर करने का रिवाज तो है ही।पहले के जमाने मे मरने वाले के घर आकर दुखी होकर दिखाना पड़ता था लोगों को ,पर अब फ़ेसबुक और ट्विटर ने घर बैठे दुखी होना ,दिखना बहुत आसान कर दिया है।
अपनी बताऊँ आपको।मरने के बाद आदमी अपनी बात नहीं कहता।चुपचाप पड़ा रहता है।पर आज टीवी ,ट्विटर पर मेरी तारीफ़ों के पुल बांधे जा रहे हैं ,वो बेहतरीन हैं ,मुझे अच्छे लग रहे हैं ,ऐसे में मैं टीवी पर चेहरा लटकाने वाली एंकरनियो और ट्विटर पर अच्छा अच्छा लिखने वाले का शुक्रिया अदा करता हूँ। ये श्रद्धांजलियाँ नकली होने के बावजूद असली जैसी हैं। मेरा यक़ीन कीजिए,मुझे पता होता कि मरने पर इतनी इज़्ज़त अफ़जाई होगी , तो मै और पहले ही मर जाना पसंद करता।
बहरहाल एक बेहतरीन जिंदगी जी मैने। दौलत शोहरत ,इज़्ज़त, सब इफ़रात में हासिल हुई मुझे। यह बात अलग है अपना काम ठीक ठाक करने के बावजूद मुझे कभी बड़ा अवार्ड लेने या स्टेज पर चढ़ कर धन्यवाद भाषण देने का मौका नही मिल सका। हमेशा दो नंबरी रहा मैं ,कभी मुझे नंबर एक नही कहा गया। पर दुनिया की सबसे खूबसूरत औरतों ने मुझसे प्रेम किया और मेरे हिस्से हमेशा महंगी शराबें आई इसके लिए मैं जीते जी ऊपरवाले का शुक्रगुज़ार रहा हूँ मैं ,और मरने के बाद भी बना हुआ हूँ।
वैसे मुझे श्रद्धांजलि देते सारे ही झूठे हैं ऐसा कहना तो उनके साथ नाइंसाफी होगी।कुछ तो वाक़ई दुखी है।वे दुखी है जो मेरी वसीयत मे अपना ज़िक्र किए जाने की उम्मीद से थे। दुखी होने वालों में वो भी शामिल हैं जो यह सोचते थे कि मैं उनकी जो तारीफ़ किया करता था वो सच बयानी थी।ऐसे सभी बंदों को तसल्ली ही दे सकता हूँ मैं।धीरज रखें।पुनर्जन्म की कहानी पर भरोसा करें।मैं फिर लौटूँगा और फिर वही सब करूँगा जो अब तक करता आया था।
*पुनश्च-* अभी अभी पता चला है कि मैं ज़िंदा हूँ। अपने ज़िंदा रहने की खबर से मैं भी आप ही की तरह हैरान हूँ और शर्मिंदा भी। अब आपसे बस इतना ही कहना है कि मेरे लिए जो भी अच्छा अच्छा लिखा था आपने ,उस पर पुनर्विचार न करें। यदि मेरे लिए लिखी गई श्रद्धांजलि देने ,छपवाने से चूक गए हो आप तो धैर्य बनाए रखें। चूँकि हम सभी पैदा हुए है और हम सभी को मर भी जाना है तो मेरे बाबत की गई लिखा पढ़ी को सँभाले रखिए। वो यकीनन कभी भी आपके काम आ सकती है। बहरहाल एक बार फिर से आप सभी का शुक्रिया अदा करता हूँ मैं ,और बस इतना ही चाहता हूँ कि अगली बार जल्दीबाज़ी से बचें और मुझे श्रद्धांजलि देने के पहले ठोक बजा कर यह तस्दीक ज़रूर कर लें कि मैं वाकई मर चुका हूँ।





