मैं हनुमान बेनीवाल को चुनाव में हराऊंगी, उनमें दम है तो अकेले चुनाव लड़े-डॉ.ज्योति मिर्धा

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मैं हनुमान बेनीवाल को चुनाव में हराऊंगी, उनमें दम है तो अकेले चुनाव लड़े-डॉ.ज्योति मिर्धा

गोपेंद्र नाथ भट्ट

राजस्थान का विधान सभा चुनाव ज्यों ज्यों नज़दीक आ रहा है विभिन्न पार्टियों के नेताओं की जुबानी जंग भी शुरू हो गई है। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के सवालों का जवाब देते हुए कहा है कि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र चूरु से ही चुनाव लड़ूँगा प्रदेश में परिवर्तन की आँधी में भाजपा भारी बहुमत से अपनी सरकार बनायेंगी।

इसी तरह हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई और पूर्व केंद्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धा की पोती नागौर की पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा ने कहा कि अगर आर एल पी नेता हनुमान बेनीवाल में दम खम है तो वे गठबंधन की राजनीति को छोड़कर अकेले चुनाव लड़े तो मैं हनुमान बेनीवाल को चुनाव में हराऊंगी और उन्हें पता चल जाएगा कि चुनाव कैसे लड़ा जाता है ।उन्होंने कहा कि पिछली बार मुझे हराने के लिए हनुमान बेनीवाल ने भाजपा से गठबंधन किया था लेकिन अब वह गठबंधन उनके पास नहीं है । कांग्रेस का माहौल खराब हो चुका था। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी सीधा आरोप लगाया कि उन्होंने मेरा सहयोग नहीं किया मैं  चुनाव हार गई थी।

भाजपा में शामिल होने के बाद पहली बार शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय पर पूर्व सांसद डॉ.ज्योति मिर्धा पहुंची। वहां पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने उनका स्वागत किया।

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डॉ.ज्योति मिर्धा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मेरे संपर्क में था । उन्होंने मुझे आमंत्रित किया और मैं भाजपा में आ गई।

उन्होंने कहा कि हनुमान बेनीवाल मुझ पर आरोप लगाते हैं कि मैंने ईडी और सीबीआई के डर से भाजपा ज्वाइन की है लेकिन यह बात यह सही नही है। ज्योति मिर्धा ने स्पष्ट किया कि मेरे खिलाफ कोई ईडी और सीबीआई की जांच नहीं है। वे गलत आरोप लगाकर मुझे बदनाम कर रहे हैं । ज्योति मिर्धा ने कहा कि मेरा और मेरे परिवार का  एफआईआर में नाम नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं किसी के दबाव में आने वाली नहीं हूं।

डॉ.ज्योति मिर्धा ने कहा कि कांग्रेस के स्थानीय कारणों से मैंने भाजपा ज्वाइन की है। उन्होंने कहा कि हमारे काम नहीं हो पा रहे थे और इससे आर एल पी जैसी क्षेत्रीय पार्टियां मजबूत हो रही है।

उल्लेखनीय है कि नागौर की पूर्व सांसद डॉ.ज्योति मिर्धा के कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन करने से राजस्थान की सियासत में हलचल पैदा हो गई है। क्योंकि इस जाट लैंड में नाथूराम मिर्धा परिवार का बड़ा असर है। उनके बीजेपी में शामिल होने से कई राजनीतिक दलों के सियासी समीकरण पर बड़ा असर पड़ेगा तथा नागौर, सीकर, झुंझुनू जिले की कई सीटों पर परिणाम गड़बड़ा सकते है।विशेष कर नागौर, डेगाना, खींवसर, लाडनूं और मकराना विधान सभा सीट पर बड़ा असर पड़ेगा।इन सीटों पर भाजपा के पास कोई मजबूत चेहरे नही होने की वजह से विधानसभा और लोकसभा के लिए भाजपा के लिए परेशानी खड़ी हो रही थी लेकिन अब ज्योति मिर्धा के भाजपा में आने से उन्हें नई ताक़त मिलने की उम्मीद है। ज्योति मिर्धा के भाजपा में आने से कई बड़े सियासी समीकरण बदल जाएंगे।

नागौर जिले में विधान सभा की 10 सीटें हैं।जिनमें से इस बार हनुमान बेनीवाल भाजपा के लिए चुनौती पेश करने में लगे थे लेकिन ज्योति मिर्धा के भाजपा में आने के बाद से कई सीटों पर समीकरण बदल जाएगा।आर एल पी के हनुमान बेनीवाल का नागौर और जाट बाहुल्य इलाक़ों की राजनीति में बड़ा असर पड़ सकता है साथ ही कांग्रेस के लिए भी मुसीबत खड़ी हो सकती है।

वहीं बीजेपी में शामिल होने के बाद डॉ.ज्योति मिर्धा ने कहा कि अब मैं पार्टी के साथ हूं। मुझे बस काम करने का मौका मिले । लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो पार्टी का फैसला होगा, वही करूंगी।

दरअसल, पिछले चुनाव में नागौर में ज्योति मिर्धा के लिए एक नारा चला था ‘बाबा की पोती है, नागौर की ज्योति है’. नागौर में इनका कम से कम सात सीटों पर बड़ा असर माना जा रहा है।कांग्रेस के टिकट पर ज्योति मिर्धा नागौर से 2009 में लोकसभा सांसद रही हैं लेकिन वर्ष 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव हार रही हैं। पिछले चार सालों से वो कांग्रेस से नाराज बताई जा रही हैं।

डॉ.ज्योति मिर्धा का जन्म 26 जुलाई 1972 को नई दिल्ली में हुआ।उनके पिता का राम प्रकाश मिर्धा और माता वीणा मिर्धा है। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद ज्योति मिर्धा की शादी नरेंद्र गहलोत से हुई है जोकि हरियाणा के एक प्रतिष्ठित उध्योग समूह से वास्ता रखते है। उनको एक बेटा है। डॉ.ज्योति मिर्धा की बहन स्वेता की शादी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र कांग्रेस नेता सांसद दीपेन्द्र हुड्डा से हुई है।