

IAS Accused of Taking Bribe of ₹1 Cr : जेल में बंद IAS अफसर संजीव हंस पर ED का 1 करोड़ की रिश्वत का आरोप!
Patna : जेल में बंद आईएएस अफसर संजीव हंस की मुश्किलें बढ़ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन पर एक और आरोप जड़ा है। आरोप है कि संजीव हंस ने एक कंपनी से एक करोड़ रुपए की घूस ली थी। मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद बिहार के आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर यह नया मामला है।
प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने अपने अभियोजन शिकायत में आरोप लगाया कि जेल मे बंद आईएएस अधिकारी संजीव हंस ने एक पूर्व केंद्रीय मंत्री का निजी सचिव रहते हुए राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) से मनमाफिक फैसला दिलाने के एवज मे मुंबई के एक रियल्टी फर्म से एक करोड़ की रिश्वत ली थी।
एजेंसी ने यह आरोप हंस के मित्र विपुल बंसल के स्वीकार नाम के आधार पर लगाया है। बंसल उस फर्म में कार्यरत थे और इस सौदे में बिचौलिया की भूमिका निभा रहे थे। एनसीडीआरसी उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता मामलों के विभाग के तहत आता है। हंस इस केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव के रूप मे 3 जुलाई, 2014 से 30 मई, 2019 तक रहे।
आरोप पत्र के अनुसार क्या खुलासा
ईडी के आरोपपत्र के अनुसार, आरएनए कॉर्प के पेरोल पर रहने वाले बंसल ने कथित तौर पर हंस और फर्म के प्रमोटर अनुभव अग्रवाल के बीच बैठक करवाई थी, ताकि मनलायक फैसला आए और उनकी गिरफ्तारी को रोका जा सके। बंसल ने खुलासा किया कि हंस ने बेंच के आदेश का अनुपालन करने और सारंगा अग्रवाल की गिरफ्तारी को रद्द करने के लिए आरएनए कॉर्प के लिए एनसीडीआरसी बेंच से दो अलग-अलग तारीखों की व्यवस्था की। इसके लिए एक करोड़ की राशि हंस को दी गई थी। सूत्रों के अनुसार रिश्वत संजीव के एक परिचित शादाद खान के माध्यम से दी गई थी।