IAS का मतलब सिर्फ DM नहीं, जानें किन-किन पदों पर होती है पोस्टिंग

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Major Administrative Reshuffle

IAS का मतलब सिर्फ DM नहीं, जानें किन-किन पदों पर होती है पोस्टिंग

यूपीएससी सिविल सर्विस को देश की सबसे कठिन परीक्षा कही जाती है. इस परीक्षा को क्रैक करने में कई युवाओं को सालों लग जाते हैं. यूपीएससी क्रैक करने के बाद देश के सबसे अहम पद IAS, IPS और IFS के लिए चुने जाते हैं.

यूपीएससी क्रैक करने के बाद फाइनल कट ऑफ के आधार पर कैंडिडेट्स को कैडर अलॉट होता है.

ज्यादातर लोग IAS का मतलब डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यानी DM ही समझते हैं. आईएएस के लिए चुने जाने के बाद पोस्टिंग और कैडर सेलेक्ट करने की प्रक्रिया होती है. इसमें सभी अधिकारियों को प्रत्येक जोन और कैडर में रिक्तियों की संख्या बतानी होती है. आइए इसको विस्तार से समझते हैं.

UPSC Cadre कैसे मिलता है?

यूपीएससी कैडर लिस्ट को 5 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है. प्रत्येक उम्मीदवार को आवेदन पत्र में अपनी प्राथमिकताएं, क्षेत्र और यूपीएससी कैडर चुनना होता है. मेन्स परीक्षा में सेलेक्ट होने के बाद और इंटरव्यू से पहले DAF यानी डिटेल्ड एप्लीकेशन फॉर्म में ये डिटेल्स भरनी होती है. उम्मीदवारों को प्रत्येक क्षेत्र से घटते क्रम में अपना कैडर चुनना होता है. उदाहरण के लिए पहले जोन-1 से एक कैडर चुनें, फिर जोन-2 से एक कैडर चुनें.

डीओपीटी द्वारा आईएएस और आईपीएस के लिए कैडर आवंटन के दौरान आउटसाइडर और इनसाइडर का अनुपात जो 2:1 है रखा जाता है. उम्मीदवारों की बाहरी और अंदरूनी व्यक्ति की स्थिति उनके बोनाफाइड प्रमाण पत्र या उनके माता-पिता की निवासी स्थिति के आधार पर तय की जाती है. यह अनुपात हर साल सेवानिवृत्त होने वाले सिविल सेवकों के आधार पर बदलता है.

IAS की पोस्टिंग

यूपीएससी परीक्षा क्रैक करने के बाद आईएएस चुने जाने वाले कैंडिडेट को कई अलग-अलग पदों से गुजरना होता है. इसमें कौन-कौन से पद शामिल हैं और किस पद पर कितने साल काम करना होता है इसकी डिटेल्स नीचे देख सकते हैं.

  1. एक आईएएस बनने के बाद सबसे पहली पोस्टिंग SDM या असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर होती है. इस पद पर 1 से 4 साल तक काम करना होता है.
  2. एसडीएम के बाद ADM या डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर पोस्टिंग होती है. इस पद पर 5 से 8 साल तक काम करना होता है.
  3. डिप्टी सेक्रेटरी के बाद आईएएस ऑफिसर को प्रमोट होकर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट या जॉइंट सेक्रेटरी या डिप्टी सेक्रेटरी का पद मिलता है. इसमें 9 से 12 साल तक काम करना होता है.
  4. डीएम के पद पर लंबा काम कर सकते हैं. इसके बाद स्पेशल सेक्रेटरी कम डायरेक्टर के पद पर एक आईएएस ऑफिसर को प्रमोट किया जाता है. इस पद पर 13 से 16 साल की सर्विस पूरी करनी होती है.
  5. इसके बाद डिविजनल कमिश्नर या सेक्रेटरी कम कमिश्नर का पद मिलता है. एक आईएएस ऑफिसर को उसके करियर का 16 से 24 साल के बीच का समय इस पोस्ट पर गुजरना होता है.
  6. करीब 5 साल डिविजनल कमिश्नर के पद पर काम करने के बाद एडिशनल सेक्रेटरी या प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर सर्विस देना होता है.
  7. इसके बाद एडिशनल चीफ सेक्रेटरी फिर चीफ सेक्रेटरी और अंत में कैबिनेट सेक्रेटरी ऑफ इंडिया का पद मिलता है. बता दें कि एक आईएएस ऑफिसर के लिए कैबिनेट सेक्रेटरी का पद सबसे ऊंचा माना गया है.