भोपाल:
कोचीन पोर्ट ट्रस्ट में डिप्टी चेयरमेन बनने का मौका मध्यप्रदेश के आईएस अधिकारी विकास नरवाल के हाथ से निकल गया है। वे मध्यप्रदेश में उत्पादित गेहूं के विदेशों में निर्यात की व्यवस्थाओं में लगे रहे। राज्य सरकार ने उन्हें केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए समय पर रिलीव नहीं किया। अब इस पर पर ज्वाइनिंग के लिए निर्धारित तीन माह की समयसीमा बीत जाने के कारण केन्द्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने उनका नियुक्ति आदेश रद्द कर दिया है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2008 बैच के मध्यप्रदेश कॉडर के अधिकारी विकास नरवाल को 18 फरवरी को कोचीन पोर्ट ट्रस्ट में उपाध्यक्ष बनाया गया था। उन्हें तीन माह में इस पर पद ज्वाइनिंग देना था। उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए की गई थी। नरवाल स्वयं यहां जाने के इच्छुक थे और उनके आवेदन को मंजूर करने के बाद ही उनकी यहां तैनाती की गई थी। मध्यप्रदेश में इस बार भी गेहूं का बंपर उत्पादन हुआ है। वे मंडी बोर्ड के आयुक्त की जिम्मेदारी इस गेहूं सीजन में संभाल रहे थे। प्रदेश के किसानों और व्यापारियों को यहां उत्पादित गेहूं के अच्छें दाम मिले इसके लिए प्रदेश के गेहूं निर्यात की तमाम व्यवस्थाओं की मानीटरिंग और इंतजाम करवाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने नरवाल को सौप दी थी। उन्होंने इस काम को बखूबी अंजाम दिया और मध्यप्रदेश को गेहूं निर्यात के मामले में पूरे देश में सिरमौर भी बनाया। लेकिन इस काम के चलते नरवाल को कोचीन पोर्ट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष का पद गवाना पड़ा है। प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए राज्य से रिलीव करने के लिए वे सामान्य प्रशासन विभाग को निवेदन भी करते रहे लेकिन प्रदेश में गेहूं निर्यात की व्यवस्थाएं न बिगड़े इसलिए उन्हें रिलीव नहीं किया गया। अब तीन माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी रिलीव नहीं हो पाने के कारण बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने उनकी प्रतिनियुक्ति का आदेश निरस्त कर दिया है।
मिल सकती है महत्वपूर्ण जिम्मेदारी-
प्रदेश से गेहूं निर्यात की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को बखूबी निभाने, कोचीन पोर्ट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष का पद छोड़ने और मध्यप्रदेश को गेहूं निर्यात में देश में सिरमौर बनाकर दिखाने के कारण मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव उनके काम से खुश है और जल्द ही उन्हें और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है।
IAS नरवाल ने गवाया कोचीन पोर्ट ट्रस्ट के डिप्टी चेयरमेन बनने का मौका
गेहूं निर्यात की व्यवस्थाओं में जुटे रहे, सरकार ने समय पर नहीं किया रिलीव