IAS Pooja Singhal Case : ED की विशेष अदालत ने IAS की डिस्चार्ज एप्लीकेशन खारिज की!

एंटी करप्शन ब्यूरो ने 5 नए मामलों की केसों की जांच शुरू की!

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IAS Pooja Singhal Case : ED की विशेष अदालत ने IAS की डिस्चार्ज एप्लीकेशन खारिज की!

Ranchi: झारखंड की सीनियर आईएएस अफसर पूजा सिंघल की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। ABC (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने उनके खिलाफ 5 और फाइलों की जांच शुरू कर दी। इस आईएएस के खिलाफ 11 केसों की जांच पूरी हो चुकी है। इस सबके बाद एक बार पूजा सिंघल की परेशानी बढ़ने वाली हैं। इससे पहले ED की विशेष अदालत ने आईएएस पूजा सिंघल के डिस्चार्ज एप्लीकेशन को खारिज करते हुए उन्हें तगड़ा झटका दिया था।

ED की अदालत ने उनकी डिस्चार्ज एप्लीकेशन को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया कि आरोपों का सामना पूजा सिंघल को करना पड़ेगा और ट्रायल फेस करना पड़ेगा। क्योंकि, उनके खिलाफ आरोपों को लेकर प्रथम दृष्ट्या पर्याप्त आधार मुकदमा चलाने के ईडी द्वारा न्यायालय के समक्ष पेश किए गए। ईडी की विशेष अदालत में जस्टिस पीके शर्मा ने पूजा सिंघल के डिस्चार्ज पिटीशन को खारिज कर दिया। याचिका पर 25 मार्च को कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली थी और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसले की तारीख तय की थी।

पिछली सुनवाई के दौरान पूजा सिंघल ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दलील दी थी और खुद को पाक-साफ बताया था। मामले में पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा के सीए सुमन कुमार और खूंटी के तत्कालीन सहायक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दायर किया जा चुका है. इनके खिलाफ अब मंगलवार यानी कल आरोप गठित किया जाएगा। इस मामले में रामविनोद प्रसाद सिन्हा के पहले से ही आरोप तय किए जा चुके हैं। वहीं, आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल दो माह की अंतरिम जमानत पर हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दी गई है।

ये होती है डिस्चार्ज पिटीशन

डिस्चार्ज पिटीशन कोई भारी भरकम फाइल नहीं होती। ये महज एक पन्ने का एप्लीकेशन होता है। आम तौर पर अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र (चार्ज शीट) दाखिल होने के बाद मुकदमें का ट्रायल कर न्यायालय से आरोपी को सजा दिलाने के लिए निवेदन करता है, जिसे चार्ज पिटीशन कहा जाता है। अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय के समक्ष दायर की गई चार्ज पिटीशन पर सुनवाई न्यायालय द्वारा किया जाता है। आरोपी से ये पूछा जाता है कि क्यों न तुम्हारे खिलाफ ट्रायल शुरू किया जाए? अभियोजन पक्ष के चार्ज पिटीशन के जवाब में बचाव पक्ष यानि आरोपी की तरफ से डिस्चार्ज पिटीशन दाखिल की जाती है जिसमें आरोपी की तरफ से उन सभी तथ्यों का जिक्र किया जाता है, जो वह अपने बचाव में कहना चहता है और अपने तथ्यों को सही बताते हुए व अभियोजन पक्ष के तथ्यों को गलत बताते हुए डिस्चार्ज पिटीशन को स्वीकर कर अभियोजन पक्ष के द्वारा दाखिल की गई चार्ज पिटीशन को खारिज करने व आरोपी खुद को क्लीन चिट देने का निवेदन करता है। आमतौर पर चार्जशीट दाखिल हो जाने के बाद न्यायालय डिस्चार्ज पेटीशन को खारिज ही करता है।

क्या मामला ही पूजा सिंघल के खिलाफ

ईडी द्वारा मनरेगा घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग केस में 6 मई 2022 को झारखंड की वरिष्ठ आईएएस अफसर पूजा सिंघल के 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान 19.31 करोड़ रुपए की बरामदगी भी की गई थी। मामले में पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के सीए सुमन कुमार को भी ईडी द्वारा रिमांड पर लिया गया था और 11 मई, 2022 को पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पूजा सिंघल को बाद में जमानत दे दी और पूजा सिंघल फिलहाल बेल पर बाहर हैं।