

IAS Punished : कच्छ के पूर्व कलेक्टर प्रदीप शर्मा को 5 साल की सजा, निजी कंपनी को सरकारी जमीन आवंटित की!
Ahmedabad : कच्छ जिले की एक अदालत ने शनिवार को पूर्व आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा को 2011 के एक मामले में 5 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। यह मामला एक निजी कंपनी को सरकारी जमीन आवंटित करने में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है।
उस समय प्रदीप शर्मा वहां कलेक्टर थे। इससे सरकार को नुकसान हुआ था। इससे पहले एक अन्य भूमि आवंटन के मामले में भी शर्मा को पांच वर्ष की सजा सुनाई जा चुकी है।
भुज में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जेवी बुद्ध की अदालत ने प्रदीप शर्मा, शहरी योजनाकार नटूभाई देसाई, तत्कालीन तहसीलदार नरेंद्र प्रजापति और तत्कालीन रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर अजीत सिंह जाला को पांच साल कारावास की सजा सुनाई। सभी पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी किया गया। यह मामला पाइप्स प्राइवेट लिमिटेड को सरकारी जमीन आवंटित करने में की गई अनियमितताओं से जुड़ा है।
उस समय प्रदीप शर्मा कच्छ जिले के कलेक्टर थे। उन्हें और तीन अन्य के खिलाफ 2011 में सीआईडी क्राइम राजकोट जोन पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शर्मा को 4 मार्च, 2011 को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने नियमों का उल्लंघन करते हुए औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की। इससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। यह 6 जून, 2003 के गुजरात सरकार के राजस्व विभाग के प्रस्ताव का उल्लंघन था।
कोर्ट ने कहा कि प्रदीप शर्मा की यह सजा अहमदाबाद की सत्र अदालत द्वारा 20 जनवरी को 2004 के एक अन्य भ्रष्टाचार के मामले में दी गई पांच साल की सजा पूरी होने के बाद शुरू होगी। सरकारी वकील एचबी जडेजा ने बताया कि अदालत ने 52 दस्तावेजी साक्ष्यों और 18 गवाहों के बयानों को ध्यान में रखा।