
IAS Saumya Took Away Fear of Students : टोंक के स्टूडेंट्स अब गणित से नहीं डरते, कलेक्टर सौम्या झा के आईडिया ने रिजल्ट सुधारा, 95% पास हुए!
Tonk (Rajasthan) : एक सामान्य धारणा है, कि कलेक्टर का काम जिले की प्रशासनिक व्यवस्था को संभालना होता है। जबकि, वास्तव में ऐसा नहीं है। कुछ कलेक्टरों के नवाचार उस इलाके में बड़ा बदलाव ले आते हैं। कुछ ऐसा ही बदलाव राजस्थान के टोंक जिले की कलेक्टर सौम्या झा लेकर आई। उन्होंने यहां के स्टूडेंट की पढ़ाई में एक आईडिया से सुधार ला दिया और रिजल्ट में उसका असर भी दिखाई दिया। कलेक्टर डॉ सौम्या झा का ‘पढ़ाई विद एआई’ प्लान सफल रहा। इस प्रयास से बच्चों के मन से गणित का डर खत्म हो गया। वर्ष 2025 में 10वीं का परीक्षा परिणाम 95% रहा, जो ऐतिहासिक है। ‘पढ़ाई विद एआई’ से गणित विषय के सवालों का कॉन्सेप्ट भी क्लियर हुए।
चर्चित आईएएस डॉ सौम्या झा का ‘पढ़ाई विद एआई’ का प्लान उम्मीद से कही ज्यादा सफल रहा। उनके प्रयास से टोंक जिले में बच्चों के मन से अब गणित का डर खत्म गया। यह सब कुछ टोंक कलेक्टर के नवाचार के चलते हुआ। पढ़ाई विद एआई से बच्चों का गणित से न केवल डर समाप्त हुआ, बल्कि गणित विषय के सवालों का कॉन्सेप्ट भी क्लियर हुआ। अब बच्चों के मन में भरपूर आत्म विश्वास आ गया।
सौम्या झा का आइडिया काम कर गया
कलेक्टर के तौर पर तैनात होने के बाद आईएएस डॉ सौम्या झा ने महसूस किया कि जिले में पढ़ाई का स्तर काफी कमजोर है। उन्हें लगा कि बच्चों में गणित विषय को लेकर डर बना है। उन्होंने पढ़ाई के शैक्षणिक स्तर और रिजल्ट को बेहतर बनाने के लिए बच्चों के मन से गणित का डर बाहर निकालने की ठानी। इसको लेकर उन्होंने टोंक जिले के सभी सरकारी स्कूलों में ‘पढ़ाई विद एआई’ वेब पोर्टल से पढ़ाई शुरू करवाई, जो बच्चों के लिए संजीवनी साबित हुआ।
गणित विषय में आया सबसे ज्यादा सुधार
इस दौरान सत्र 2024-25 में कक्षा 10वीं के परीक्षा परिणाम में ‘पढ़ाई विद एआई’ से ऐतिहासिक सुधार हुआ। इस वर्ष टोंक जिले में 95% विद्यार्थी पास हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में कई अधिक है। साथ ही राज्य के औसत से भी बेहतर है। पहली बार बड़ी संख्या में प्रथम श्रेणी में (60 से 100 प्रतिशत) उर्त्तीर्ण विद्यार्थियों में 5% से अधिक की बढ़ोतरी हुई। उच्च अंकों (80 से 100%) से उत्तीर्ण 7.54% विद्यार्थियों ने न केवल अपना पिछला प्रदर्शन पीछे छोड़ा, बल्कि इस वर्ष राज्य के 5.95% आंकड़े को भी पार कर लिया। जिले में इस बार असफल विद्यार्थियों की संख्या के परीक्षा परिणाम में भी 3% की गिरावट देखी गई।
‘पढ़ाई विद एआई’ ने बच्चों की पढ़ाई ऐसे सुधारी
कलेक्टर सौम्या झा के इस नवाचार का मूल उद्देश्य था कि विद्यार्थियों को गणित विषय में रुचि लेना सिखाना। इस दौरान वेब पोर्टल ने विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तक से प्रश्न हल करने में मदद की, बल्कि एआई ट्यूटर के जरिए उसी पैर्टन पर नये सवालों का अभ्यास, साप्ताहिक टेस्ट, साप्ताहिक टॉपर फोटो ऑन पेज और छात्र एनालिटिक्स जैसी सुविधाएं प्रदान की। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने, हल खोजने और नए प्रश्नों पर अभ्यास करने जैसे अवसर भी दिए। वेब पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों को रिपोर्ट और मूल्यांकन की सुविधा उपलब्ध कराई गई, जिससे उनकी निगरानी और मार्गदर्शन भी बेहतर हुआ।





