IAS शोभित जैन ने दिया प्रदेश में त्रिस्तरीय शाकाहार संघ बनाने का सुझाव

शाकाहारियों से केवल शाकाहारी होटल-रेस्टोंरेंट मेें भोजन, नाश्ता करने का अनुरोध

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IAS शोभित जैन ने दिया प्रदेश में त्रिस्तरीय शाकाहार संघ बनाने का सुझाव

भोपाल. मध्यप्रदेश के IAS अधिकारी शोभित जैन ने मध्यप्रदेश में राज्य, संभाग और जिला स्तर पर पूर्णत: गैर राजनैतिक त्रिस्तरीय शाकाहारी संघ के गठन करने का सुझाव दिया है। उन्होंने शाकाहारियों से यह अनुरोध भी किया है कि केवल शाकाहारी रेस्टोरेंट, भोजनालय या होटल में ही भोजन करे, किसी भी मांसाहारी रेस्टोरेंट्स आदि में भोजन ना करे जब तक की उनमें पृथक-पृथक किचन ना हो।

शोभित जैन का कहना है कि ऐसे भोजनालय, रेस्टोरेंट और होटल जहां शाकाहारी और मांसाहारी भोजन साथ-साथ मिलता है और एक ही किचन में दोनो तरह की खाद्य सामग्री बनती है वहां पूर्ण संभावना होती है मांस किसी न किसी प्रकार से शाकाहारी भोजन में मिक्स हो जाता है। विभिन्न विद्यार्थियों को यदि वह मेस में भोजन करते है तो उन्हें अलग-अलग शाकाहारी रसोई घर की लोकतांत्रिक तरीके से मांग करनी चाहिए। किसी भी मांसाहारी रेस्टोरेंट में भोजन न करे जब तक कि उनमें अलग-अलग किचन न हो। लोग क्या कहेंगे इसकी परवाह न करे।

शोभित जैन का कहना है कि ऐसे बहुत से उदाहरण है जिनमें शाकाहारियों को मांसाहारी भोजन अंशत: या पूर्णत: परोसे जाने पर कोई कार्यवाही नही हुई केवल सारी बोलकर काम चला लिया गया। वर्तमान में शाकाहारी लोगों का कोई संगठन एक्टिव नहीं दिखता जो इस तरह के कदम उठा सके। उन्होंने मध्यप्रदेश में राज्य, संभाग और जिला स्तर पर पूर्णत: गैर राजनैतिक त्रिस्तरीय शाकाहारी संघ के गठन करने का सुझाव दिया है। इसमें ऐसे लोग प्रतिनिधित्व करेंगे जो किसी भी पार्टी या राजनैतिक दल से न जुड़े हो।

यह संघ शाकाहार का प्रचार करेगा और ऐसे रेस्टोरेंट जो अपने को शाकाहारी लिखते है और मांसाहार भी बेचते है उन पर कार्रवाई हेतु आवश्यक कदम उठाएगा। शाकाहारी समाज के लोगों को जानबूझकर मांसाहार परोसने पर कार्यवाही न होंने पर उन्हें आवश्यक सलाह देगा और उनकी मदद करेगा। मांसाहारी उत्पादों पर शाकाहारी होने का हरा चिन्ह होने पर फूड सेफ्टी स्टेंडर्ड अ‍ॅथारिटी ऑफ इंडिया में शिकायत कर आवश्यक सुधार कराएगा। ऐसे पैकेज्ड फूड आइयटम जिनमें चिन्ह हरा अर्थात शाकाहारी का होता है परन्तु उनमें डाले गए फूड स्टेबलाइजर, एमलसीफायर और अन्य एडिटिव मांसाहारी होते है। जिनकी जानकारी शाकाहारी व्यक्ति को नहीं होती। शाकाहार संघ इस संबंध में शाकाहारी समाज को जानकारी देगा या ऐसे विषयों को एफएसएसआई के स्तर पर प्रमुखता से उठाएगा।