IAS Smita’s counterattack: महाभारत के कृष्ण को दिया जवाब, कहा-मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास

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IAS Smita’s counterattack: महाभारत के कृष्ण को दिया जवाब, कहा-मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास

एमपी कैडर की IAS अधिकारी स्मिता भारद्वाज ने 7 दिन बाद चुप्पी तोड़ते हुए महाभारत सीरियल में कृष्ण का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्वाज के आरोपों पर कई सवालों के जवाब दिए है।

15 फरवरी को नीतीश ने पत्नी स्मिता पर दोनों बेटियों के अपहरण का आरोप लगाया था। 1992 बैच की IAS खेल एवं युवक कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव स्मिता ने इन आरोपों पर बयान जारी किया है।

स्मिता ने कहा है कि नीतीश बीते 5-6 साल से मेरा और बेटियों का फोन रिकॉर्ड कर रहे हैं। दुनिया का कोई पिता या पति क्या ऐसा करता है? पिता होने के नाते उन्होंने कभी भी न तो बेटियों की स्कूल फीस की चिंता की, न ही दूसरे खर्चों की। इससे साफ है कि उनके मन में क्या चल रहा है?

स्मिता ने आरोप लगाया कि 17 फरवरी को भोपाल में जब नीतीश बेटियों से मिले तो उन्होंने गुस्से में बात की। कहा कि तुम्हारी मां ने कभी मेरे ई-मेल का जवाब नहीं दिया, इसलिए मुझे मुख्यमंत्री और पुलिस कमिश्नर के पास जाना पड़ा। स्मिता ने कहा कि नीतीश ने जानबूझकर गलत एड्रेस पर ई-मेल किए। इस मुलाकात के बाद बेटियां गहरे सदमे में हैं, वे फूट-फूटकर रो रही थीं। स्मिता के पलटवार के बाद नीतीश ने एक बार फिर वीडियो जारी कर कहा कि वे अब भी झूठ बोल रही हैं।

नीतीश का कभी आर्थिक या भावनात्मक सहयोग नहीं रहा: स्मिता

नीतिश के आरोपों पर स्मिता ने कहा कि मैं अपनी जुड़वा बेटियों- देवयानी और शिवरंजनी के जन्म से ही उनकी देखभाल करने वाली मां रही हूं। सिंगल मदर होते हुए कई तरह की वित्तीय चुनौतियों का सामना करने के बावजूद मैंने उन्हें हर सुविधा दी। पिछले चार साल में दोनों बेटियों ने पढ़ाई के साथ साहित्य, कला और खेल में कई सफलताएं हासिल की हैं। 11 साल की बेटियों ने दो किताबें लिखीं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व किया, संस्कृत की ब्रांड एम्बेंसडर भी बनीं। उनकी खुशी के लिए मैंने हर कदम पर त्याग किया। नीतीश को ये स्वीकार करना चाहिए कि बेटियों को पालने में उनका कभी सहयोग नहीं रहा। बेटियों की सफलता में नीतीश का कभी आर्थिक या भावनात्मक सहयोग नहीं रहा।

स्मिता ने कहा कि नीतीश को बेटियों की सुरक्षा की चिंता थी तो परिचितों और दोस्तों के जरिए संपर्क करने का प्रयास करना था। क्या किसी मां के लिए इतने लंबे समय तक बेटियों को अपहरण कर रखना संभव है। मेरी बेटियों पर किसी तरह का दबाव नहीं है। नीतीश का ये आरोप झूठा है कि वे डरी हुई हैं। बच्चियां घबराहट, क्रोध या किसी तरह के सदमे से नहीं गुजर रहीं। वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। नीतीश खुद पुलिस और सरकारी तंत्र पर दबाव बनाकर अपनी पहुंच का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

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मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास: स्मिता

नीतीश मुझ पर झूठे आरोप लगाकर मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। 2022 से उन्होंने घर के फोन के जरिए बेटियों से संपर्क बनाए रखा। ये सभी तथ्य फैमिली कोर्ट के रिकॉर्ड में भी दर्ज हैं। अब वे झूठ कह रहे हैं कि उन्हें फोन नंबर की जानकारी नहीं थी। उन्हें अदालत की कार्यवाही और बेटियों से संबंधित मामलों के लिए ई-मेल एड्रेस भी दिया गया है। नीतीश ने मेरा मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया। कहा कि बेटियों के बारे में जो भी बात होगी, वो बिचौलियों के माध्यम से पहुंचाई जाए।

नीतीश ने सिर्फ 3 बार बेटियों से की मुलाकात

स्मिता ने कहा कि पिछले 4 साल में नीतीश ने सिर्फ 3 बार बेटियों से मुलाकात की है। अक्टूबर 2018 में मैं बेटियों को उनसे मिलाने के लिए मुंबई ले गई थी। उन्होंने पारिवारिक शादी में होने की बात कहते हुए मिलने से मना कर दिया। उस समय बेटियों की उम्र महज 6 साल थी। इतनी छोटी बच्चियां साथ होने के बाद भी उन्होंने घर में हमें प्रवेश नहीं करने दिया और अपने खर्च पर बेटियों के साथ होटल में ठहरने की बात कही।

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नीतिश ने घर में नहीं घुसने दिया: स्मिता

अक्टूबर 2019 में मुंबई और पुणे जाने की जानकारी देने पर भी उन्होंने बात को टाल दिया। जब मैंने पुणे में मिलने की बात की, तो उन्होंने बीमार होने का बहाना बनाया और घर में नहीं घुसने दिया। जरूरी काम होने की बात कहकर मुंबई या पुणे नहीं आए। जब हम मुंबई में थे तो उस दौरान सार्वजनिक जगह पर भी मिलने से मना कर दिया। मैंने अपने रिकॉर्ड में भी ये बात कही है कि वे पूर्व सूचना देकर अपनी बेटियों से जब चाहें, तब मिल सकते हैं।

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