
Kissa-A-IAS: IAS Tapasya Parihar: खेत-खलिहान से IAS अफसर तक,छोटे शहर के सपने देखने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा
सुरेश तिवारी

IAS Tapasya Parihar: मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के छोटे से गांव जबेरा की तपस्या परिहार ने अपनी मेहनत, लगन और अलग सोच से पूरे देश के युवाओं को नई दिशा दी है। किसान परिवार में जन्मी तपस्या की शिक्षा की शुरुआत केंद्रीय विद्यालय से हुई, जहां उन्होंने अनुशासन और आत्मनिर्भरता सीखी। इसके बाद उन्होंने पुणे के प्रतिष्ठित इंडिया लॉ सोसाइटी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की, जिससे उनकी सोच को सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों की गहराई मिली।

IAS Tapasya Parihar: तपस्या का सफर आसान नहीं था। यूपीएससी के पहले प्रयास में उन्हें असफलता मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। बिना किसी कोचिंग के, खुद के बनाए नोट्स, मॉक टेस्ट और करंट अफेयर्स की गहरी समझ के साथ उन्होंने सेल्फ स्टडी को अपना हथियार बनाया। सोशल मीडिया से दूरी बनाकर, पूरी ईमानदारी और अनुशासन के साथ पढ़ाई की। दूसरे प्रयास में 2017 की UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया 23वीं रैंक हासिल कर ली—यह उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए, बल्कि हर छोटे शहर के सपने देखने वाले युवा के लिए प्रेरणा बन गई। 2018 बैच की IAS अधिकारी तपस्या को पहले तमिलनाडु कैडर आवंटित हुआ था और शादी के बाद उन्हें मध्य प्रदेश कैडर मिला।

IAS Tapasya Parihar: प्रशासनिक सेवा में कदम रखते ही तपस्या ने अपने फैसलों और सोच से अलग पहचान बनाई। ट्रेनिंग के दौरान ही उनकी शादी IFS अधिकारी गर्वित गंगवार से हुई। खास बात यह रही कि तपस्या ने अपनी शादी में “कन्यादान” की परंपरा को सिरे से नकार दिया। उन्होंने साफ कहा कि बेटियां कोई वस्तु नहीं हैं, जिन्हें दान किया जाए—यह कदम पूरे देश में चर्चा का विषय बना और बेटियों के सम्मान की नई परिभाषा बन गया। उनके इस फैसले ने समाज में महिलाओं की भूमिका और सम्मान को लेकर नई सोच को जन्म दिया।
Read More….
Kissa-A-IAS: HS Keerthana: 32 फ़िल्में और 48 TV शोज का आकर्षण भी जिन्हें IAS बनने से रोक नहीं सका!

IAS Tapasya Parihar:तपस्या वर्तमान में छतरपुर जिले में जिला पंचायत CEO के रूप में पदस्थ है। यहां उन्होंने ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कई नवाचार किए। जब एक निलंबित सरकारी शिक्षक ने उन्हें 50,000 रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की, तो तपस्या ने न सिर्फ रिश्वत ठुकराई, बल्कि उस शिक्षक को रंगे हाथों पकड़वाकर जेल भिजवाया। इस मामले में उनकी चौतरफा सराहना हुई और उनकी छवि एक ईमानदार और कड़क प्रशासनिक अधिकारी के रूप में स्थापित हुई।

उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता, संवेदनशीलता और टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग साफ नजर आता है। वर्तमान में तपस्या परिहार मध्य प्रदेश प्रशासन में एक प्रेरणादायक अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं। उनका सफर बताता है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो साधारण परिवार से निकलकर भी असाधारण ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने न सिर्फ प्रशासनिक सेवा में, बल्कि सामाजिक सोच और महिला सम्मान के क्षेत्र में भी नई लकीर खींची है।

*झलकियां एक नजर में:*
1. किसान परिवार से निकलकर केंद्रीय विद्यालय और ILS लॉ कॉलेज, पुणे तक का सफर
2. बिना कोचिंग, सेल्फ स्टडी और अनुशासन से UPSC 2017 में 23वीं रैंक
3. शादी में कन्यादान की परंपरा को ठुकराकर बेटियों के सम्मान की नई मिसाल
4. छतरपुर में जिला पंचायत CEO के रूप में ग्रामीण विकास, शिक्षा और ईमानदारी की छाप
5. रिश्वतखोर शिक्षक को जेल भिजवाकर प्रशासनिक सख्ती का उदाहरण
6. परिवार: दादी देवकुंवर परिहार (पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष), चाचा विनायक परिहार (सामाजिक कार्यकर्ता)
7. युवाओं के लिए संदेश—सपनों को पंख दो, मेहनत और सच्चाई से हर मंजिल पाई जा सकती है
तपस्या परिहार की कहानी सिर्फ एक सफलता नहीं, बल्कि बदलाव, साहस और नई सोच की मिसाल है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए mediawala.in उत्तरदायी नहीं है।





