IDA Lease : 19 सौ मामले IDA की लीज में उलझे, तीन साल पहले लीज खत्म!

शिविर लगाकर कई प्रकरणों का निराकरण किया

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IDA Lease : 19 सौ मामले IDA की लीज में उलझे, तीन साल पहले लीज खत्म!

Indore : इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) की शहर में करोड़ों की संपत्ति है। कई संपत्तियों की लीज खत्म हो गई है। लीज नवीनीकरण में 1900 प्रकरण उलझे हुए हैं, क्योंकि तीन साल पहले उनकी लीज समाप्त हो चुकी है। नई लीज को लेकर अब तक शासन की और से कोई अनुमति नहीं मिल सकी। नवीनीकरण के अभाव में संपत्ति धारक परेशान हो रहे हैं।

प्राधिकरण ने स्कीम नंबर 155, स्कीम नंबर 94, स्कीम नंबर 71 में 1990 में संपत्तियों की लीज की थी। लीज का पालन करते हुए IDA ने निर्माण कार्यों की अनुमति दी। इन योजनाओं में लीज खत्म होने के बाद सम्पति धारकों का टेंशन बढ़ गया। लीज खत्म हो गई, जिससे सम्पति जब्ती का डर सताने लगा है।

संपत्ति धारक लगातार इंदौर विकास प्राधिकरण के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन नतीजा सिफर रहा। इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा के समक्ष लीज नामांतरण का मामला पहुंचा था। इसके बाद उनके आदेश पर सम्पदा विभाग के अधिकारियों ने बुधवार और शुक्रवार को शिविर लगाकर कई प्रकरणों का निराकरण किया।

यह भी एक कारण

लीज नामांतरण में कई बार ऐसा पेंच भी फंस गया कि संपत्ति धारक को अपना निर्माण ध्वस्त करना पड़ा। वजह, संपत्ति धारक ने मुख्य गेट पर बारिश और धूप से बचाव के लिए टीन शेड लगा दिए, परिवार की जरूरत होने पर कमरे किराए पर दे दिए। संपत्ति धारक के इस कृत्य को प्राधिकरण लीज नियमों का उल्लंघन मानता है। यह भी कारण है कि कई संपत्तियों की लीज का नवीनीकरण करने में प्राधिकरण रुचि नहीं ले रहा है।

इनका कहना है

स्कीम नंबर 71 में रहने वाले महेंद्र मकासरे का कहना है कि उन्होंने 1996 में फ्लैट खरीदा था। इसकी लीज 2000 में समाप्त हो गई। अब नवीनीकरण को लेकर परेशान हो रहा है। लीज नहीं बढ़ने से सम्पति अधिग्रहण का भय सता रहा है। स्कीम नंबर 155 के रहने वाले योगेन्द्र यादव की मानें तो सम्पति के कुछ हिस्से में टीन शेड लगा दिए थे। इसके धूप, बारिश से बचाव होता था। अब इसे लीज का उल्लंघन माना जा रहा है। शुल्क जमा करने को तैयार हैं, लेकिन प्राधिकरण सुनवाई नहीं कर रहा है।

IDA के अध्यक्ष इंदौर विकास प्राधिकरण जयपाल सिंह चावड़ा ने कहा कि प्राधिकरण की संपत्तियों की लीज निर्धारित प्रक्रिया अनुसार बढ़ाई जाती है। कुछ योजनाओं में लीज उलझी है, शीघ्र ही उनका निराकरण कर दिया जाएगा।