RTO High-Tech : RTO दफ्तर के सारे काम अब ऑनलाइन! 

अगले साल सिर्फ ट्रायल और दस्तावेजी परीक्षण ही दफ्तर में होगा

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RTO High-Tech : RTO दफ्तर के सारे काम अब ऑनलाइन! 

Indore : क्षेत्रीय परिवहन विभाग (RTO) लगातार वाहन चालकों को हाईटेक सुविधाएं देने में लगा है। इससे समय के साथ ईंधन की बचत होती हैं, वहीं दलाल, बाबुओं को बेवजह के पैसे भी नहीं देने पड़ते हैं। वाहन चालकों की सहूलियत के लिए अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन कर दी है। आरटीओ के चक्कर काटने से निजात मिल रही है। अगले साल से आरटीओ में केवल ट्रायल और अन्य दस्तावेजी परीक्षण संबंधी कार्य ही हो सकेंगे।

कोरोना संक्रमण के बाद RTO में लाइसेंस बनाने वालों की भीड़ जुटने लगी थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्लॉट बांटे गए थे। स्लॉट में अलग-अलग तारीखों को वाहन चालकों को बुलाया जाने लगा, जिससे वे बेवजह परेशान नहीं हुए। चंद मिनटों में काम निपटाकर गंतव्य रवाना हो गए। सबसे पहले विभाग ने लर्निंग व पक्के लाइसेंस की ऑनलाइन व्यवस्था की। इसका बेहतर प्रतिसाद मिला।

रजिस्ट्रेशन, परमिट की जांच, वाहनों के ट्रांसफर के लिए भी आरटीओ आने का झंझट खत्म कर दिया। यह सारी सुविधा वाहन चालक कहीं से कभी भी कर सकता है। RTO में भी वाहन चालकों का दबाव कम होने लगा है।

दलाल बाहर होने लगे 

आरटीओ की इस पहल का प्रतिफल यह रहा कि लाइसेंस, वाहन ट्रांसफर व अन्य काम कराने वाले दलाल अब बाहर होने लगे हैं। दलालों के कारण कई बार आरटीओ की छवि दागदार हो जाती है। आरटीओ के सूत्रों ने बताया कि सरकार जिस तरह से आरटीओ की सेवाओं को ऑनलाइन कर रही है, उससे आने वाले दिनों में वाहन चालक घर बैठे ही सारे काम करा लेगा। केवल कर्मचारी और अधिकारी बचेंगे तो उन्हें कलेक्टोरेट में आवश्यक कार्य के लिए मर्ज कर दिया जाएगा। यानी, कलेक्टोरेट से ही आरटीओ संचालित किया जा सकेगा।

इंदौर के आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी के मुताबिक, आरटीओ लगातार वाहन चालकों को सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। सुविधाएं मिलने से उन्हें काफी राहत मिलेगी। केवल कुछ कार्यों के लिए ही आरटीओ तक आना पड़ेगा।