IDBI, HUDCO & Axis Bank on Sell : आधा दर्जन से ज्यादा सरकारी कंपनियां बिकेंगी

Air India बेचने के बाद सरकार उत्साह से भरी

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बसंत पाल की विशेष रिपोर्ट

New Delhi: केंद्र सरकार की लिस्ट में इस साल 6 से ज्यादा कंपनियां बिकने के लिए तैयार हैं। इससे लगता है कि मोदी सरकार अब अपने निजीकरण और विनिवेश लक्ष्य पर तेजी से आगे बढ़ने का मूड बना चुकी है।

इस वित्त वर्ष (Financial Year) 2021-22 में मोदी सरकार की योजना आधा दर्जन से ज्यादा कंपनियों के निजीकरण (विनिवेश) की है। सरकार ने शुरू से ही सुधार उन्मुख और निजीकरण की पक्षधर सरकार की छवि बनाई है। नीति नियंताओं का मानना है कि कई सेक्टर ऐसे हैं, जिनमें सरकारी कंपनी की जरूरत नहीं है।

इसलिए कि सरकार को कारोबारी नहीं होना चाहिए। लगातार घाटे में चल रही कंपनियों को बेच देना ही बेहतर है। कुछ महीने पहले निवेश और लोक संपत्त‍ि प्रबंधन (DIPAM) सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा था कि सरकार का विनिवेश कार्यक्रम पटरी पर लौट आया है। ये कोरोना की दूसरी लहर के कारण ठप हो गया था।

विनिवेश का लक्ष्य
सरकार ने इस वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन, अभी तक सरकार को Axis Bank, NMDC, HUDCO आदि में हिस्सेदारी की बिक्री से महज 8,369 करोड़ और हाल में Air India की बिक्री से करीब 18 हजार करोड़ मिले हैं। अभी तक सरकार करीब 26,369 हजार करोड़ ही जुटा सकी है।

निजीकरण तेज
तुहीन कांत पांडे ने बताया था मार्च 2022 तक BPCLका निजीकरण भी पूरा कर लिया जाएगा। सरकार श‍िपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, BEML, पवन हंस और नीलांचल इस्पात निगम (Neelachal Ispat Nigam) को भी इस साल बेचने की तैयारी में है। इनको लेने में कई कंपनियां रुचि दिखा रही हैं। इनमें दो PSU Bank और एक बीमा कंपनी का भी निजीकरण किया जाना है। हालांकि ये बैंक कौन से होंगे अभी इनका खुलासा सरकार ने नहीं किया।

वित्त मंत्री की घोषणा
IDBI Bank के विनिवेश प्रक्रिया को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इस वित्त वर्ष के अंत तक इसे भी कर देने का लक्ष्य है। पिछले छह साल में सरकार सरकारी कंपनियों के विनिवेश से करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये जुटा चुकी है। इस वित्त वर्ष के अंत तक सरकार LIC का कुछ हिस्सा बेचने के लिए IPO लेकर आएगी। सरकार ने Container Corporation of India (Concor) को भी बजट के दौरान IPO यानी लिस्टिंग की सूची में रखा था। लेकिन, इस पर कोई प्रगति नहीं हो पाई।