सरकार कस्टम ड्यूटी कम करें तो गोल्ड की स्मगलिंग पर लगेगी लगाम: बोले आईबीजेए के राष्ट्रीय महासचिव मेहता!
Ratlam : इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन IBJA, के नेशनल सेक्रेट्री सुरेंद्र मेहता ने आने वाले बजट में भारत सरकार से ज्वैलरी इंडस्ट्री के लिए कुछ महत्वपूर्ण मांग रखी हैं जो कि वर्तमान समय के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं!
1. कस्टम ड्यूटी जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके कम किया जाए जिससे स्मगलिंग रोकने में बढ़ावा मिलें और देश का व्यापार सुचारू रूप से चल सके!
2. इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज IIBX द्वारा ट्रांजैक्शन करने पर 0.5% का एक्स्ट्रा बेनिफिट मिलें जिससे यह एक्सचेंज भी सुचारू रूप से चल सके और ज्वैलरी इंडस्ट्री को इसका फायदा मिल सके!
3. पूरे देश में केवल IIBX के थ्रू ही सोना, आयत की इजाजत होनी चाहिए!
4. पूरे देश में एक्सपोर्ट करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के अंतर्गत केवल, आईआईटीबीएक्स के थ्रू ही चैनल बनाना चाहिए जिससे ज्वैलरी इंडस्ट्री को सभी जगह नहीं भटकना पड़े और सिंगल विंडो सिस्टम के अंतर्गत कार्य हो जाए जिससे हमारे देश का एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिल सके और देश को विदेशी मुद्रा का लाभ मिले!
5. गिफ्ट सिटी में पूरा एक्सपोर्ट डिवीजन का निर्माण किया जाए जिसमें एक ही जगह पर देश का कोई आम ज्वेलर्स भी अपने प्रोडक्ट को ले जाकर वहां के जरिए पूरे विश्व के मार्केट से जुड़कर उसको बिक्री कर सके और सारे कानूनी प्रक्रियाओं की जटिल समस्याओं से उसको राहत मिलें!
6. सरवन गोल्ड बॉन्ड के अंतर्गत किए गए निवेश पर कंज्यूमर को इनकम टैक्स में छूट प्रदान की जाए!
7. अन्य वस्तुओं की तरह ज्वेलरी के लिए भी बैंकों से तथा अन्य माध्यम से लोन मिल सकें और ईएमआई पर लोग ज्वेलरी खरीदी कर सके जिस भाव बढ़ने का असर ज्वैलरी इंडस्ट्री पर ना आए और आम आदमी ज्वैलरी इंडस्ट्री से दूर न जाए!
मामले में इंडियन बुलियन ज्वैलर्स के मध्य प्रदेश डायरेक्टर विशाल डांगी ने बताया कि पूरे देश में हॉलमार्किंग एक समान लागू होना चाहिए और उसके नियमों में सरलीकरण होना चाहिए उससे संबंधित कई ऐसे नियम कायदे कानून हैं जिससे आम ज्वेलर्स परेशान हैं उनके ऊपर सरकार को ध्यान देना चाहिए और पूरे देश में उसके इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर सरकार को संज्ञान लेना चाहिए, इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट, EGR में सरलीकरण लाना चाहिए। पुराने सोने पर खरीदी करते वक्त जीएसटी हटा देनी चाहिए जिससे आम कंज्यूमर को नुकसान ना हो। भारत के ज्वेलर्स को पहले सहकारी का लाइसेंस मिलता था जो कि अब बंद कर दिया गया हैं लेकिन कॉर्पोरेट कंपनियों को पूरा अधिकार दे दिया गया हैं तमाम प्राइवेट कॉर्पोरेट कंपनियों के पास यह काम करने का अधिकार हैं पर आम ज्वेलर्स के हाथ से छीन लिया गया हैं, वह प्रक्रिया आम ज्वेलर्स को वापस की जाए।
छोटे मध्यम वर्गीय एक्सपोर्टर्स को आसानी से गोल्ड मिलना चाहिए उसकी प्रक्रिया सरल होनी चाहिए!
एलडीसी लिस्ट डेवलपमेंट कंट्रीज जैसे देशों के साथ व्यापार करने की दिशा को बढ़ावा नहीं देना Let’s तथा फ्री ट्रेड एरिया एफडीए इनके साथ ट्रेड करने से जहां टैक्स लगता है गोल्ड के ट्रांजैक्शन में वह प्रभावित होता हैं। घरों में रखे सोने को बेचने पर कैपिटल गेन में भारत सरकार को आम कंस्यूमर को रियायत देनी चाहिए।
पिछले वर्ष डीआरए ने पूरे देश में बहुत जगह छापे मारकर स्मगलिंग का सोना बरामद किया ड्यूटी घटना से ज्वैलरी इंडस्ट्री को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। भारत की ज्वैलरी इंडस्ट्री प्रमुख रूप से सरकार से यही डिमांड करती है कि हमारे ऊपर इतनी ज्यादा कानून न लगाकर हमें सिंगल विंडो सिस्टम के अंतर्गत सरलीकरण प्रक्रिया के तहत कार्य करने का अवसर मिलें जिससे हम लोग अन्य दिशाओं में भी अपने व्यापार को बढ़ाकर सरकार को टैक्स दे सकें और व्यापार को ऑर्गेनाइज्ड दिशा में ले जा सके हम पर कानून का बोझ कम होना चाहिए।