मध्यप्रदेश अब आहिस्ता-आहिस्ता प्रतिबंधों की तरफ कदम बढ़ा रहा है। पहले नाइट कर्फ्यू लगा और रात 11 बजे से 5 बजे तक प्रतिबंध लगाया गया। इस संकेत से भी हम नहीं समझे, तो कोरोना के मामलों ने तेज गति से अपनी आमद दर्ज कराई। 31 दिसंबर 2021 से 2 जनवरी 2022 के बीच के तीन दिन में कोरोना संक्रमण दर 0.12 फीसदी से बढ़कर दोगुनी यानि 0.24 फीसदी हो गई थी।
तब भी हम नहीं जागे, तो स्थितियां और भी बदतर हो गईं। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह को तो बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पहले ही चिंता जतानी पड़ी कि लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। अंततः सरकार ने भी मजबूरी समझ ली और लॉकडाउन भले ही न लगाया हो लेकिन प्रतिबंधों का दायरा बढ़ा दिया गया। यानि कि आहिस्ता-आहिस्ता प्रतिबंधों की बांहें अपना घेरा बढ़ा रही हैं। ऐसा न हो कि एक दिन यह दायरा लॉकडाउन बनकर हमें अपने चंगुल में जकड़कर फिर जिंदगी को चारदीवारी में बंद कर दे। अभी भी वक्त जागने का इशारा कर रहा है, जाग गए तो जिंदगी खुली-खुली बनी ही रहेगी।
सरकारी बुलेटिन पर गौर कर लें। प्रदेश में 5 जनवरी 2022 तक कोविड-19 जॉच हेतु लिये गए कुल सैम्पलों की संख्या 2 करोड़ 40 लाख 02 हजार 195 है। कुल 7 लाख 95 हजार 363 पॉजीटिव प्रकरण पाये गये, जिनमें से 7 लाख 83 हजार 284 कोविड-19 रोगी स्वस्थ हुए हैं तथा 10535 की मृत्यु हुई है।
वर्तमान में एक्टिव प्रकरणों की संख्या 1544 है। और 05.01.2022 को 319 इंदौर, 92 भोपाल, 58 ग्वालियर, 23 जबलपुर, 22 उज्जैन, 15 सागर, 14 विदिशा, 7 खण्डवा, 6 शहडोल, 4 बैतूल, 4 बुरहानपुर, 4 दतिया, 4 झाबुआ, 3 रीवा, 2 अलीराजपुर, 2 बालाघाट, 2 धार, 2 खरगौन, 2 रतलाम एवं 2 शिवपुरी तथा बड़वानी, भिंड, होशंगाबाद, राजगढ़, सतना, श्योपुर एवं सिंगरौली में एक-एक नवीन पॉजिटिव प्रकरण पाए गए हैं,
जिनकी कुल संख्या 594 है, तथा पॉजीटिविटी दर 0.99 प्रतिशत है। सरकारी बुलेटिन गवाह है कि पिछले छह दिन में संक्रमण दर आठ गुना से ज्यादा हो गई है। और प्रदेश के आधे से ज्यादा जिले संक्रमण के दायरे में आ चुके हैं। बाकी जिलों के प्रति कोरोना का प्रेम कभी भी उजागर हो सकता है।
खैर सरकार ने नागरिकों के हित में प्रतिबंधों की संख्या में बढोतरी कर दी है। सभी तरह के मेलों पर प्रतिबंध रहेगा। शादी में दोनों पक्षों के 250 लोग शामिल होंगे और वह भी पूरे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए। तो अंतिम संस्कार में अधिकतम 50 लोग शामिल हो सकेंगे। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना अनिवार्य रहेगा। कलेक्टर कंटोनमेंट जोन घोषित करेंगे।
और फिर वही बात जो बार-बार हो रही है कि सोशल डिस्टेंसिंग, मॉस्क, सेनेटाइजर का कड़ाई से पालन जरूरी है। यानि कि भीड़भाड़ वाली जगहों पर रोक लगा दी गई है। फिर भी स्थिति समस्याओं से घिरी तो फिर नंबर बाजार का है, धार्मिक स्थानों का है और फिर दिन के भी लॉकडाउन का है।
समझ सको तो समझ लो प्रदेश के जागरूक नागरिकों, यदि न समझे तो कोरोना हमें भी समझा देगा और प्रतिबंधों की जंजीरों में भी जकड़ देगा। सरकार की कोशिश भले ही हो कि आर्थिक गतिविधियां जारी रहें लेकिन वक्त इजाजत नहीं देगा तो सरकार भी मजबूर होगी प्रतिबंध लगाने के लिए और लॉकडाउन से भी इंकार नहीं किया जा सकेगा। इंदौर लॉकडाउन में पहल करेगा तो भोपाल भी ज्यादा पीछे नहीं रह पाएगा।