ठंड को मात देना है तो खाइए खजूर!

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ठंड को मात देना है तो खाइए खजूर!

रेणु जैन की खास रिपोर्ट

​​हमारे यहां मौसम का आनंद कम लिया जाता है। मौसम से बचने के लिए नए-नए उपाय करने की आदत सी है। गर्मी आई तो शिकायत होने लगती है कि ओह कितनी गर्मी पड़ रही है, कुछ ठंडा खाओ। बरसात होने पर शोर मचने लगता है कि देखो कितना पानी गिर रहा है और ठंड का मौसम आ गया। इससे बचने के लिए भी बहुत पहले ही इंतजाम कर लिए जाते हैं। वैसे हर मौसम में सामान्य रूप से बचने के लिए साधन जुटाना भी जरुरी है। लेकिन, मौसम से डरना उचित नहीं है। डरने की यही मानसिकता मौसम को बेमजा कर देती है। ठंड में रजाई, स्वेटर और धूप में बैठना जरूरी है, वहीं खान-पान का विशेष ध्यान रखना भी जरूरी है। क्योंकि, इस सीजन को हेल्दी सीजन भी कहा जाता है। इस मौसम में कई चीजें विशेष तौर पर खाने के उपयोग में लाई जाती हैं जिनसे स्वास्थ्य अच्छा होता है। ऐसी ही चीजों में से एक है खजूर जिसे पिंड खजूर भी कहा जाता है।

​वैज्ञानिकों ने खजूर के पेड़ को ‘ऑल परपज ट्री’ नाम से नवाजा है, जिसे वे टॉनिक भी कहते हैं। कहते हैं कि खजूर के 800 फायदे होते हैं। सर्दियों में सेहत बनाने के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक एक खजूर में 23 कैलोरी होती है, इसीलिए खजूर को सुपरफ़ूड का दर्जा हासिल है। खजूर में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन तंत्र की सफाई करने के काम आता है।

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‘अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशियन’ की रिसर्च के मुताबिक कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति एक दिन में 100 मिलीग्राम मैग्निशियम ले, तो हार्ट अटैक का खतरा 9 फीसदी कम हो जाता है। मैग्निशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का काम करता है तथा खून का जमना, गठिया और अल्जाइमर जैसे रोगों से आपको दूर रखता है इसीलिए खजूर में मौजूद पोटेशियम दिल को मजबूत तथा सेहतमंद बनाता है।

एनिमिया के उपचार का रामबाण इलाज खजूर है। लगातार खजूर का सेवन शरीर में आयरन की कमी को पूरा करता है। खजूर में वो सभी विटामिन होते हैं जो नर्वस सिस्टम के लिए जरूरी हैं। आयरन से भरपूर खजूर गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद उपयोगी है। खजूर में मौजूद पोषक तत्व यूटेरस की माँसपेशियों को मजबूती देने के अलावा माँ के दूध को भी पोषक बनाता है। कुछ शोधों के अनुसार खजूर सेक्स पावर बढ़ाने में भी कारगर है। आँखों के रोगों के लिए खजूर उपयोगी है वहीं यह दाँतों को भी मजबूती देता है। विटामिन-सी से भरपूर त्वचा के लचीलेपन को बरकरार रखकर उसे कोमल बनाता है। इसमें मौजूद विटामिन बी-5 बालों को मजबूत बनाता है।

खजूर के पेड़ की खासियतें

​खजूर के पेड़ की खासियत यह भी है कि ढेरों फायदों के अलावा इसकी गुठली से पोल्ट्री आहार, पत्तियों से सुंदर टोकरियाँ, हाथ के पंखे, रस्सियाँ, झाडू, सूत, कागज तथा धागे बनाए जाते हैं । बीज को पीसकर ऊँटों, भेड़ों तथा घोड़ों का आहार भी बनाया जाता है । इसके लंबे तथा बेलनाकार तनों से पानी की नलियाँ बनाई जाती हैं।

​खजूर का वानस्पतिक नाम फीनिक्स डेक्टाइलीफेरा है। खजूर की खेती इराक में शुरू हुई। आज खजूर की खेती इराक, सऊदी अरब, मिस्त्र, लीबिया, पाकिस्तान, मोरक्को, ट्यूनीशिया, सूडान, संयुक्त अमेरिका तथा स्पेन में की जाती है। भारत खजूर का सबसे बड़ा आयातक देश है। हांलाकि, भारत के जोधपुर स्थित केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) से किसानों के लिए एक खुशखबर आई कि रेगिस्तान की हलक सुखा देने वाली गर्मी तथा 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाली आँधी के बीच काजरी संस्थान ने खजूर की बंपर पैदावार की है। रेगिस्तान के टीलों के बीच एडीपी-1 टाइप के खजूर काफी मशहूर हो रहे हैं।

​विश्व भोजन एवं कृषि अनुसंधान के अनुसार विश्व में लगभग 9 करोड़ खजूर के वृक्ष हैं। हर खजूर के पेड़ का जीवन सौ साल से अधिक होता है। इनमें से 6 करोड़ के करीब खजूर के वृक्ष केवल अरब देशों में हैं जिनसे प्रतिवर्ष 2 करोड़ टन खजूर के फल प्राप्त होते हैं। खजूर का फल चार-पाँच साल में फलना प्रारम्भ हो जाता है तथा दस बारह साल में पूरी उत्पादन क्षमता पा लेता है।

खजूर पेड़ों की खूबसूरती

​यदि पेड़ों की खूबसूरती की बात करें तो खजूर का पेड़ विश्व के सबसे सुंदर सजावटी पेड़ों में से एक माना जाता है । इन पेड़ों को सड़कों, राजमार्गों तथा मुख्य द्वारों पर लगाया जाता है। ​बाइबिल के जमाने में मिस्त्र की नील नदी की घाटी में खजूर के पेड़ लगे थे। ये आज भी वहाँ देखे जा सकते हैं। इन पेड़ो से इस जगह की खूबसूरती मेें चार चाँद लग गए हैं। ये पेड़ नेगेब रेगिस्तान के बागों में भी हैं जिनकी छाँव में बैठकर मुसाफिर चैन की साँस लेते हैं । इसी तरह मध्यप्रदेश में मालवा अँचल के नगर महू और पातालपानी तक की रेलयात्रा के दौरान खजूर के ढेरों पेड़ दिखाई देते हैं जो रास्तों की खूबसूरती को बढ़ा देते हैं।

​पूरी दुनिया में खजूर की करीब 240 से 360 किस्में हैं। मजे की बात यह भी है कि प्रत्येक का स्वाद उस क्षेत्र की मिट्टी तथा मौसम के हिसाब से होता है। बाजार में सबसे ज्यादा मँहगा बिकने वाला अजवा खजूर है जो दो हजार रू. प्रति किलो की कीमत पर बिकता है। कहते हैं इसकी गुठली मुँह में डेढ़ से दो घंटे तक गुलाब का स्वाद देती है। एक खुशखबरी यह है कि मधुमेह के मरीज भी इसे खा सकते हैं।

​सऊदी अरब में तेल के बाद अगर कोई चीज प्रसिद्ध है तो वह है खजूर। खजूर की महत्ता इस्लाम में बहुत अधिक मानी जाती है। इस्लामी परम्परा के अनुसार पैगम्बर मोहम्मद साहब ने भी अपना रोजा खजूर खाकर ही तोड़ा था। पूर्वी सऊदी अरब में दुनिया का सबसे बड़ा खजूर का नखलिसन है जिसमें लगभग 3 मिलियन पेड़ 30,000 एकड़ में फैले हुए हैं। कहा जाता है कि हर साल ऊलसहसा में एक खजूर त्यौहार आयोजित होता है जिसमें सरकारी एजेंसियाँ और कंपनियाँ खजूर बेचती हैं। इस त्यौहार का उद्देश्य कृषि विपणन, गुणवत्ता, उत्पादन और किसानों तथा व्यापारियों के बीच संचार की अवधारणाओं को विकसित करना है।