Illegal Colony Demolished : 3 अवैध कॉलोनियों पर MPIDC का बुलडोजर, मास्टर प्लान की रोक का उल्लंघन!

अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर से कार्रवाई की गई, नोटिस के बाद भी निर्माण नहीं रोका!

4200

Illegal Colony Demolished : 3 अवैध कॉलोनियों पर MPIDC का बुलडोजर, मास्टर प्लान की रोक का उल्लंघन!

Indore : प्रशासन ने पिछले साल पीथमपुर का मास्टर प्लान घोषित किया था। इसमें इंदौर और धार के 44 गांवों की लगभग साढ़े 12 हजार हेक्टेयर जमीन शामिल थी। इन जमीनों की खरीद-फरोख्त होने के साथ धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियां भी कटने लगी। आज ऐसी ही तीन अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाया गया। कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जा रही है।

एमपीआईडीसी (मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेट) ने बकायदा जाहिर सूचना के साथ धोखाधड़ी कर जमीनों को बेचने, भूखंडों को काटने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। मास्टर प्लान को अमल में लाने के लिए एमपीआईडीसी ने नगर तथा ग्राम निवेश (टीएनसीपी) के माध्यम से प्लान में शामिल जमीनों पर अभिन्यास की मंजूरी के साथ डायवर्शन पर भी रोक लगवा रखी है। इसके बावजूद कई जमीन मालिक अवैध रूप से जमीनों का विक्रय कर रहे हैं।

पीथमपुर के मास्टर प्लान का गजट नोटिफिकेशन पिछले साल सितम्बर में शासन ने किया था और एकतरफा जमीन अधिग्रहण या प्लान पर स्थगन आदेश न मिले इसलिए हाईकोर्ट में केविएट भी दायर की थी। पीथमपुर मास्टर प्लान के साथ एमपीआईडीसी द्वारा सेक्टर-7 को भी विकसित किया जा रहा है, जिसमें 12 गांवों की जमीनें शामिल हैं। उसके साथ ही इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर को भी अमल में लाया जा रहा है, जिसके खसरा नम्बरों का अभी दो दिन पहले ही प्रकाशन कर 30 दिन में दावे-आपत्तियां मांगी गई हैं।

इंदौर और आसपास तेजी से जो औद्योगिक निवेश हो रहा है उसमें पीथमपुर सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। जिसके चलते उसके निवेश क्षेत्र में इंदौर और धार के 44 गांवों को शामिल किया गया है, जिसकी जमीनों पर हो रहे अवैध कॉलोनाइजेशन और निर्माण कार्यों के चलते अब एमपीआईडीसी ने कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है। इंदौर-उज्जैन के कार्यकारी संचालक राजेश राठौर के मुताबिक पिछले दिनों भी अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाए।

पीथमपुर निवेश क्षेत्र में इंदौर और धार जिले की जिन गांवों की जमीनें शामिल की गई है उनमें सलमबुर, रणमल बिल्लौद, अम्बापुरा, बेटमा खास, अकोदिया, बर्दरी, बकसाना, भिचौली, सुलावड़, बगोदा, मेठवाड़ा, सांगवी, उमरिया, मंडलावदा, घाटा बिल्लौद, बंजारी, भाटखेड़ी, धन्नड़, धन्नडख़ुर्द, सिलोटिया, तारपुरा, आसुखेड़ी, भांड्या, गोंदगांव, कल्याणसीखेड़ी, खंडवा, सुहागपुरा, बदीपुरा, बगदून, करवासा, काली बिल्लौद, भंवरगढ़, बजरंगपुरा, किशनपुरा, बेटमा खुर्द, बिजेपुर, जामोदी, सागोर, आगरखेड़ी, पिपल्या, उदाली, माधवपुर व खेड़ा की जमीनें शामिल की गई है, जिन पर टीएनसीपी एवं डायवर्शन की भी रोक लगी है।

 

अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई

शनिवार को एमपीआईडीसी ने ग्राम पंचायत रणमलबिल्लोद, कालीबिल्लोद और सलमपुर में तीन अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाए। अधिकारियों के अनुसार सागोर कुटी मेन रोड साइड में बिना अनुमति अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही थी। बार-बार नोटिस जारी करने के बावजूद निर्माण कार्य जारी था, जिसके चलते प्रशासन को बुलडोजर की कार्रवाई करनी पड़ी। स्थानीय लोगों को जानकारी मिली, कुछ लोगों ने कार्रवाई रोकने का प्रयास किया, लेकिन अधिकारियों ने सख्ती बरतते हुए कार्रवाई जारी रखी।

अवैध कॉलोनियों और अवैध निर्माण कार्यों को लेकर पहले भी नोटिस जारी किए गए थे। गुरुवार को अधिकारियों से वाद-विवाद के बाद एक दिन का समय दिया, लेकिन अवैध कॉलोनी माफियाओं ने निर्माण कार्य जारी रखा। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि औद्योगिक क्षेत्रों में किसी भी अवैध कॉलोनी या अवैध विकास कार्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

IMG 20250208 WA0229 scaled

पुलिस से मदद नहीं मिली 

इस अभियान के दौरान एमपीआईडीसी के अधिकारी एसएस थेंवा, मोहन कुमार सोत्रि, एसके सक्सेना, आशुतोष नामदेव, हितेश सेन, महेश राठौर, आशीष नागर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई के दौरान बेटमा पुलिस से सहायता मांगी गई थी, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

अवैध निर्माण पर कार्रवाई जारी रहेगी

एमपीआईडीसी के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि औद्योगिक क्षेत्र में बिना अनुमति कॉलोनी विकसित करने वालों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। अवैध प्लॉटिंग और अवैध निर्माण करने वालों को चेतावनी दी गई है कि वे समय रहते निर्माण कार्य बंद कर दें, अन्यथा प्रशासन की कार्रवाई से बचना मुश्किल होगा।