रिटायर IAS के बंगले में अवैध निर्माण

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रिटायर IAS के बंगले में अवैध निर्माण

मप्र के मुख्य सचिव स्तर के एक रिटायर आईएएस अधिकारी के भोपाल शहर के टाइगर मूवमेंट क्षेत्र में लगभग 10 हजार वर्गफीट जमीन पर बनाये गये बंगले में आधे से ज्यादा अवैध निर्माण कर लिया है। आईएएस ने जिस बिल्डर से यह जमीन खरीदी थी, उसने रजिस्ट्री में दो शर्तें साफ लिखी हैं। पहली – भूमि पर निर्माण टीएनसीपी गाईड लाइन के तहत ही कर सकते हैं। दूसरी – सीमेंट कंक्रीट की पक्की बाउंड्री वाॅल बनाई तो तोड़ दी जाएगी। रिटायर अफसर ने 600 फीट की अनुमति होने पर लगभग 6000 फीट पर निर्माण कर लिया है। बंगले के चारों ओर पक्की और ऊंची दीवार भी बना ली है। अफसर इस बंगले में परिवार के साथ रहने पहुंच गये हैं। देखना है कि उनके इस अवैध बंगले पर नगर निगम का बुल्डोजर पहुंचता है या नहीं। ईमानदारी का चोला ओढ़कर नौकरी करने वाले इस अफसर के भ्रष्टाचार के किस्से भी आजकल खूब उजागर हो रहे हैं।

आठ बार के सांसद, फिर भी गरीब!
मप्र के समाजवादी नेता शरद यादव देश के एकमात्र नेता हैं जो अलग अलग तीन राज्यों से पांच बार सांसद और तीन बार राज्यसभा के लिये निर्वाचित हो चुके हैं। कई बार केन्द्र में मंत्री रहे। एनडीए के राष्ट्रीय संयोजक रहे। लेकिन आजतक गरीबी का रोना रो रहे हैं।

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बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार शरद यादव के चेले थे, लेकिन नितीश कुमार ने जब से उनसे पल्ला झाड़ा है, शरद यादव की राजनीति का उतार शुरु हो गया है। शरद यादव बीमार रहने लगे हैं। इस सप्ताह दिल्ली में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी उनसे मिलने पहुंचे तो शरद यादव ने उनसे अपनी गरीबी का रोना रोया, बोले गांव(उनका गांव मप्र के होशंगाबाद में है) की जमीनें बिक गई हैं। दिल्ली में सिर छिपाने के लिये घर नहीं है। सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा तो कहां रहूंगा। उनका रोने धोने का वीडियो भी जमकर वायरल हो गया है।

पीडब्ल्यूडी सचिव की करोड़ों की सम्पत्ति
इस सप्ताह राज्य सरकार ने लोक निर्माण विभाग के सचिव पीसी बारस्कर को हटाकर राज्य योजना आयोग के सलाहकार आरके मेहरा को फिर से सचिव नियुक्त किया है। आरके मेहरा लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता हैं। मजेदार बात है कि लोक निर्माण विभाग इस समय मेहरा की करोडों रुपये की सम्पत्ति की जांच कर रहा है। मेहरा के नौ फ्लैट व बंगले बताये जाते हैं।

रिटायर IAS के बंगले में अवैध निर्माण

दो करोड़ का एक बंगला मुम्बई में उनकी अविवाहित बेटी के नाम खरीदने की भी जानकारी मिली है। लोक निर्माण विभाग यह भी पड़ताल कर रहा है कि मेहरा की बेटी मुम्बई में फिल्मी दुनिया से वाकई साल के पचास लाख कैसे कमा रही हैं या मप्र की दो नंबर की कमाई को मुम्बई में एक नम्बर का किया जा रहा है? यह भी चर्चा है कि स्वयं की जांच को मैनेज करने मेहरा ने लोक निर्माण विभाग में सचिव के रूप में पोस्टिंग कराई है।

मुख्य सचिव डीजीपी की ट्वीटर से दूरी
सोशल मीडिया के युग में मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस और डीजीपी विवेक जौहरी दोनों ने ट्वीटर सहित सोशल मीडिया के लगभग सभी प्लेटफार्म से दूरी बना रखी है। मप्र के मुख्य सचिव का तो अभी तक ट्वीटर एकाउंट ही नहीं है। जबकि प्रदेश के डीजीपी का ट्वीटर एकाउंट 2016 में बनाया गया था। मौजूदा डीजीपी विवेक जौहरी ने पहले तो इसमें काफी रूचि ली।

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उनके ट्वीटर से पुलिस की उपलब्धियों को पोस्ट किया जाता था, लेकिन पिछले 20 दिसम्बर से डीजीपी के ट्वीटर से कोई नया ट्वीट नहीं किया गया है। ऐसे समय में जबकि सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों के ट्वीटर अकाउंट बनाये गये हैं। जिले और संभाग की सभी गतिविधियां इस पर पोस्ट करने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्य सचिव व डीजीपी जैसे वरिष्ठ अफसरों की ट्वीटर से दूरी चौंकाने वाली है। बताया जाता है कि यह दोनों अधिकारी वाट्सऐप का भी सीमित उपयोग करते हैं।

वरिष्ठ आईपीएस की सीआर सुधारने राष्ट्रपति को प्रस्ताव
मप्र कैडर के आईपीएस मनीष शंकर शर्मा की दो साल की सीआर को सुधारने राज्य के गृह विभाग ने केन्द्रीय गृह विभाग के जरिये राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजा है। मप्र कैडर के 1992 बैच के आईपीएस मनीष शंकर शर्मा प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा के बेटे हैं।

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उनकी छवि ईमानदार व योग्य अधिकारी की है। मप्र होमगार्ड में पदस्थापना के दौरान कथित भ्रष्टाचार को लेकर मनीष शर्मा का तत्कालीन डीजी (होमगार्ड) महान भारत सागर से तीखा विवाद हो गया था। बताते हैं कि महान भारत सागर ने मनीष शर्मा की दो साल की सीआर को बिगाड़ दिया था। मनीष शर्मा के आग्रह पर गृह विभाग ने इसे सुधारने की कवायद शुरु कर दी है। बताते है कि इस संबंध में अंतिम निर्णय केन्द्रीय गृह विभाग को लेना है।

उमा का शराबबंदी आन्दोलन टांय टांय फिस्स
मप्र में उमा भारती का शराबबंदी आन्दोलन टांय टांय फिस्स हो गया है। पिछले एक साल से उमा भारती मप्र में पूर्ण शराबबंदी के लिये आन्दोलन चलाने की घोषणा कर रही हैं लेकिन उनका यह आन्दोलन शुरु होने से पहले ही दम तोड़ चुका है। कुछ लोग मजाक में इस फरवरी में उमा भारती के आन्दोलन की पहली सालगिरह मना रहे हैं।

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दरअसल उमा भारती ने पिछले साल फरवरी में घोषणा की थी कि वे 8 फरवरी 2021 से टीकमगढ जिले के अपने गांव डूंडा से शराबबंदी आन्दोलन शुरु करेंगी। मजेदार बात यह है कि डूंडा में कोई शराब दुकान ही नहीं है। खैर पिछले एक साल से उमा भारती आन्दोलन की तारीख आगे बढ़ाती जा रही हैं। इधर मप्र सरकार ने नई आबकारी नीति लाकर शराब को सस्ता और सुगम बनाने का निर्णय ले लिया है।

और अंत में…
भोपाल जनसंपर्क विभाग के रिटायर अधिकारी दिनेश मालवीय इस बात से दुखी हैं कि शहीद भगत सिंह की जिस जेल डायरी का अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद उन्होंने किया था, भगतसिंह के परिजनों ने जेल डायरी की इस पुस्तक पर उनका नाम तक नहीं छापा है।

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मालवीय ने भोपाल में रहने वाले शहीद भगतसिंह के निकट रिश्तेदार जसपाल सिंह बिरदी के आग्रह पर वर्ष 2017 में हिन्दी अनुवाद किया था। इस पुस्तक का प्रकाशन शहीद भगतसिंह के पोते यादवेन्द्र सिंह संधू ने कराया है। मालवीय ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा शेयर करता हुए शहीद भगतसिंह के परिजनों से गुहार लगाई है कि यदि भूलवश उनका नाम छूट गया हो तो अगले संस्करण में सुधारकर उनका नाम अनुवादक में जाना चाहिए।