Immovable Property : MP के IFS अफसर भी कम नहीं, सतना DFO के पास 17 करोड़, छिंदवाड़ा CF के पास 14 करोड़ की संपत्ति!

जानिए, प्रदेश के किन वन सेवा अधिकारियों ने अपनी करोड़ों की संपत्ति घोषित की!

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Immovable Property : MP के IFS अफसर भी कम नहीं, सतना DFO के पास 17 करोड़, छिंदवाड़ा CF के पास 14 करोड़ की संपत्ति!

Bhopal : मध्यप्रदेश के आईएएस और आईपीएस अफसरों के बाद आईएफएस (भारतीय वन सेवा) के अफसरों की घोषित अचल संपत्ति का ब्यौरा सामने आया है। आईएफएस के अफसरों की तरफ से केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को अचल संपत्ति की जानकारी दी गई। सबसे ज्यादा कीमती अचल संपत्ति सतना डीएफओ मयंक चांदीवाल के पास है। वे मूलत: इंदौर के रहने वाले हैं। उनके पास इंदौर की प्राइम लोकेशन पर 17 करोड़ का एक प्लॉट है।

इसके बाद दूसरे नंबर पर छिंदवाड़ा के सीएफ मधु वी राज हैं, जिनके पास 14 करोड़ कीमत के बेंगलुरू में 3 प्लॉट और भोपाल में एक मकान है। तीसरे स्थान पर लंबे समय तक भोपाल के डीएफओ रहे आलोक पाठक हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति 5.93 करोड़ रुपए घोषित की है। इसमें उन्होंने इंदौर, नोएडा, सागर और सीहोर में 3 मकान, 2 फ्लैट और 2 कृषि भूमि होना बताया है। पाठक अभी वन विकास निगम में पदस्थ हैं। अचल संपत्ति का यह ब्यौरा 1 जनवरी 2025 की स्थिति में हैं, जो भारत सरकार के ई-ऑफिस पोर्टल पर मौजूद है।

संख्या में सबसे अधिक प्रॉपर्टी

ऐसी अचल संपत्तियां अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक मोहनलाल मीणा के नाम हैं। वे पहले भी विवादों में रहे हैं, पिछले कुछ सालों में उन्होंने राजस्थान के टोंक जिले की देवली तहसील में कृषि भूमियां खरीदीं हैं। उनके पास 13 प्रॉपर्टी हैं। डीएफओ बैतूल विजयनान्थम टीआर सबसे अधिक प्रॉपर्टी वाले टॉप टेन आईएफएस में शामिल हैं। मधु वी राज वन संरक्षक छिंदवाड़ा ने चार में से सिर्फ एक प्रॉपर्टी की कीमत बताई है जो 14 करोड़ रुपए की है।

कुछ आईएफएस के पास एक करोड़ से कम संपत्ति

अचल संपत्ति के ब्यौरे की पड़ताल में सामने आया कि कई अफसरों ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपए से कम बताई। ऐसे अफसरों में एचएस मोहंता, डॉ समीता राजौरा, देव प्रसाद जे, रमेश चंद्र विश्वकर्मा, प्रशांत कुमार सिंह जैसे अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा बसवराज अन्नेगिरी, बासु कनौजिया जैसे चर्चित आईएफएस ने प्रॉपर्टी नहीं होने की जानकारी दी।

छोटे शहरों में भी संपत्ति में निवेश

आईएफएस अफसरों ने देश और प्रदेश के बड़े शहरों में प्रॉपर्टी में निवेश करने के साथ छोटे शहरों में भी इन्वेस्ट किया है। इसमें टाइगर रिजर्व के आसपास के इलाके भी शामिल हैं। ऐसे शहरों में बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, खरगोन, खंडवा, महेश्वर जैसे शहर शामिल हैं। इन अफसरों ने यहां कृषि भूमि, प्लॉट और मकान खरीदा है और इसकी जानकारी अपने प्रॉपर्टी के ब्योरे में दी है।