खिलाड़ियों के खाने में खयानत,आयुक्त ने क्रीड़ा परिसरों के अफसरो को लगाई फटकार

गंभीर अनियमितता, मीनू के अनुसार नहीं मिल रहा भोजन

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भोपाल: राज्य सरकार एक ओर आदिवासी बच्चों की खेल प्रतिभाओं को तराश कर आगे बढ़ाने के लिए कवायद कर रही है लेकिन इन खिलाड़ियों को उनके लिए तय मीनू के अनुसार भोजन ही नही मिल पा रहा है। पीटीआई और कोच अपडाउन कर रहे है जिससे इनका प्रशिक्षण प्रभावित हो रहा है। इसको लेकर जनजातीय आयुक्त संजीव सिंह ने मैदानी अफसरों और स्कूलों के प्राचार्यो को जमकर फटकार लगाकर सुधार लाने के निर्देश दिए है।

मध्यप्रदेश में जनजातीय वर्ग के लिए बारह बालक और चार बालिका क्रीड़ा परिसर संचालित किए जा रहे है। इन्हें संचालित करने के पीछे इनमें प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं का शारीरिक विकास करना और उन्हें खेल प्रतियोगिताओं में पदक पाने के लिए तैयार करना है। यह तभी संभव है जब संबंधित अधिकारी, कोच, पीटीआई शारीरिक और मानसिक रुप से समर्पित रहे। लेकिन देखने में यह आ रहा है कि इन परिसरों में आने वाले बच्चों को मीनू के अनुसार भोजन ही नहीं मिल रहा है।

आयुक्त ने इसे गंभीर अनियमितता मानते हुए विभाग के सभी सहायक आयुक्तों और कन्या तथा बालक क्रीड़ा परिसरों के प्राचार्यों को सख्त चेतावनी देते हुए मीनू के अनुसार भोजन प्रदाय करने को कहा है।

क्रीड़ा परिसरों में कार्यरत कोच ओर पीटीआई के अपडाउन करने की शिकायत मिली है। सभी को कहा गया है कि वे अपडाउन न करें क्योंकि परिसरों में सुबह पांच बजे और शाम को पांच बजे खेल गतिविधियां संचालित की जाती है। सभी प्राचार्यो को कहा गया है कि परिसरों में सुबह, शाम की गतिविधियां सही ढंग से संचालित हो इसके लिए संबंधित प्राचार्य प्रतिदिन मैदान पर उपस्थित रहे। परिसरों में स्वीकृत और रिवाईज खेल विधाओं का ही प्रशिक्षण दिया जाए यह भी कहा गया है।

छात्र,छात्राओं की संपूर्ण उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए उनकी स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखने को कहा गया है। क्रीड़ा परिसरों की समयसारणी के अनुसार स्वीकृत खेल विधाओं का शुबह-शाम अभ्यास कराने को कहा गया है।

राशि का हो सदुपयोग, सुधार के लिए हो नियमित निरीक्षण-
सभी सहायक आयुक्त, संभागीय उपायुक्तों को कहा गया है कि समय-समय पर परिसरों के सुधार के लिए निरीक्षण करे और अपडाउन करने वालों को चिन्हांकित कर सूची आयुक्त कार्यालय के पास पहुंचाए। मुख्यालय से प्रदाय आबंटित राशि का सही सदुपयोग किया जाए इसके लिए समय-समय पर मुख्यालय से अधिकारियों को भेजा जाएगा।

उत्तम गुणवत्ता की खेल सामग्री मिले, सफाई का रखे ध्यान-
खेल प्रशिक्षण के लिए रजिस्टर्ड, उत्तम गुणवत्ता वाली कंपनियों की खेल सामग्री नियमानुसार खरीदी की जाए और मैदान समतलीकरण व्यवस्थित किया जाए। वही छात्र-छात्राओं के आवास स्थल , बिस्तर सामग्री, स्रानागार, टायलेट की सफाई की समुचित व्यवस्था करने को भी कहा गया है।

मासिक प्रतिवेदन भी नहीं भेज रहे-
किसी भी परिसर का मासिक प्रतिवेदन भी मुख्यालय नहीं भेजा जा रहा है, जबकि मासिक प्रतिवेदन भेजने के पूर्व से ही निर्देश आयुक्त कार्यालय ने दिए है। सभी सहायक संयालक शिक्षा और जिला क्रीड़ा प्रभारी को कहा गया है कि वे प्रतिमाह अपने जिलों के परिसरों का सुधारात्मक निरीक्षण करेंगे और मासिक प्रतिवेदन प्राप्त कर हर माह 15 तारीख से पहले मुख्यालय भेजना सुनिश्चित करे।

वाट्सएप ग्रुप बनाए-
सभी कोच और पीटीआई तथा अधीक्षकों का वाट्सएप गु्रप बनाकर उसमें क्रीड़ा परिसरों की सुबह-शाम की रोजाना की गतिविधियां परिसर प्रभारी को पोस्ट करने को कहा गया है।