जन आक्रोश को देखते हुए पहली बार पुलिस कंट्रोल रूम में लगी अस्थाई कोर्ट
उज्जैन से मुकेश भीष्म की रिपोर्ट
उज्जैन: उज्जैन चिमनगंज क्षेत्र में रहने वाली चार वर्षीय बालिका के गुम होने के बाद बोरे में उसकी लाश मिलने की घटना में मासूम बालिका के हत्यारों के खिलाफ जन आक्रोश को देखते हुए पहली बार पुलिस कंट्रोल रूम पर न्यायाधीश ने अस्थाई कोर्ट लगाकर सुनवाई कर तीन आरोपी को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा है। वहीं महिला को जेल भेजने के आदेश दिए है।
उज्जैन पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने बताया मोहल्ले में ही रहने वाले एक युवक ने गलत नीयत से बच्ची को घर में बुलाया था बाद में मुंह और नाक दबाकर उसे मार दिया। इस घटना को छिपाने में उसकी मदद बहन, मां व दोस्त ने की। बच्ची को घर में स्थित गहरे पानी के हौज में फेंक दिया, ताकि उसे दुर्घटना बता साक्ष्य छिपा सके।
उल्लेखनीय है कि 6 जून की शाम चार वर्षीय मासूम घर के बाहर खेलते हुए गायब हो गई थी व अगले दिन शाम उसका शव सफेद रंग के बोरे में जूना सोमवारिया मार्ग स्थित वाल्मीकि धाम के समीप पुल के पास से मिला था। पुलिस ने इस मामले में मोहल्ले में रहने वाली एक युवती, उसका भाई, मां और दोस्त को गिरफ्तार किया । पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची की मुंह व नाक दबाने से दम घुटने पर हत्या की पुष्टि डॉक्टरों की पेनल ने की।
बच्ची के पोस्टमार्टम के बाद आक्रोशित परिजन व रहवासियों ने आगर रोड मार्ग पर शव रखकर प्रदर्शन किया। इस दौरान हत्यारों को फांसी देने की मांग उठाई। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंचकर उन्हें आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद वे बच्ची का अंतिम संस्कार करने ले गए। नगर निगम ने भी त्वरित कार्यवाही करते हुए हत्या करने वाले दरिंदों का मकान को भी पुलिस और नगर निगम की टीम ने ध्वस्त कर दिया।
पुलिस कंट्रोल रूम पर ही कोर्ट लगाकर विशेष न्यायाधीश एसके वर्मा के समक्ष आरोपियों को पेश किया गया। यहां बच्ची की घर में बुलाकर उसका मुंह व नाक दबाकर हत्या करने वाला मुख्य आरोपी अजय उर्फ नन्नू पिता सुमेरसिंह सोलंकी, उसकी बहन रानू तथा दोस्त पवन उर्फ विक्की पिता कोमलसिंह को कोर्ट ने 12 जून तक के लिए पुलिस रिमांड पर दिया, जबकि आरोपी की मां निर्मला बाई को जेल भेज दिया।
वहीं उज्जैन अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अशोक यादव ने कहा कि उज्जैन अभिभाषक संघ का कोई भी अभिभाषक मासूम के हत्या के आरोपियों की पैरवी नहीं करेगा और यदि कोई अभिभाषक ऐसा करता है तो उसके ख़िलाफ़ अभिभाषक संघ द्वारा कार्रवाई भी की जाएगी।