डॉ रविंद्रनाथ वांचू के कविता संग्रह ‘समय की पुकार’ का लोकार्पण

मध्य प्रदेश साहित्य संस्थान द्वारा वर्ष 2021 में चयन किए गए साहित्यकारों का सम्मान

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डॉ रविंद्रनाथ वांचू के कविता संग्रह ‘समय की पुकार’ का लोकार्पण

उज्जैन। डॉ रविंद्रनाथ वांचू की कविताओं ने जीवन के अर्थ को प्रकट किया है। साहित्य जनसामान्य के पास जाना चाहिए जिसका यह प्रयास है।

उपरोक्त विचार डॉ उपेंद्र दर उपकुलपति श्री वैष्णव विद्यापीठ ने रोटरी क्लब उज्जैन द्वारा आयोजित डॉ रविंद्र नाथ वांचू के कविता संग्रह ‘समय की पुकार’ के लोकार्पण समारोह में व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे साहित्यिक पत्रिका वीणा के प्रधान संपादक राकेश शर्मा ने अपने उद्बोधन में कृति की पहली कविता में आत्म जागृत हो रहा है, आह से निकली होगी पहली कविता। सृजना है कविताएं। सृजक जागता है तभी तो वह सृजन करता है। समय की आवाज सुनने के लिए सजक कान चाहिए। सारस्वत अतिथि डॉ. रविंद्र नारायण पहलवान ने कवि की कविताओं की कला पक्ष का उल्लेख किया।

चर्चाकार डॉ. पिलकेन्द्र अरोरा ने डॉ. वांचू की कविताओं में तीन रंग निराशा, आशा और आव्हान का उल्लेख किया। रोटरी की पूर्व मंडलाध्यक्ष डॉ. नलिनी लंगर ने रोटरी के उद्देश्य, सेवा और मित्रता तथा समाज के सभी वर्गों को जिसमें साहित्य प्रमुख है को समाज की बेहतरी के लिए कैसे विकसित किया जाए यह रोटरी का उद्देश्य है, जिस पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के प्रारंभ में रोटरी क्लब अध्यक्ष शाहिद हाशमी द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया। चतुर्वेद परीक्षण मंत्र का वाचन रोटेरियन ईश्वरचंद्र दुबे द्वारा किया गया। सरस्वती वंदना रोटेरियन डॉ. तेलंग द्वारा की गई। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश साहित्य संस्थान द्वारा वर्ष 2021 में चयन किए गए साहित्यकार डॉ. शिव चौरसिया, मीना जैन, संतोष सुपेकर, डॉ. पिलकेन्द्र अरोरा, माया बधेका एवं प्रतीक सोनवलकर का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में अशोक वक्त, क्षमा सिसोदिया, पुष्पा चौरसिया सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं रोटरी क्लब के सदस्य उपस्थित थे।

संचालन निर्वाचित क्लब अध्यक्ष मुकेश जौहरी ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन डॉ. रोटेरियन स्वाति तैलंग द्वारा किया गया।