Incident in Galwan Valley near Ladakh: लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह मनकोटिया और जवान दलजीत सिंह नहीं रहे !

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Incident in Galwan Valley near Ladakh

Incident in Galwan Valley near Ladakh: लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह मनकोटिया और जवान दलजीत सिंह नहीं रहे !

लद्दाख की गलवान घाटी में एक दुखद घटना में, भूस्खलन के कारण सेना के वाहन पर चट्टानें गिरने से लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह मनकोटिया और लांस दफादार दलजीत सिंह शहीद हो गए। इस हादसे में तीन अन्य सैन्य अधिकारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

शिमला:लद्दाख में खराब मौसम के चलते भूस्खलन और सड़क हादसों में बढ़ोतरी हो रही है. गलवान में सैन्य वाहन पर हुए हादसे में दो अधिकारी शहीद और तीन घायल हुए. हादसा उस वक्त हुआ जब दुरबुक से चोंगताश की ओर जा रहा एक सैन्य वाहन भूस्खलन की चपेट में आ गया. इस दुखद घटना में सेना के दो अधिकारी शहीद हो गए, जबकि तीन अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. यह घटना सुबह करीब 11:30 बजे दुरबुक से चोंगताश की ओर जा रहे सेना के काफिले के दौरान हुई. हादसे में लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह और लांस डफादार दलजीत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई.

घटना में मेजर मयंक शुभम, मेजर अमित दीक्षित और कैप्टन गौरव गंभीर रूप से घायल हो गए हैं

बुधवार की सुबह भारतीय सेना के लिए एक दुखद दिन बन गया। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में बुधवार को सैन्य वाहन पर चट्टान गिरने से से दो लेफ्टिनेंट कर्नल समेत दो सैन्यकर्मी बलिदान हुए हो गए। इस सड़क हादसे में तीन अधिकारी घायल भी हुए हैं।

बलिदान हुए सैनिकों की पहचान सेना की 14 सिंध हार्स के लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह मनकोटिया व लांस दफादार नायक दलजीत सिंह के रूप में हुई है।

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करीब सुबह 11:30 बजे सेना का एक दल लद्दाख की गलवान घाटी के चारबाग इलाके स्थित फायरिंग रेंज की ओर जा रहा था। ये वाहन अचानक भूस्खलन की चपेट में आ गया। भारी चट्टानें सैन्य वाहन पर आ गिरीं, जिससे वाहन में सवार हिमाचल के लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह मनकोटिया और गुरदासपुर निवासी लांस दफादार दलजीत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे में तीन अन्य सैन्य अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दुर्घटना सेना और राष्ट्र दोनों के लिए एक अपूरणीय क्षति थी। 33 वर्षीय लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह मनकोटिया न केवल एक होनहार सैन्य अधिकारी थे।

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भानु प्रताप सिंह मूलतः हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते थे। वर्तमान में वो पठानकोट के अबरोल नगर में अपने परिवार के साथ रह रहे थे। उनका एक डेढ़ साल के बेटा भी है जिसका नाम व्योम है। उन्होंने भारतीय सेना की 14 हॉर्स रेजिमेंट में सेवा दी और हाल ही में जून 2025 में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर पदोन्नत हुए थे। भानु प्रताप सिंह ने अपनी प्रारंभिक सैन्य शिक्षा इंडियन मिलिट्री अकादमी (IMA), देहरादून से प्राप्त की थी। प्रशिक्षण के दौरान उनकी अद्वितीय प्रतिभा और नेतृत्व क्षमता के लिए उन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और गोल्ड मेडल जैसे सर्वोच्च सैन्य सम्मान प्राप्त हुए थे। यह पुरस्कार किसी भी कैडेट के लिए सबसे बड़े गौरव की बात होती है। यह बताता है कि वे शुरुआत से ही सेना के एक असाधारण अधिकारी थे।

इस हादसे के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने लिखा कि देश इन वीरों का हमेशा ऋणी रहेगा। वहीं, डिप्टी सीएम ने कहा कि ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवारों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

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