प्रसंगवश – होली पर्व विशेष: बुधादित्य ओर त्रिग्रही योग के साथ मनेगी होली – दुर्लभ संयोग

जानिए विधि विधान का ज्ञान ज्योतिर्विद पंडित राघवेंद्र रवीशराय गौड़ से

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प्रसंगवश – होली पर्व विशेष: बुधादित्य ओर त्रिग्रही योग के साथ मनेगी होली – दुर्लभ संयोग

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प्रस्तुति डॉ घनश्याम बटवाल मंदसौर

रंगों तरंगों ओर उल्हास का त्यौहार होली इस बार विशेष बन रहा है । ज्योतिष आधार पर सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ धनशक्ति योग भी इस बार ख़ास है ।
वर्ष 2024 में फाल्गुन पूर्णिमा पर 24 मार्च को होलिका दहन और चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि पर होली 25 मार्च 2024 (धुलेंडी) मनाई जाएगी. इस बार होली पर कई शुभ संयोग और ग्रह नक्षत्र का खास स्थिति बन रही है, जिससे होली पर पूजा का दोगुना लाभ मिलेगा. ऐसे में शुभता का लाभ उठाते हुए इस होली को कुछ खास बनाए और अपने कामनाओं को पूरा करने के इस अवसर विधि विधान से आप पूजा, मंत्र, उपाय कर सकते है .

होलिका दहन

होलिका दहन 24 मार्च 2024 को किया जाएगा. इसके लिए रात्रि 11.13 मिनट से देर रात 12.07 मिनट तक का शुभ मुहूर्त है. होलिका दहन का मुहूर्त भद्रा रहित है.

होलिका पूजा

होलिका दहन से पहले प्रदोष काल में इसकी पूजा की जाती है. होलिकी की पूजा के लिए शाम 06.35 – रात 09.31 तक का शुभ मुहूर्त है.

विशेष संयोग

इस वर्ष होली पर कई दुर्लभ योग का संयोग बन रहे है, इसमें होलिका की पूजा करने से हम को सुख, समृद्धि, धन प्राप्ति का आशीर्वाद मिलेगा.

सर्वार्थ सिद्धि योग – 24 मार्च 2024, सुबह 07.34 – 25 मार्च 2024, सुबह 06.19
रवि योग – सुबह 06.20 – सुबह 07.34
वृद्धि योग – 24 मार्च 2024, रात 08.34 – 25 मार्च 2024, रात 09.30
धन शक्ति योग – होली पर कुंभ राशि में मंगल और शुक्र की युति से धन शक्ति योग बन रहा है, जिसमें पूजन से व्यक्ति की धन समस्या का निवारण होता है.
त्रिग्रही योग – शनि, मंगल, शुक्र होली पर कुंभ राशि में रहेंगे.
बुधादित्य योग – होली पर इस बार सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग भी बन रहा है. इस योग के फलस्वरूप व्यक्ति व्यापार, शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाता है.

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पूर्णिमा तिथि

फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथी को होलिका दहन एवम् अगले दिन होली (रंग पर्व)मनाया जाता है। इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 09 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन यानी 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा।

होलिका दहन पर पूजा कैसे करें

होलिका पूजा से पहले भगवान नृसिंह फिर प्रहलाद का ध्यान कर के प्रणाम करें. उन्हें चंदन, अक्षत और फूल सहित पूजन सामग्री चढ़ाकर नमस्कार करें. इसके बाद होली की पूजा करें .पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह होना चाहिए. पूजा में 7 तरह के पकवान चढ़ाने का महत्व है . इस दिन होलिका दहन जरुर देखना चाहिए, इससे मन की नकारात्मकता का भी दहन होता है, दैवीय शक्ति प्राप्त होती है.

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जानिए राशि अनुसार उपयुक्त रंग

मानव शरीर पर रंगों का वैज्ञानिक और ज्योतिषीय प्रभाव दोनों ही पड़ता है। यह इंसान की मनोवृति प्रभावित करता है।

आप यदि अपनी राशि के अनुसार रंग लगाएं या कपड़े पहनें और खास रंग से बचें तो होली का उत्सव और भी प्रभावी हो जाएगा।

🔸मेष व बृश्चिक: आप लाल,केसरिया व गुलाबी गुलाल का टीका लगाएं व लगवाएं और काले व नीले रंगों से बचें

🔸बृष व तुलाः आपको सफेद, सिल्वर, भूरे, मटमैले रंगों से होली क्रीड़ा भाएगी । हरे रंगों से बचें।

🔸मिथुन व कन्या: हरा रंग आपके मनोकूल रहेगा। लाल ,संतरी रंगों से बचें।

🔸कर्कः पानी के रंगों से इस होली पर बचें। आस्मानी या चंदन का तिलक करें या करवाएं। काले नीले रंगों से परहेज रखें।

🔸सिंहः पीला ,नारंगी और गोल्डन रंगों का उपयोग करें। काला,ग्रे, सलेटी व नीला रंग आपकी मनोवृति खराब कर सकते हैं।

🔸धनु व मीनः राशि वालों के लिए पीला लाल नारंगी रंग फिज़ा को और रंगीन बनाएगा। काला रंग न लगाएं न लगवाएं।

🔸मकर व कुंभः आप चाहे काला , नीला ,ग्रे रंग जितना मर्जी लगाएं या लगवाएं, आनंद रहेगी पर लाल ,गुलाबी गुलाल से बचें।

वागीशा यस्य वदने लक्ष्मीर्यस्य च वक्षसि
यस्यास्ते हृदये संवित् तं नृसिंहमहं भजे ॥
होली पर्व की शुभकामनाएं ।