
Indications from By-Elections : विधानसभा की 5 सीटों के उपचुनाव का इशारा कांग्रेस और ‘आप’ के लिए उम्मीद भरा, बीजेपी को हिदायत!
New Delhi : देश के चार राज्यों की 5 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे सामने आ गए। आप, कांग्रेस, टीएमसी और बीजेपी ने जीत का झंडा गाड़ा। केरल के नीलांबुर सीट को छोड़कर शेष तीन राज्यों में कोई भी पार्टी एक-दूसरे से सीट नहीं छीन सकी। इन सभी राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। लेकिन, गुजरात में आप के हाथों बीजेपी की हार चौंकाने वाली है।
पंजाब के लुधियाना (वेस्ट) की सीट आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने 10637 वोटों से जीत ली। केरल में कांग्रेस ने लेफ्ट से नीलांबुर सीट छीनी। जबकि, पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट पर तृणमूल कांग्रेस की अलिफा अहमद ने कब्जा किया। बीजेपी के खाते में गुजरात की कडी सीट आई। यहां से पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र कुमार चावड़ा उर्फ राजूभाई जीते। मगर गुजरात की विसावदर पर ‘आप’ के गोपाल इटालिया ने कब्जा जमाया। इस उपचुनाव में आप का स्कोर 2 और कांग्रेस, बीजेपी, टीएमसी का एक-एक रहा।

कांग्रेस पंजाब और गुजरात के एक-एक सीट पर रनर अप रही। जबकि, बीजेपी पश्चिम बंगाल और गुजरात की विसावदर में दूसरे स्थान पर रही। केरल में नीलांबुर सीट गंवाने वाली सीपीएम भी रनर अप रही। उपचुनाव के नतीजों ने कांग्रेस को गुजरात में झटका दिया, मगर केरल और पंजाब में उम्मीद लेकर आई। केरल के नीलांबुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार आर्यदान शौकत ने सीपीएम के एम स्वराज को लगभग 10,000 वोटों से हराया। यह क्षेत्र वायनाड का हिस्सा है, जहां से प्रियंका गांधी सांसद हैं। कांग्रेस ने इस उपचुनाव को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के 9 साल के शासन के खिलाफ जनादेश के रूप में पेश किया था। 2026 में केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं और यह रिजल्ट सीएम पिनाराई विजयन के लिए खतरे का संकेत है।
लुधियाना में ‘आप’ की जीत का समीकरण
पश्चिम बंगाल, गुजरात, केरल, तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। इससे पहले हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने राहत की सांस ली। आप ने पंजाब और गुजरात में पिछले चुनाव में जीती गई दोनों सीटों पर कब्जा बरकरार रखने में कामयाबी पाई। उपचुनाव से पहले लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट को विपक्ष ने आप के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी। कड़े मुकाबले में आप के संजीव अरोड़ा कांग्रेस के कांग्रेस के भारतभूषण आशु को हराया। हालांकि, आप की जीत में बीजेपी का योगदान रहा, जिसके उम्मीदवार जीवन गुप्ता को 20323 वोट मिले। इस जीत के बाद अरविंद केजरीवाल के राज्यसभा में जाने का रास्ता साफ हो गया, जो दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद से गायब थे।
बीजेपी-कांग्रेस को इटालिया की जीत से आश्चर्य
बीजेपी ने गुजरात में एक सीट जीती, दूसरे पर रनर अप रही। आप के गोपाल इटालिया की जीत बीजेपी की टेंशन बढ़ सकती है। क्योंकि, वह राज्य में पार्टी के प्रभारी है। यह जीत आम आदमी पार्टी के कैडर का हौसला बुलंद कर सकती है। गुजरात में नुकसान कांग्रेस को हुआ है, जहां राहुल गांधी नए सिरे से पार्टी को संवारने में जुटे हैं। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सिर्फ कडी विधानसभा सीट पर मुकाबले में आए मगर 39452 वोटों के भारी अंतर से हार गए। गुटबाजी और नेतृत्व की कमी से जूझ रही कांग्रेस 2026 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को राहत दे सकती है। गुजरात में विसावदर की सीट आप विधायक भूपत भयानी के इस्तीफे से खाली हुई थी। उस पर गोपाल इटालिया ने जीत हासिल की।
अगले चुनाव के लिए ममता बैनर्जी को ताकत मिली
पश्चिम बंगाल की कालीगंज विधानसभा सीट तृणमूल कांग्रेस के खाते में गई। इस सीट पर बीजेपी के आशीष घोष टीएमसी कैंडिडेट अलीफा अहमद से करीब 50 हजार वोटों से हार गए। इस सीट पर कांग्रेस ने मुस्लिम कैंडिडेट कबीलुद्दीन शेख को उतारा था, मगर उन्हें 28251 वोट मिले और वह तीसरे पायदान पर रहे। इस चुनाव में मुस्लिम वोटरों ने टीएमसी को लिए वोट किया। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस रिजल्ट को वोटिंग पैटर्न का ट्रेलर माना जा रहा है। अगर यह पैटर्न दोहराया गया तो मुस्लिम वोट टीएमसी के खाते में रहेगी और चुनाव में उसका मुख्य मुकाबला बीजेपी से होगा। बंगाल में कमजोर हो रही कांग्रेस के लिए यह परिणाम खतरे की घंटी है।




