

Indiscipline in BJP : भाजपा में अनुशासन तोड़ने वाले विधायक और महापौर भोपाल तलब, उस पर भी 2 नहीं आए!
Bhopal : लोगों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा का संगठन इन दिनों अपने ही नेताओं से परेशान है। पार्टी के विधायक और महापौर तक अनुशासन की सीमा लांघ रहे हैं। उन पर पार्टी लाइन छोड़कर बयानबाजी करने, पार्टी और सरकार की छवि खराब करने के मामले में पार्टी संगठन ने सख्त रवैया अपनाया है। सतना के पूर्व जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा को तो संगठन ने पार्टी से बाहर निकाल दिया। वहीं सागर की महापौर संगीता सुशील तिवारी को बिना पूछे एमआईसी में नई भर्ती करने पर नोटिस थमा दिया। एक विधायक और महापौर तो पार्टी संगठन के बुलाने पर भी भोपाल नहीं पहुंचे।
शनिवार को भाजपा ने दो विधायक प्रदीप पटेल और प्रीतम लोधी, देवास की महापौर गीता अग्रवाल, सागर की महापौर संगीता सुशील तिवारी और बीना नगर पालिका अध्यक्ष लता सकवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में बुलाया और फटकार लगाई। मऊगंज के विधायक प्रदीप पटेल और बीना नगर पालिका अध्यक्ष लता सकवार भोपाल पहुंचे। इनसे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बात की। बुलाने के बावजूद विधायक प्रीतम लोधी, सागर और देवास की महापौर नहीं आईं। विधायक प्रदीप पटेल को सफाई के बाद भी नोटिस दिए जाने की संभावना जताई गई है।
अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं
पार्टी के बीजेपी संगठन ने साफ कहा कि पार्टी जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं की बयानबाजी और कामों में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेगी। सभी से पार्टी लाइन का पालन करने को कहा गया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि बुलाने पर भी न आने को लेकर सागर महापौर को नोटिस दिया जा रहा है। वहीं महिला से छेड़छाड़, अश्लील चैट वायरल करने और जान से मारने की धमकी देने के मामले में सतना के पूर्व जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। अध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधि हो या पदाधिकारी, अगर गलत बात करते हैं, तो उन्हें बातचीत करने के लिए बुलाया जाता है। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी। कभी-कभी आवेश में बातें हो जाती हैं, जिसे ठीक किया जा सकता है।
महापौर बदलाव में संगठन की राय नहीं ली गई
सागर की महापौर संगीता तिवारी ने महापौर परिषद (मेयर इन काउंसिल) में पिछले दिनों बदलाव किया, जिसके लिए उन्होंने भाजपा संगठन से राय नहीं ली। उन्होंने अपने स्तर पर कुछ पार्षदों को एमआईसी से हटाकर नए पार्षदों को मौका दिया। इसे संगठन ने अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।