Indore Will Get 6 Awards : स्मार्ट सिटीज कॉन्फ्रेंस में इंदौर को मिलेंगे 6 अवार्ड्स
Indore : नगर निगम इंदौर को 18 अप्रैल को गुजरात में आयोजित स्मार्ट सिटीज कॉन्फ्रेंस में इंदौर को 6 अवार्ड्स मिल रहे हैं। यह अवार्ड केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए जाएंगे। यह अवार्ड निगम आयुक्त और कार्यपालक निदेशक (इंदौर स्मार्ट सिटी) प्रतिभा पाल सूरत में ग्रहण करेंगी।
इंदौर ने देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब बरकरार रखने के लिए अथक प्रयास किए हैं। इससे सामान्य और नियमित से असाधारण की और जाने में मदद मिली। यह पहली बार है कि इंदौर नगर निगम अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों से ऋण का लाभ उठाने और इससे राजस्व उत्पन्न करने में सफल रहा है। इससे यह अहसास हुआ कि इंदौर को स्वच्छ बनाने में स्मार्ट सिटी का निवेश टिकाऊ रहा है।
ndore Will Get 6 Awards: ये हैं छह अवार्ड्स
पहला अवॉर्ड सभी श्रेणियों में (ओवरऑल) इंदौर को प्रथम स्थान का पुरस्कार मिला। स्मार्ट सिटी कॉन्फ्रेंस में इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड को विभिन्न श्रेणियों में ओवरऑल परफॉर्मेंस करने पर प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
दूसरा अवॉर्ड ‘बिल्ट एनवायरमेंट’ के लिए 56 दुकान को प्रथम पुरस्कार दिया गया। तीसरा अवॉर्ड सैनिटेशन में प्रथम पुरस्कार म्यूनिसिपल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए इंदौर नगर निगम को मिला है।
चौथा अवॉर्ड कल्चर हेरिटेज कन्वर्जन प्रोजेक्ट (संस्कृति-विरासत संरक्षण परियोजनाएं मैं इंदौर को प्रथम स्थान) मिला। ये अवॉर्ड राजवाड़ा पैलेस, गोपाल मंदिर परिसर, छतरी (मल्हारराव होलकर छत्री, हरि राव होलकर छत्री और बोलिया सरकार) के लिए दिया गया।
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पांचवा अवॉर्ड इकोनॉमिक कार्बन क्रेडिट फाइनेंशियल मैकेनिज्म (अर्थव्यवस्था – कार्बन ऋण वित्तपोषण तंत्र) में इंदौर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
छठा अवॉर्ड इंदौर को इनोवेटिव आइडिया अवॉर्ड कार्बन क्रेडिट फाइनेंसिग मैकेनिज्म (अभिनव विचार पुरस्कार कार्बन क्रेडिट वित्तपोषण तंत्र) में मिला। ये भी प्रथम पुरस्कार है।
शहरी विकास को बढ़ावा
कार्बन क्रेडिट बेचने के उद्यम ने हमें महसूस कराया है कि इन निवेशों को व्यक्तिगत स्तर पर भी आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाया जा सकता है।
इसलिए, अब इसे हरित, स्वच्छ और सतत शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड पर आगे ले जाना चाहते हैं। इस उद्यम के सफल क्रियान्वयन से लोग खुश हैं।
जैविक कचरे का विकेन्द्रीकृत उपचार
इंदौर ने वर्ष 2015-16 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत विभिन्न नवीन अपशिष्ट प्रबंधन प्रक्रिया और प्रौद्योगिकियों की शुरुआत की।
दैनिक आधार पर थोक अपशिष्ट जनरेटर और व्यक्तिगत घरों से एकत्र किए गए अलग-अलग जैविक कचरे के विकेन्द्रीकृत प्रसंस्करण की अवधारणा पेश की।
इस अनूठी परियोजना का उद्देश्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे एसबीएम, स्मार्ट सिटी मिशन और सार्वजनिक परिवहन के बीच तालमेल बनाना था।
इंदौर स्मार्ट सिटी ने पीपीपी नीति के तहत जैविक कचरे के विकेन्द्रीकृत उपचार को बढ़ावा देने के लिए 20 और 15 टीपीडी क्षमता के दो जैव-मिथेनेशन संयंत्र स्थापित किए हैं।
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