Rajgarh : नरसिंहगढ़ में एक शिक्षक हिम्मत सिंह मीणा को सम्मानित करने के लिए बुलाया, पर सम्मान नहीं दिया। इस शिक्षक ने स्कूल के कायाकल्प में मदद की थी। शिक्षक ने अपने वेतन से स्कूल में कई निर्माण करवाए। इस शिक्षक की कलेक्टर ने भी तारीफ की। शिक्षक को सम्मानित करने के लिए बुलाया भी गया, पर कार्यक्रम में सम्मानित होने वालों की सूची में उनका नाम नहीं था।
इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट भी किया है उन्होंने लिखा ‘ऐसा शिक्षक जिसने अपने वेतन से राशि लगा कर अपने पाठशाला का पुनर्निर्माण किया उसको गणतंत्र दिवस पर बुलाकर सम्मानित नहीं करना उचित नहीं है। जिला प्रशासन को इसकी जांच करना चाहिए।’
हिम्मत सिंह मीणा को स्कूल में उत्कृष्ट काम करने के लिए जिला स्तर सम्मान समारोह में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर बुलाया गया था। फोन पर यह सूचना भी गई। अधिकारियों ने कहा था कि मुझे 8 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना है। वे अपने घर से 100 किलोमीटर दूर राजगढ़ गए। पर वहां उनको पता चला कि सम्मान समारोह की लिस्ट में उनका नाम नहीं है।
हिम्मत सिंह मीणा का कहना था कि मैंने जो भी कार्य किया, वह सम्मान पाने के लिए नहीं किया। मैंने मन की संतुष्टि और बच्चों के भविष्य के लिए कार्य कर रहा हूं। हां, मैं इस घटना क्रम से बहुत दुखी हूं। मैं केवल यह चाहता हूं कि जिसकी वजह से ये बस कुछ हुआ, उस पर कड़ी कार्रवाई हो।
ऐसा शिक्षक जिसने अपने वेतन से राशि लगा कर अपने पाठशाला का पुनर्निर्माण किया उसको गणतंत्र दिवस पर बुला कर सम्मानित नहीं करना उचित नहीं है।
ज़िला प्रशासन को इसकी जाँच करना चाहिए। @ChouhanShivraj @CMMadhyaPradesh https://t.co/NGWSq1PvaZ— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 26, 2022
हिम्मत सिंह का काम बोला
नरसिंहगढ़ ब्लॉक के शासकीय प्राइमरी स्कूल में पदस्थ शिक्षक हिम्मत सिंह मीणा को गणतंत्र दिवस के मौके पर सम्मानित किया जाना था। कलेक्टर द्वारा सम्मानित करने का कार्यक्रम था। लेकिन शिक्षक को अपमानित होकर लौटना पड़ा है क्योंकि उन्हें सम्मानित नहीं किया गया। जबकि कार्यक्रम आयोजन के एक दिन पहले वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इन शिक्षक को जिला मुख्यालय पर सम्मान हेतु सूचना दी गई थी। शिक्षक निर्धारित समय पर कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हुए। न तो उनसे किसी ने बात की और न ही सम्मानित किया। शिक्षक बिना सम्मान के ही वापस 100 किलोमीटर दूर अपने गांव लौट गए।
स्कूल की तस्वीर बदली
राजगढ़ कलेक्ट्रेट ने सोशल मीडिया पर 24 जनवरी को एक में इसका उल्लेख भी किया था। उन्होंने लिखा था ‘ हमें अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए। हम जो काम करें और जहां रहे, उसे अपना मानेंगे, तो ही परिणाम बेहतर होंगे। यह कहना है छापरी कलां प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक हिम्मत सिंह मीणा का। हिम्मत सिंह दो साल पहले श्योपुर जिले से ट्रांसफर होकर राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ ब्लॉक में आने वाले छापरी कलां प्राथमिक स्कूल में पोस्टेड हैं।’
बताया गया कि जब ये शिक्षक छापरी कलां स्कूल में आए, तब स्कूल की स्थिति बहुत ख़राब थी। प्लास्टर उखड़ा हुआ था, फर्श बेतरतीब था। बच्चों के बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। छात्रों की संख्या भी महज 10 ही थी। हालात ये थे कि स्कूल बंद होने की कगार पर था। यह देखकर उन्हें दुख हुआ। इस शिक्षक ने छात्रों की कम संख्या और बदहाली को देखते हुए कायाकल्प करने की ठानी।
शिक्षक हिम्मत सिंह मीणा ने गांव के लोगों को ये बताया। उन्होंने अपने वेतन से करीब 80 हजार खर्च करके फर्श सुधरवाया, रंग-रोगन कराया। छात्रों के लिए दरी, कॉपी और पेन-पेंसिल तक मुहैया कराई। गांव वालों ने भी 40 हजार का योगदान दिया। छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए गांव में जागरूकता अभियान चलाया गया। इसका नतीजा ये हुआ कि पहले स्कूल में 10 बच्चे थे, अब यहां 35 छात्र हैं। शिक्षक हिम्मत सिंह ने अपने बेटे का एडमिशन इसी स्कूल में करवाया है।