Crop Insurance Policy:बीमा कंपनियों ने करोड़ों रुपए का प्रीमियम लिया, 2 साल से नहीं दावों का भुगतान
भोपाल: मध्यप्रदेश में फसल बीमा योजना में बीमा कंपनियों ने वर्ष 2021 और 2022 में किसानों और केन्द्र, राज्य सरकार से करोड़ों रुपए का प्रीमियम तो ले लिया लेकिन अभी तक उनके क्षेत्रों में हुए फसल बीमा नुकसान की क्षतिपूर्ति नहीं की है। 2023 शुरु हो गया है और अभी तक दो साल पुराने दावों का भुगतान नहीं किया गया है। यह प्रक्रियाधीन है। दो वर्षो में किसानों, केन्द्र तथा राज्य सरकार ने कबुल8 हजार 962 करोड़ 45 लाख रुपए का प्रीमियम भुगतान किया है।
विधायक हिना कांवरे के सवाल के लिखित जवाब में कृषि मंत्री कमल पटेल ने यह जानकारी दी। मंत्री पटेल ने बताया कि वर्ष 2021 में खरीफ सीजन में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ने 431 करोड़ 52 लाख, राज्य सरकार ने 1592 करोड़ 49 लाख और केन्द्र सरकार ने 1592 करोड़ 49 लाख रुपए रुपए का प्रीमियम दिया है।
एचडीएफसी जनरल इंश्योरेंस कंपनी को किसानों ने 33.71 करोड़ तथा केन्द्र और राज्य सरकार प्रत्येक ने 13.79 करोड़ तथा रिलायंस जनरल इंश्योरेंश कंपनी को किसानों ने 38 लाख 20 हजार और राज्य सरकार प्रत्येक ने 143 करोड़ 3 लाख रुपए का प्रीमियम दिया है। रबी फसल के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी को किसानों ने 252 लाख 29 हजार औश्र केन्द्र तथा राज्य सरकार प्रत्येक ने 971.07 करोड़ रुपए दिए है।
एचडीएफसी जनरल इंश्योरेंश कंपनी को किसानों ने 25 लाख 90 हजार और केन्द्र तथा राज्य सरकार प्रत्येक ने 56 लाख 10 हजार, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को किसानों ने 29 लाख 46 हजार और केन्द्र तथा राज्य सरकार प्रत्येक ने 56 लाख 82 हजार रुपए का प्रीमियम दिया है। इस तरह वर्ष 2021 में किसानों ने 811 करोड़ 8 लाख, राज्य सरकार ने 2954 करोड़ 61 लाख और केन्द्र सरकार ने 2954 करोड़ 61 लाख रुपए का प्रीमियम दिया है। इस वर्ष हुए फसल नुकसान के दावों का भुगतान अब तक बीमा कंपनियों ने नहीं किया है।
इसी तरह वर्ष 2022 में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी आॅफ इंडिया लिमिटेड, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी और को खरीफ और रबी सीजन में किसानों ने 653 करोड़ 91 लाख रुपए का प्रीमियम दिया है। राज्य सरकार ने 1588 करोड़ 24 लाख और केन्द्र सरकार ने 1588 करोड़ 24 लाख रुपए बीमा प्रीमियम के रुप में चुकाए है। लेकिन इन दोनो वर्षो में इन सभी बीमा कंपनियों ने अब तक किसानों को फसलों को हुए नुकसान के लिए किए गए दावों का भुगतान नहीं किया है।