International Coconut Day:: अपने जीवन में एक पेड़ नारियल का जरुर लगाना चाहिए ,यह भी तीर्थ करने जैसा शुभ काम है
रूचि बागडदेव की ख़ास रिपोर्ट
आज अंतर्राष्ट्रीय नारियल दिवस है…नारियल का चरित्र बहुत प्रेरक होता है , अक्सर पिता का रूप नारियल जैसा होता है जो ऊपर एक कठोर आवरण रखते है पर अन्दर से मर्म ,अर्थात नरम दिल .नारियल को सदैव शुभ मंगल कारी फल श्री फल कहा गया है .कोई भी पूजा इसके बिना अधूरी मानी जाती है. किसी भी शुभ काम की शुरुआत नारियल रखकर या फिर नारियल फोड़कर की जाती है. गृहप्रवेश से लेकर नवरात्र की पूजा हो या घर में कोई शुभ कार्य नारियल मंदिर में जरुर रखा जाता है. ऐसे में इसे क्यों पूजा में शामिल किया जाता है.
कलाकृति -डॉ ,सुनीता फडनीस , श्रीमती प्रभा जैन
हिंदू धर्म में नारियल को पूजने की शुरुआत कैसे हुई आइए सब जानते हैं. पौराणिक कथाओं में अनुसार विश्वामित्र ने नारियल तैयार किया था. कहते हैं एक बार इंद्र देव से विश्वामित्र इस तरह नाराज़ हुए कि उन्होंने दूसरे स्वर्ग लोक का निर्माण करने के बारे में सोचा. उस पर जब काम शुरु किया तो दूसरे लोक की सृष्टि का निर्माण करते हुए उन्होंने नारियल को मानव रूप मानकर तैयार किया. अगर आप ध्यान दें तो नारियल पर आपको 3 गोल निशान दिखते हैं जो 2 आंख और एक नाक की तरह होते हैं. नारियल का मुंह इंसानी रूप की तरह ही दिखता है.
कलाकृति -चित्रकार वन्दिता श्रीवास्तव
कुछ कथा कहानियों में नारियल को त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी माना जाता है. कहते है नारियल में इन तीनो देवों का वास होता है. इतना ही नहीं नारियल के ये तीन छेद भगवान शिव के त्रिनेत्र भी माना जाता है. पूजा में नारियल फोड़ने का अर्थ ये होता है की व्यक्ति ने स्वयं को अपने इष्ट देव के चरणों में समर्पित कर दिया और प्रभु के समक्ष उसका कोई अस्तित्व नहीं है. इसलिए पूजा में भगवान के समक्ष नारियल फोड़ा जाता है.
नारियल की पोष्टिकता ,नारियल में जल का संचय ,नारियल का स्वरुप ,उसकी समर्पित वृति ,पवित्रता ,लम्बे समय तक मनुष्य को नारियल के रूप में पानी ,तेल , उसका खोल ,उसके सूखे रेशे ,उसकी सब्जी ,मिठाई ,फल , सुखा मेवा , उसके रेशों से नर्म क्वायर गद्दे ,मंदिरों की अर्थ व्यवस्था ,खरबों रुपये का अन्तराष्ट्रीय व्यापार ,उपहार गोद कितना कुछ है जो कहता है की नारियल जैसे उपयोगी बनिए ,आपका हर काम समाज और प्रकृति के लिए हो .अपने जीवन में एक पेड़ नारियल का जरुर लगाना चाहिए ,यह भी तीर्थ करने जैसा शुभ काम है.